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# राजस्थान_सतर्क_है : कोरोना को लेकर राज्य सरकार कर रही माइक्रो लेवल पर काम, केसेज बढ़ने के बाद भी हालात नियंत्रण में - चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री


जयपुर, 27 मई। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कोरोना को लेकर योजनाबद्ध और माइक्रो लेवल पर काम हो रहा है। राज्य में केसेज बढ़ने के बाद भी कोरोना नियंत्रण में है। सरकार की सतर्कता के चलते ही केंद्र सरकार ने भी जयपुर को कोरोना की रोकथाम में रोल मॉडल माना है।

डॉ. शर्मा ने बताया कि जहां हर काम पूरे योजनाबद्ध माइक्रो मैनेजमेंट के साथ हो रहा हो। स्वयं मुख्यमंत्री छोटी-छोटी बातों को लेकर सजग हैं, लगातार अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए पल-पल की खबर ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भले ही पॉजिटिव केसेज बढ़ जाएं लेकिन इसे नियंत्रण करने के दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं।

आगामी दिनों में संक्रमितों का ग्राफ होगा कम

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश के 32 जिलों में कोरोना संक्रमित मिले हैं, इनमें से 12 वे जिले हैं जो ग्रीन से रेड जोन में तब्दील हो गए। उन्होंने कहा कि सरकार ने सजगता से आने वालो को संस्थागत और होम क्वारंटीन सुविधाएं दी है। आने वाले भी अनुशासन से 14 दिनों के क्वारंटाइन पीरियड का पालन कर रहे हैं। इसे देखकर लगता है कि आने वाले दिनों कोरोना पीड़ितों का बढ़ा ग्राफ स्थिर हो जाएगा।  उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि  आगामी जून माह तक संक्रमण के ग्राफ को नीचे लाने में सफलता प्राप्त हो सकेगी।

जयपुर में हुए कार्यों की प्रशंसा

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि जयपुर के रामंगज क्षेत्र में एक साथ कोरोना संक्रमितों के आने से स्थिति भयावह हो गई थी लेकिन सरकार ने क्षेत्र को जनसंख्या के आधार पर क्लक्टर्स में बांटकर जिस तरह रैंडम सैंपलिंग कर लोगों की श्रेणीवार पहचान की। सरकार पूरी तरह सतर्क और सजग थी, यही वजह रही कि केंद्र सरकार ने भी राज्य सरकार द्वारा किए कार्याे की तारीफ की। केंद्र सरकार ने जयपुर को उन 4 महानगरों में शामिल किया है, जहां कोरोना की रोकथाम के लिए बेहतर काम हुआ है। उन्होंने कहा कि जब सरकार इतने सघन जनसंख्या वाले क्षेत्र में कोरोना को नियंत्रित कर सकती है तो प्रदेश के अन्य हिस्सों को भी नियंत्रित किया जा सकता है।

प्रत्येक जिले में विकसित होगी जांच सुविधा

डॉ. शर्मा ने कहा कि प्रदेश में 16500 जांचें प्रतिदिन करने की क्षमता विकसित कर ली है। आगामी दिनों में जांच क्षमता 25000 हो जाएगी। इसके बाद भी इसमें लगातार बढ़ोतरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की सभी जिला मुख्यालयों पर जांच सुविधा विकसित करने की मंशा है। इस पर व्यापक स्तर पर काम भी हो रहा है।

हर मामले में राज्य सरकार आगे

उन्होंने ने बताया कि राष्ट्रीय औसत के मुकाबले प्रदेश में कोरोना की मृत्युदर केवल 2.2 प्रतिशत है। यही नहीं प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव केसेज के दोगुने होने की रफ्तार भी 18 दिन ही है। प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के नेगेटिव होने का रेशो भी कई राज्यों से बेहतर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रवासियों के आने के बाद पॉजिटिव केसेज में बढ़ोतरी देखी गई है। मई माह के बाद पॉजिटिव में से 64 फीसद बाहर से आने वाले प्रवासी राजस्थानी और कामगार ही रहे।

हर बाहरी व्यक्ति की हो रही है व्यापक जांच

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि चिकिसा विभाग की टीमों द्वारा बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जा रही है। एयरपोर्ट पर उतरने वाले प्रत्येक व्यक्ति की स्क्रीनिंग के साथ ऑक्सीजन सैचुरेशन स्तर जांचा जा रहा है। खांसी, जुकाम और बुखार वाले व्यक्ति की जांच कर हैं और सभी लोगों के लिए 14 दिनों का क्वारंटाइन अनिवार्य किया हुआ है। इस तरह रेलवे और बसों से आने वाले लोगों की भी प्रोटोकोल के तहत जांचें की जा रही है। सभी जगह एक्टिव सर्विलांस की जा रही है।

जनजागरूकता व अनुशासन काबिले तारीफ

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि जिस जागरूकता और अनुशासन का परिचय राज्य की जनता ने पिछले 60 दिनों में दिया है, वह काबिले तारीफ है। उन्होंने कहा कि कोरोना का न तो कोई इलाज अभी सामने आया है और ना ही इसके खत्म होने की कोई जानकारी है। ऎसे में कोरोना को जीवनशैली से जोड़कर और सावधानियों के साथ मसलन बार-बार हाथ धोकर, समूह में ना जाकर, सोशल डिस्टेंसिंग रखकर ही हम कोरोना को हरा सकते हैं।

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