राज्य में एक जून को सभी जिलों में एक साथ फसल रहन ऋण का होगा वितरण
रहन ऋण के लिए 4 हजार ग्राम सेवा सहकारी समितियों को किया
अधिकृत किसानों को 3
फीसदी ब्याज पर रहन ऋण
मिलेगा
जयपुर, 18 मई।
सहकारिता मंत्री, श्री उदयलाल आंजना ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौर में किसानों को कम दामों
पर फसल नही बेचनी पडे़ इसके लिए उपज रहन ऋण को 3 प्रतिशत
ब्याज दर पर देने का ऎतिहासिक फैसला किया है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के फैसले
को अमलीजामा देते हुए एक जून को सभी जिलों में किसानों को एक साथ फसल रहन ऋण वितरण
का शुभारंभ किया जाएगा।
श्री आंजना ने कहा कि प्रतिवर्ष कृषक कल्याण
कोष से 50 करोड रूपये का अनुदान इस योजना के लिए किसानों
को मिलेगा। उन्होंने कहा कि योजना में 7 प्रतिशत
ब्याज अनुदान राज्य सरकार वहन कर रही है। उन्होंने कहा कि लघु एवं सीमान्त किसानों
को 1.50 लाख रूपये तथा बड़े किसानों को 3 लाख रूपये रहन ऋण के रूप में मिलेंगे। किसान
को अपनी उपज का 70 प्रतिशत ऋण मिलेगा। बाजार में अच्छे भाव
आने पर किसान अपनी फसल को बेच सकेगा। इस योजना से किसान की तात्कालिक वित्तीय आवश्यकताएं
पूरी होगी।
प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता श्री नरेश पाल गंगवार ने सोमवार
को वीडियों कान्फ्रेंसिंग के दौरान जिले में पदस्थ अधिकारियों एवं व्यवस्थापकों को
संबोधित करते हुए कहा कि सहकारिता मंत्री राज्य में सहकारिता के ढांचे को सार्थक एवं
उपादेय बनाना चाहते है। मुख्यमंत्री द्वारा इस योजना में अनुदान देने से किसानों का
सीध जुडाव अब सहकारी समितियों से और मजबूत होगा और उनकी मदद भी बेहतर होगी।
श्री गंगवार ने कहा कि सरकार की मंशा है
कि प्रतिवर्ष 2 हजार करोड़ रूपये रहन ऋण के रूप में किसानों
की मदद की जाए। यह देश की एक यूनिक योजना है। जिसे मूर्त रूप देना आवश्यक है। उन्होंने
कहा कि इस कार्य में लगे कार्मिकों के लिए भी प्रोत्साहन योजना लाई जाएगी। अभी इस कार्य
के लिए 4 हजार जीएसएस को अधिकृत किया गया है आने वाले
समय में अन्य जीएसएस को भी इस कार्य में जोड़ा जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि असक्रिय
गौण मंडियों को भी शीघ्र सक्रिय किया जाए। जीएसएस एवं केवीएसएस घोषित 400 गौण मंडियां कार्य कर रही है। इन्हें लगातार
सक्रिय कर स्थायित्व प्रदान करे।
प्रबंध निदेशक, राजफैड़ श्रीमती सुषमा अरोड़ा ने कहा कि सरसों
एवं चने की समर्थन मूल्य पर 2
लाख 8 हजार से अधिक मीट्रिक टन खरीद हो चुकी है।
अधिकतर खरीद केन्द्र सक्रिय है। उन्होंने कहा कि जहां कही भी तकनीकी समस्या है हमें
तुरन्त अवगत करायें ताकि किसानों को परेशानी का सामना नही करना पड़े। उन्होंने कहा कि
52 हजार 921 किसानों
को 4.91 करोड़ रूपये का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने
निर्देश दिए कि ईडब्लयूआर शीघ्र भिजवायें ताकि किसानों को 3 से 4 दिवस
में भुगतान हो सके।
इससे पहले अतिरिक्त रजिस्ट्रार प्रथम श्रीमती
रश्मि गुप्ता ने वीसी के एजेंडा की शुरूआत कर बिन्दुवार चर्चा की। मार्केटिंग बोर्ड
के निदेशक श्री ताराचंद मीणा ने कहा कि मंडी सचिव गौण मंडी से लेकर किसी भी प्रकार
की समस्या आने पर तत्काल जीएसएस एवं केवीएसएस की मदद करे।
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