राज्य सरकार ने दी उद्योगों को अनेक रियायतें, अब उद्योग भी आएं आगे- उद्योग मंत्री
जयपुर, 11 मई।
उद्योग मंत्री श्री परसादी लाल मीणा ने कहा है कि राज्य सरकार ने प्रदेश की औद्योगिक
इकाइयों को अनेक रियायतें देते हुए औद्योगिक गतिविधियों को पटरी पर लाने की पहल की
है। उन्होंने कहा कि अब उद्योगों का भी दायित्व हो जाता है कि अर्थ व्यवस्था के सुचारु
संचालन के लिए वे बिना किसी भय व शंकाओं के औद्योगिक गतिविधियां आरंभ करें। प्रदेश
में करीब 12 हजार 500 लघु, सूक्ष्म, मध्य
और दीर्घाकार औद्योगिक इकाइयों ने काम आंरभ किया है।
श्री मीणा ने बताया कि राज्य में उद्योग
धंधों को शुरु कराने के लिए प्रक्रियाओं के सरलीकरण और आसान बनाने के लिए निरंतर कदम
उठाए गए जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा उद्योगों के संचालन के लिए औद्योगिक क्षेत्रों
को खोलने, इकाइयों के संचालन के लिए अनुमति की आवश्यकता
नहीं होने, श्रमिकों के आवागमन के लिए पास की छूट, उद्योग विभाग व रीको स्तर पर कंट्रोल रुम
स्थापित कर समस्याओं व शंकाओ का निराकरण सहित लगातार सहयोग व रियायते दी जा रही है।
स्वयं मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 7 मई
और 10 अप्रेल को औद्योगिक संघों के प्रतिनिधियों
से वीसी के माध्यम से संवाद कायम कर उद्यमियों में भय व शंकाओं को दूर किया है। उन्होंने
बताया कि राज्य में एक जिले से दूसरे जिले में आवागमन के लिए पास की अनिवार्यता भी
हटा दी गई है। इससे एक से अधिक जिलों में स्थापित एक ही उद्यमी को अपनी औद्योगिक इकाईयॉ
संचालित करना आसान हो गया है तथा जिनका निवास किसी दूसरे जिले में था और इकाई किसी
दूसरे जिले में थी,
उनके लिये भी आसानी हो
गयी है।
श्री मीणा ने कहा कि श्रमिकों से 12 घंटें काम कराने की अनुमति देने के साथ ही
प्रातः 7 से सायं 7 बजे
तक आवागमन की अनुमति को देखते हुए श्रमिकों को आठ से छह बजे तक बुलाने को कहा गया है।
रात की शिफ्ट की आवश्यकता हो तो सायं 7 बजे
पहले ही श्रमिकों को बुलाने व प्रातः 7 बजे
जाने देने के निर्देश दिए गए हैं।
एसीएस उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया
कि उद्योगों के संचालन के लिए श्रम विभाग ने भी विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर कई शंकाओं
का समाधान व समस्याओं का निराकरण कर दिया है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण कुटीर उद्योगों
में भी उत्पादन कार्य शुरु होने से छोटे-छोटे काम करने वालों और परंपरागतम ग्रामीण
उद्योग शुरु हुए है इससे ग्रामीण क्षेत्र में भी रोजगार गतिविधियां आरंभ हुई है।
उद्योग आयुक्त श्री मुक्तानन्द अग्रवाल ने
बताया कि केन्द्र व राज्य सरकार की एडवाइजरी और सुरक्षा प्रोटोकाल की पालना सुनिश्चित
करने के निर्देश और सोशल डिस्टेंस की पालना के कारण अनेक औद्योगिक इकाइयों द्वारा लगभग
30 प्रतिशत श्रमिकों/कार्मिकों से ही काम लिया
जा रहा है। उन्होंने बताया कि इन इकाइयों द्वारा 50 प्रतिशत
या इससे कम उत्पादन क्षमता पर कार्य हो रहा है।
No comments