पैदल चल रहे श्रमिकों को शिविरों में पहुंचाने के लिए सड़कों पर नियमित पेट्रोलिंग, हर उपखण्ड अधिकारी को दो बसें कराई उपलब्ध - संभागीय आयुक्त
- जिले में 12 श्रमिक कैम्प संचालित, सड़क पर चलते श्रमिकों को रोककर कैम्पों में
रखा जा रहा उनका ध्यान,
भोजन, चिकित्सा के साथ की जा रही काउन्सलिंग
- भरतपुर जिले में 5 हजार क्षमता के श्रमिक
कैम्प स्थापित करने के निर्देष
- उत्तरप्रदेश जा रहे श्रमिकों को हाथरस
तक छोडे़गी रोडवेज की बसें
- बिहार-बंगाल राज्य की सहमति से ट्रेन का
इंतजार
जयपुर, 14
मई। संभागीय आयुक्त श्री के.सी.वर्मा ने कहा है कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत एवं
राज्य सरकार के स्पष्ट निर्देष हैं कि कोई भी श्रमिक यूपी, बिहार, बंगाल
या दूसरे राज्यों में स्थित अपने घरों के लिए पैदल सड़कों पर नहीं निकले। इन्हीं निर्देशों
के अनुरूप जयपुर से भरतपुर तक हर उपखण्ड अधिकारी के पास रोडवेज की दो-दो बसें तैयार
खड़ी करवाई गई हैं ताकि पैदल चल रहे श्रमिकों को शिविरों में ठहराया जा सके। बस्सी, सांगानेर, 200
फीट बाइपास, हरमाड़ा, कूकस, कानोता जैसी करीब एक दर्जन जगहों पर श्रमिक
कैम्प स्थापित किए गए हैं जहां रेल से यात्रा का प्रबन्ध होने तक बिहार एवं बंगाल जाने
के लिए पैदल चलते श्रमिकों को रोककर उनके भोजन, आराम
की व्यवस्था की जा रही है।
संभागीय आयुक्त ने गुरूवार को मीडिया से
वार्ता करते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश जाने वाले श्रमिकों को रोडवेज की बसों से समझौते
के तहत हाथरस तक भिजवाया जा रहा है। लेकिन अभी बंगाल एवं बिहार के लिए सहमति नहीं बनी
है इसलिए इनके लिए रेलयात्रा का प्रबन्ध होने तक श्रमिक कैम्पों में रखा जा रहा है।
श्री वर्मा ने बताया कि लॉकडाउन में अन्य राज्यों के 13727 इच्छुक प्रवासियों को जयपुर
जिले से गृह राज्यों में भेजा गया है। वर्तमान में श्रमिकों के लिए जयपुर जिले में
कुल 12 शेल्टर होम संचालित हैं,
जिनकी क्षमता लगभग
2500 है।
जयपुर जिले में सड़क पर पैदल चलने वाले प्रवासियों
को रोककर तत्काल बस द्वारा निकटतम शेल्टर होम में भेजकर उनके लिए मास्क, सैनेटाइजर तथा भोजन की व्यवस्था की जा रही
है तथा शीघ्र ही गंतव्य स्थान पर बस एवं रेल द्वारा प्रवासियों को भेजा जा रहा है।
भरतपुर के रास्ते के सभी उपखण्ड अधिकारियों को पैदल चलने वाले श्रमिकों को शेल्टर होम
में भिजवाने हेतु दो-दो बसें उपलब्ध करवाई गई हैं।
No comments