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पशुपालन, डेयरी, गौपालन एवं मत्स्य विभाग की समीक्षा, गौशालाओं को जल्द से जल्द वितरित हो अनुदान - मुख्यमंत्री

पशुपालन, डेयरी, गौपालन एवं मत्स्य विभाग की समीक्षा गौशालाओं को जल्द से जल्द वितरित हो अनुदान - मुख्यमंत्री

जयपुर, 8 मई। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि गौशालाओं को राज्य सरकार की ओर से दिया जाने वाला अनुदान जल्द से जल्द वितरित किया जाए। इसमें किसी तरह की देरी नहीं हो। सरकार ने गौशालाओं को करीब 275 करोड़ रूपए का अनुदान दिया है। कोविड-19 महामारी से परेशानी झेल रहे गौशाला संचालकों को इससे राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि डेयरी एवं पशुपालन अर्थव्यवस्था तथा किसानों की आजीविका का प्रमुख आधार है। कोरोना महामारी के कारण राज्य सरकार पशुपालकों एवं किसानों को किसी तरह की परेशानी नहीं आने देगी।

श्री गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पशुपालन, डेयरी, मत्स्य एवं गौपालन विभाग की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण दुग्ध उत्पादों की मांग पर असर पड़ा है। ऎसे में डेयरियों को अपनी विपणन व्यवस्था को मजबूत बनाना चाहिए। साथ ही, ऐसे विकल्प तलाशें जाएं जिनसे पशुपालकों एवं किसानों की आय बढ़ाई जा सके। उन्होंने अन्य डेयरी संघों की तुलना में जयपुर डेयरी संघ की दुग्ध दरों में अंतर का परीक्षण कराने के निर्देश दिए ताकि यहां के पशुपालकों को नुकसान न हो।

मनरेगा योजना में अधिक से अधिक काम शुरू करें

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इस महामारी के कारण बेरोजगारी की मार झेल रहे श्रमिकों, किसानों, खेतिहर मजदूरों, पशुपालकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा में अधिक से अधिक कार्य शुरू किए जाएं। उन्होंने कहा कि आवारा पशुओं के कारण किसानों की फसलें चौपट हो जाती हैं और दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। आवारा पशुओं की इस समस्या को दूर करने के लिए पुख्ता प्रबंध किए जाएं। पश्चिमी राजस्थान के जिलों में चारे की कमी की समस्या को दूर किया जाए।

कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने कहा कि कोरोना के कारण मत्स्य पालन एवं मुर्गी पालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राज्य सरकार तो इन्हें राहत दे ही रही है। भारत सरकार को भी संकट की इस घड़ी में सहायता के लिए आग्रह किया जाए।

कोविड महामारी के कारण दुग्ध उत्पादों की मांग हुई कम

गौपालन मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि कोविड महामारी के कारण प्रदेशभर में दुग्ध उत्पादों की मांग और सप्लाई में काफी अंतर आया है। डेयरी संघों के सामने भी तरलता का संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण यदि और बढ़ता है तो विभाग ने दुग्ध उत्पादों की डोर-टू-डोर सप्लाई की तैयारी कर रखी है। पशुपालन राज्य मंत्री श्री भजन लाल जाटव ने गौशालाओं के कार्य मनरेगा के माध्यम से कराए जाने का सुझाव दिया।

मांग बढ़ाने के लिए विभाग कर रहा प्रयास

शासन सचिव, पशुपालन, डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन के कारण डेयरियों के दुग्ध संकलन में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि मांग 30 से 35 प्रतिशत तक घट गई है। सभी दुग्ध उत्पादों की खपत में बड़ी गिरावट आई है। देशभर में अन्य डेयरियों ने भी लॉकडाउन का असर पड़ने के कारण दूध की दरों में कमी की है। लॉकडाउन से पड़े विपरीत प्रभाव को कम करने के लिए राजकीय विभागों, भारतीय सेना और दिल्ली डेयरी में दुग्ध आपूर्ति बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता, अति. मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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