राजस्थान आने वाले श्रमिकों के रोजगार के लिए सरकार चिन्तित - मुख्यमंत्री
श्रम विभाग की समीक्षा : प्रदेश में बनेगा
ʻलेबर एम्पलॉयमेंट एक्सचेंजʼ
जयपुर, 16
मई। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कोविड-19 महामारी
के कारण पैदा हुई स्थितियों को देखते हुए प्रदेश में ऑनलाइन ‘लेबर एम्पलॉयमेंट एक्सचेंजʼ बनाया जाए, ताकि लॉकडाउन के कारण संकट का सामना कर रहे
श्रमिकों को उनके कौशल के अनुरूप रोजगार मिल सके और उद्योगों को उनकी जरूरत के मुताबिक
श्रमिक उपलब्ध हो सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आने वाले एवं जाने वाले श्रमिकों
तथा संनिर्माण श्रमिकों की ऑनलाइन मैपिंग की जाए।
श्री गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास
पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से श्रम विभाग की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा
कि आपदा के इस दौर में श्रमिकों को संबल देना हमारा दायित्व है। इसे लेकर राज्य सरकार
चिन्तित है। दूसरी तरफ उद्योगों को पटरी पर लाने के लिए श्रमिकों की उपलब्धता सुनिश्चित
करना जरूरी है। श्रम विभाग की इसमें बड़ी भूमिका है। विभाग इसके लिए वे सभी प्रयास करे, जिनसे पीड़ा झेल रहे इन श्रमिकों को जल्द
से जल्द राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि स्किल डवलपमेंट के नए प्रोजेक्ट डिजाइन किए
जाएं, जिनसे वर्तमान जरूरतों के मुताबिक श्रमिकों
का कौशल विकास हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देशव्यापी लॉकडाउन
के कारण बड़ी संख्या में राजस्थान में प्रवासी श्रमिक आए हैं और यहां से श्रमिक अन्य
राज्यों में गए हैं। श्रम विभाग आने वाले श्रमिकों की योग्यता एवं उद्योगों की आवश्यकता
के अनुरूप उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करे, ताकि
ये श्रमिक उद्यमों में नियोजित होकर अपनी आजीविका अर्जन कर सकें। साथ ही श्रमिकों की
अनुपलब्धता के कारण बंद बड़ी औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन शुरू हो सके।
श्रम कानूनों में हो सुधार
श्री गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन के कारण उद्योग
जगत का पूरा परिदृश्य बदल गया है। साथ ही श्रमिकों के नियोजन की एक बड़ी चुनौती हमारे
सामने है। ऐसे में समय की जरूरत के अनुसार श्रम कानूनों में परिवर्तन और सुधार की आवश्यकता
है। उन्होंने वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप श्रमिकों के हित में श्रम कानूनों में
यथासम्भव सुधार करने पर जोर दिया। उन्होंने श्रम विभाग की ज्यादा से ज्यादा योजनाओं
एवं कार्यक्रमों को ऑनलाइन किए जाने के निर्देश भी दिए।
प्रवासी राजस्थानी श्रमिक कल्याण कोष के
गठन को मंजूरी
मुख्यमंत्री ने बैठक में प्रवासी राजस्थानी
श्रमिकों के कल्याण के लिए बजट में घोषित ‘प्रवासी
राजस्थानी श्रमिक कल्याण कोष‘
के गठन को भी मंजूरी प्रदान
की। उन्होंने कहा कि इस कल्याण कोष के माध्यम से प्रवासी राजस्थानी श्रमिकों को उनकी
जरूरत के अनुरूप आवश्यक मदद प्रदान की जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि
गरीब, जरूरतमंद एवं श्रमिकों के कल्याण के लिए
जो भी योजनाएं संचालित हैं,
मुसीबत के इस समय में
उनके माध्यम से हरसम्भव सहायता सुनिश्चित की जाए। श्रम विभाग भारत सरकार की गाइडलाइन
के अनुसार यह भी सुनिश्चित करे कि कोई उद्यमी श्रमिकों को नहीं हटाए और उनका वेतन नहीं
काटे।
विदेश से आने वाले हर यात्री का करवाएं पीसीआर
टेस्ट
श्री गहलोत ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश
दिए कि विदेश से फ्लाइट के माध्यम से आने वाले हर यात्री का पीसीआर टेस्ट किया जाए, ताकि संक्रमण फैलने का खतरा नहीं रहे। उन्होंने
कहा कि विदेशों से दिल्ली आने वाले राजस्थान के यात्रियों को जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर एवं अजमेर लाकर भी उनके स्वयं के
खर्चे पर क्वारेंटीन किया जा सकता है। इसके लिए आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।
राज्य सरकार श्रमिकों के हित में कर रही
बेहतर काम
श्रम राज्यमंत्री श्री टीकाराम जूली ने कहा
कि राजस्थान सरकार श्रमिकों के आवागमन एवं उनके हितों को लेकर बेहतर ढंग से काम कर
रही है। उन्होंने बताया कि विभाग प्रवासी श्रमिकों के कौशल के अनुरूप उनका डाटाबेस
तैयार करवा रहा है,
ताकि उन्हें उद्योगों
की आवश्यकता के अनुरूप रोजगार से जोड़ा जा सके। कौशल विकास राज्यमंत्री श्री अशोक चांदना
ने कहा कि प्रदेश में आए श्रमिकों का राजस्थान राज्य आजीविका विकास निगम के माध्यम
से कौशल विकास करवाया जाएगा।
सप्लाई चैन के लिए श्रमिकों की उपलब्धता
जरूरी
मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता ने कहा कि निर्माण
कार्य बंद होने से बड़ी संख्या में निर्माण श्रमिक बेरोजगार हुए हैं, श्रम विभाग इन्हें वापस रोजगार उपलब्ध करवाने
के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करे। उन्होंने कहा कि विभिन्न उद्योगों के लिए श्रमिकों
की उपलब्धता बेहद जरूरी है,
ताकि सप्लाई चैन नहीं
टूटे।
अब तक 6 लाख श्रमिक आ चुके राजस्थान
शासन सचिव श्रम श्री नीरज के पवन ने बताया
कि अब तक करीब 6 लाख श्रमिक राजस्थान आ चुके हैं और करीब एक लाख 35 हजार श्रमिक राजस्थान
से जा चुके हैं। श्रम विभाग इनका डाटाबेस तैयार करवा रहा है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों
की मैपिंग का कार्य पूरा होने के बाद राज्य आजीविका विकास निगम के माध्यम से इनका कौशल
विकास करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि विगत वर्षों में विभाग द्वारा प्रशिक्षित करीब
4 लाख लोगों की सूची उद्योग एवं स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करवाई गई है, ताकि उन्हें आवश्यकता के अनुरूप नियोजित
किया जा सके।
No comments