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चिकित्सा मंत्री ने एसएमएस में प्लाज़्मा थेरेपी ट्रीटमेंट का औपचारिक शुभारंभ किया



जयपुर, 6 मई। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ.रघु शर्मा ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा एसएमएस मेडिकल कॉलेज में प्लाज़्मा थेरेपी से ट्रीटमेंट का औपचारिक शुभारंभ किया। एसएमएस को आईसीएमआर से 20 क्रिटिकल मरीजो का इस थेरेपी से उपचार करने की अनुमति प्राप्त हुई है।  ड्रग कंट्रोलर से भी और अधिक मरीजो के उपचार की अनुमति प्राप्त हुई है।

डॉ.शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में प्लाज़्मा थेरेपी की ट्रायल प्रारंभ कर सफलता प्राप्त की एवं आईसीएमआर की अनुमति प्राप्त होने के बाद आज से  इसकी औपचारिक शुरुआत की गई । उन्होंने कोरोना के उपचार के लिए एसएमएस में किये सफल प्रयोगों के लिए डॉ. भंडारी एवं उनकी पूरी टीम को बधाई दी।

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि सवाई मानसिंह चिकित्सालय के डॉक्टर्स की टीम ने कोविड-19 मरीजों के लिए विश्व स्तरीय जांच एवं इलाज की सुविधा उपलब्ध करवाई है। इससे अधिक मरीज ठीक भी हो रहे हैं।  एसएमएस मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 मरीजों का सीटी स्कैन, पलमोनरी एंजियोग्राफीलंग की अल्ट्रासोनोग्राफी एवं उच्च स्तरीय ब्लड टेस्ट किए जा रहे हैं।  इनमें इन्फ्लेमेटरी मार्कर्स एवं साइटोकैनिसेस लेवल इत्यादि शामिल है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज की टीम ने कोविड-19 के मरीजों के इलाज में सबसे पहले हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन को सम्मिलित किया एवं इलाज में इसके इस्तेमाल के नतीजे सफल रहे । हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन एवं एंटीवायरल ड्रग्स का सबसे पहले प्रयोग करने से इसके बारे में पूरे विश्व में मंथन एवं ट्रायल शुरू हुआ।  उन्होंने इस अभिनव प्रयास के लिए मेडिकल कॉलेज की टीम को बधाई दी।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री रोहित कुमार सिंह ने बताया कि सेम्पलिंग, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट सभी क्षेत्रों में एसएमएस ने शानदार कार्य किया है। प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों एव समस्त अस्पतालों में भी पूर्ण समर्पण भाव से चिकित्सा कर्मी कार्य कर रहे हैं।

चिकित्सा शिक्षा सचिव श्री वैभव गेलरिया ने कहा कि समुचित प्रबंधन से प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं।

एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी ने विस्तार से प्लाज़्मा थेरेपी के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि पॉजिटिव से नेगेटिव हुए कोरोना मरीजों का 28 दिन बाद पुनः कोरोना टेस्ट के बाद ही उनका प्लाज़्मा लेकर क्रिटिकल कोरोना मरीजों का उपचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रारम्भिक ट्रायल में प्लाज़्मा थेरेपी के अत्यंत सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं। आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार तथा मरीज के ब्लड ग्रुप की मेचिंग करने के बाद ही प्लाज़्मा थेरेपी प्रारम्भ की जाती है। एसएमएस अस्पताल के डॉ. बनर्जी, डॉ. रमन शर्मा , डॉ. प्रकाश केसवानी, डॉ.सुनीता बुंदुस ,डॉ.अजीत सिंह ने संबंधित जानकारी दी।

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