पशुपालन विभाग ने पशुओं को रोगों से बचाने एवं पशुपालकों को राहत पहुंचाने के लिए किए व्यापक इंतजाम
- 65 प्रकार की औषधियां चिकित्सा इकाइयों पर उपलब्ध, गलघोंटू, फड़किया और लंगड़ा बुखार के 7 लाख टीकों का वितरण, 15 लाख टीके और पहुंचाएंगे
-गौशालाओं के लिए 270 करोड़ रूपए के अनुदान का प्रावधान किया, 100 करोड़ रूपए का भुगतान
जयपुर, 7 मई।
पशुपालन विभाग ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के
दौरान पशुओं को रोगों से बचाने एवं पशुपालकों को राहत पहुंचाने के लिए व्यापक इंतजाम
किए हैं। राज्य में पशु चिकित्सा से जुडी तमाम ईकाईयां पूर्व की तरह यथावत खुली हैं
एवं रोगी पशुओं की नियमित चिकित्सा की जा रही है।
पशुपालन मंत्री श्री लाल चन्द कटारिया ने
बताया कि मुख्यमंत्री की ओर से कोविड-19 के
संक्रमण के दौरान दिए गए निर्देशों के अनुसार पशुओं और पशुपालकों को लाभ पहुंचाने के
लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि लॉक डाउन में 65 प्रकार की औषधियां विभागीय चिकित्सा इकाइयों
पर उपलब्ध है जबकि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए पशु स्वास्थ्य कर्मियों को मास्क, सेनेटाइजर, साबुन, ग्लब्स
उपलब्ध कराए गए हैं।
उन्होने बताया कि पशुधन निःशुल्क आरोग्य
योजनान्तर्गत राज्य के सभी जिलों में पशु दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए
वाहनों की पर्याप्त व्यवस्था की हुई है।
श्री कटारिया ने बताया कि राज्य की एकमात्र
पशु वैक्सीन उत्पादक जैविक ईकाई द्वारा मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए गलघोंटू, फड़किया और लंगड़ा बुखार के 7 लाख टीकों का पशु चिकित्सा संस्थाओं को
वितरण किया जा चुका है जबकि अगले सप्ताह तक 15 लाख
और टीकों का वितरण कर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि लॉक डाउन के दौरान पशु
चारे के परिवहन को अनुमत कराया जा चुका है और राज्य की 1950 पंजीकृत गौशालाओं को पशुओं के भरण-पोषण के
लिए 270 करोड़ रूपए के अनुदान का प्रावधान किया गया
है जिसमें से 100 करोड़ रूपए का भुगतान पंजीकृत गौशालाओं के
लिए किया जा चुका है।
पशुपालन, मत्स्य और डेयरी की सभी गतिविधियां अनुमत
पशुपालन मंत्री ने बताया कि वैश्विक महामारी
कोविड-19 के तहत वर्तमान में चल रहे लॉक डाउन में
राज्य में पशुपालन,
मत्स्य और डेयरी की सभी
गतिविधियां प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से अनुमत की गई है। उन्होंने बताया कि पशु
दाना व चारा, मुर्गी दाना, मछली आहार और पशुधन उत्पाद की बिक्री करने
वाली दुकानें भी इसमें शामिल है। साथ ही मुर्गी पालन के लिए सभी विनिर्माण इकाईयां
जिसके अन्तर्गत पैकेजिंग और अन्य इकाईया जो आपूर्ति का हिस्सा है को भी अनुमत किया
गया है।
35 हजार पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड से
जोड़ा
श्री कटारिया ने बताया कि विभाग की ओर से
राज्य के पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से लगभग 35 हजार पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड से
जुड़वाया जा चुका है और उनके आवेदन संबंधित बैंकों को अग्रेषित करवाये जा चुके हैं।
विभागीय गतिविधियों को गति देने के लिए 134 करोड़ की कार्य योजना बनाई
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