सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ पूरे हों कंटीन्जेंसी प्लान के कार्य, जनप्रतिनिधियों से भी करें निरंतर संवाद - मुख्यमंत्री
जयपुर, 13
मई। मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिये हैं कि गर्मी में
बेहतर पेयजल आपूर्ति के लिए कंटीन्जेंसी प्लान के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता के
साथ पूर्ण कराएं। उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर तीन दिन में सांसदों-विधायकों एवं अन्य
जनप्रतिनिधियों से सुझाव लेकर स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप योजना तैयार कर कार्यवाही
करें।
श्री गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास
पर पेयजल आपूर्ति के संबंध में सभी जिला कलेक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम
से समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर एवं जलदाय विभाग के अधिकारी सुनिश्चित
करें कि प्रदेश में पेयजल को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं हो। इसके लिए आरओ, हैंडपम्प एवं ट्यूबवैल मेंटीनेंस, पाइपलाइनों की मरम्मत एवं विस्तार, टैंकर से आपूर्ति सहित अन्य कामों में तेजी
से लाएं। साथ ही जिन जिलों में पेयजल परिवहन की आवश्यकता हो, वहां के लिए एडवांस प्लान तैयार करें। हैण्डपम्प
एवं ट्यूबवैल की जो स्वीकृतियां लंबित हैं, उन्हें
तुरंत जारी किया जाए।
लंबित परियोजनाओं को जल्द पूरा करने के लिए
बनाएं विशेष टीम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास
है कि पेयजल समस्या के स्थायी निराकरण के लिए प्रदेशभर में पेयजल से संबंधित सभी लंबित
प्रोजेक्ट तेजी से पूरे हों। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि लंबित परियोजनाओं
को गति देने के लिए एक विशेष टीम बनाई जाए, जो
निरंतर मॉनीटरिंग कर इन प्रोजेक्ट्स को जल्द से जल्द पूरे करवाएं। उन्होंने कहा कि
जनता के हित में शुरू किए गए महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट समय पर पूरे नहीं होने से न केवल
उनकी लागत बढ़ती है,
बल्कि लोगों को उनका समय
पर लाभ भी नहीं मिल पाता।
साप्ताहिक बैठक में आवश्यक रूप से करें पेयजल
आपूर्ति की समीक्षा
श्री गहलोत ने कहा कि जिला स्तर पर पेयजल
से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए नियंत्रण कक्ष मुस्तैदी से काम करें। लोगों की शिकायतों
का जल्द से जल्द निराकरण किया जाए। जिला कलेक्टर हर सप्ताह होने वाली समीक्षा बैठक
में पेयजल आपूर्ति की आवश्यक रूप से समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि हर गांव-ढाणी तक
पेयजल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान
में जल संकट कोई नई समस्या नहीं है। यहां कई बार अकाल पडे़ हैं, लेकिन हमारे पिछले कार्यकाल में हमने इसका
बेहतरीन ढंग से सामना किया और लोगों को पेयजल की परेशानी नहीं आने दी।
92 प्रतिशत से अधिक गांव-ढाणी में पेयजल योजनाओं
से आपूर्ति
जलदाय मंत्री श्री बीडी कल्ला ने कहा कि
हर बार पेयजल के लिए गर्मी के मौसम में कंटीन्जेंसी प्लान तैयार किया जाता था, लेकिन इस बार राज्य सरकार ने फरवरी माह में
ही कंटीन्जेंसी प्लान के तहत 65 करोड़ रूपए स्वीकृत कर दिए थे। हर जिले को
50-50 लाख रूपए इस प्लान के तहत दिए गए हैं और
हर जिले में आवश्यक काम शुरू भी हो गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में करीब 1 लाख 21
हजार 530 गांव ढाणी हैं, जिनमें से 92 प्रतिशत से अधिक में पेयजल योजनाओं के माध्यम
से आपूर्ति की जा रही है। पेजयल के संबंध में प्राप्त होने वाली शिकायतों का तुरंत
प्रभाव से निराकरण किया जा रहा है।
मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता ने कहा कि जिला
कलेक्टर एवं उपखण्ड अधिकारी सहित जलदाय विभाग से संबंधित अन्य अधिकारी पेयजल आपूर्ति
की शिकायतों को गंभीरता से लें और इनका तत्काल प्रभाव से निराकरण करना सुनिश्चित करें।
साथ ही जनप्रतिनिधियों से भी लगातार इस संबंध में चर्चा करते रहें।
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