प्रवासी राजस्थानियों के साथ संवाद, सरकार का प्रयास प्रवासी राजस्थानियों का माटी से बढ़े जुड़ाव - मुख्यमंत्री
जयपुर,
9 मई। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राजस्थान सरकार का
संकल्प और प्रयास है कि दुनिया के अलग-अलग देशों में रह रहे प्रवासी राजस्थानियों
का अपनी माटी के साथ जुड़ाव बना रहे। इस उद्देश्य के लिए 20
वर्ष पहले राजस्थान फाउण्डेशन का गठन किया गया था और सरकार इसके
माध्यम से प्रवासियों के साथ बॉन्डिंग को मजबूत बना रही है।
श्री गहलोत ने
शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रवासी राजस्थानियों के साथ संवाद के
दौरान कहा कि विदेश में रहने वालों का अपने प्रांत के साथ अपनापन बढ़ाने में
राजस्थानी भाषा का बड़ा योगदान है। राज्य सरकार राजस्थानी भाषा के विकास और उसको
मान्यता दिलाने के लिए कृत-संकल्प है।
संकट की घड़ी में मदद के लिए प्रवासी बंधु साधुवाद के पात्र
मुख्यमंत्री ने कहा
कि महामारी जैसी वैश्विक आपदाएं पहले भी आई हैं, लेकिन कोरोना सक्रमंण ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। मानवता
पर इस संकट के दौरान विदेशों में रहने वाले
राजस्थानियों ने अपने प्रदेश और देश के लोगों की भरपूर मदद की है। वे सब साधुवाद
के पात्र हैं। उन्होंने प्रवासियों को विश्वास दिलाया कि राजस्थान में रहने वाले
उनके परिजनों को महामारी में किसी तरह की परेशानी होती है तो वे राज्य सरकार को
जिस भी स्तर पर सूचित करेंगे, उनकी तुरंत मदद की जाएगी।
राजस्थान में समय रहते उपाय करने से स्थिति नियंत्रण में
श्री गहलोत ने
कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा किये गये
प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा कि भारत में अन्य देशों के मुकाबले तुलनात्मक
रूप से बेहतर काम हुआ है। इसी कारण देश में संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है।
देश के अन्य राज्यों के मुकाबले राजस्थान में समय रहते कई उपाय किये गये,
जिसके चलते यहां संक्रमण की दर कम तथा रिकवरी प्रतिशत अधिक है।
50
से अधिक देशों से प्रवासियों ने किया संवाद
दुनिया के 50
देशों में 90 से अधिक जगहों पर रह रहे प्रवासी राजस्थानियों
ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मुख्यमंत्री से सवांद किया। उन्होंने राज्य
सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए किये जा रहे प्रयासों की सराहना
की और इस लड़ाई में राज्य सरकार के माध्यम से प्रदेशवासियों की मदद की पेशकश भी की।
उन्होंने फंसे हुए गरीब मजदूरों की आर्थिक मदद करने, उनको विदेशों में रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए
प्रशिक्षित करने, प्रदेश में शिक्षा तथा गांवों के
विकास में सहयोग जैसे प्रस्ताव भी दिये।
अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए दिए सुझाव
कॉफ्रेंस के दौरान
कई प्रवासी उद्यमियों ने कोरोना संकट एवं लॉकडाउन के बाद प्रदेश की अर्थव्यवस्था
को पटरी पर लाने के लिए भी महत्वपूर्ण सुझाव दिये। उन्होंने युवाओं के लिए कौशल
विकास, राजस्थानी संस्कृति और खान-पान की
विदेशों में ब्रान्डिंग एवं पैकेजिंग, नये उद्यमियों को
तकनीकी दक्षता उपलब्ध कराने में मदद के प्रस्ताव दिये।
साथ ही,
विभिन्न देशों में गठित प्रवासी राजस्थानियों के संगठनों एवं
औद्योगिक फोरम आदि के माध्यम से मुख्यमंत्री, मंत्रियों तथा
राज्य सरकार के अन्य प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को अपने यहां आमंत्रित किया।
उन्होंने कहा कि विश्व के बदले हुए आर्थिक हालात में विभिन्न
देशों के निवेशकों के साथ बैठक कर राजस्थान में निवेश के लिए प्रस्ताव दिये जा
सकते हैं।
उद्योग मंत्री श्री
परसादी लाल मीणा ने प्रवासियों द्वारा दिये गये सुझाव पर राज्य सरकार की ओर से
सकारात्मक सोच के साथ विचार करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इनके आधार पर
प्रदेश में विभिन्न औद्योगिक गतिविधियों के लिए भविष्य की योजनाएं तैयार की जाएंगी।
चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कोरोना से निपटने के लिए राजस्थान द्वारा किए
गए प्रयासों की जानकारी दी। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था,
शिक्षा, निवेश आदि क्षेत्रों के लिए प्रवासी
बंधुओं द्वारा दिए गए प्रस्ताव न केवल प्रदेश के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं,
बल्कि ये राजस्थानियों की आपसी बॉन्डिंग को मजबूत करने का भी काम
करेंगे। सरकार इन पर गंभीरता से विचार कर लागू करने के प्रयास करेगी।
कॉफ्रेंस के अन्त
में मुख्यमंत्री ने सभी प्रवासी बंधुओं का राजस्थानी भाषा में धन्यवाद व्यक्त करते
हुए कहा कि राजस्थानी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए राजस्थान
विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है। आशा है कि केंद्र
सरकार उचित कार्यवाही करेगी। उन्होंने देश-विदेश में इस भाषा की मौजदूगी एवं
मारवाड़ी संस्कृति के संरक्षण का श्रेय राजस्थानी परिवारों की महिलाओं को दिया।
राजस्थान फाउण्डेेशन के आयुक्त श्री धीरज श्रीवास्तव ने वीडियो कॉन्फ्रेंस का
संचालन किया।
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