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कोरोना संकट में साबित हुआ मनरेगा का महत्व - मुख्यमंत्री

सरपंचों से रूबरू हुए मुख्यमंत्री  कोरोना संकट में साबित हुआ मनरेगा का महत्व ः मुख्यमंत्री क्वारंटाइन व्यवस्थाओं में ग्रामीणों से मिला अच्छा सहयोग
सरपंचों से रूबरू हुए मुख्यमंत्री : क्वारंटाइन व्यवस्थाओं में ग्रामीणों से मिला अच्छा सहयोग

जयपुर, 30 मई। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोविड-19 महामारी के इस दौर ने यूपीए सरकार की महत्वाकांक्षी रोजगार योजना मनरेगा के महत्व को स्थापित कर दिया है। संकट के इस समय में इस योजना ने देश भर के गांवों में करोड़ों लोगों को जो संबल दिया है, वह इस योजना की सफलता को दर्शाता है। ऎसे समय में जब लोगों का रोजगार छिन गया था, मनरेगा ने उन्हें राहत दी है।

श्री गहलोत शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोरोना की इस जंग में वॉरियर्स के रूप में प्रभावी भूमिका निभा रहे सरपंच, ग्राम सेवक, पटवारी, बीएलओ, एएनएम, आशा सहयोगिनी सहित ग्राम पंचायत स्तर के लोगों से रूबरू हो रहे थे।

केन्द्र मनरेगा में कार्य दिवस 100 से बढ़ाकर 200 दिन करे

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी केन्द्र सरकार से मांग है कि मनरेगा में प्रति वर्ष कार्य दिवस 100 से बढ़ाकर 200 दिन किए जाएं। साथ ही भीषण गर्मी को देखते हुए काम के घंटे भी कम कर श्रमिकों को राहत दी जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग में राजस्थान अब तक इसीलिए सफल रहा, क्योंकि गांव से लेकर शहर तक आमजन ने पूरा सहयोग किया और हैल्थ प्रोटोकॉल एवं सरकार की एडवाइजरी की पालना सुनिश्चित की। उन्होंने कहा कि अब हमारा प्रयास है कि आर्थिक गतिविधियां पटरी पर लौटें ताकि जीवन रक्षा के साथ-साथ आजीविका भी सुचारू रूप से चलती रहे।

टीम भावना से सभी ने किया अच्छा काम

मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में होम क्वारंटाइन में रखे गए प्रवासी लोगों का ध्यान रखने में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ ग्रामीणों का अच्छा सहयोग मिला है। प्रवासी लोगों के लौटने के साथ कई जिलों में कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढ़ी थी, लेकिन ग्राम स्तर पर लोगों की जागरूकता से अब धीरे-धीरे यह नियंत्रण में आ रही है। इसमें सरपंच, वार्ड पंच से लेकर बीएलओ, ग्राम सेवक, पटवारियों सहित सभी ने टीम भावना से अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ इस जंग में अभी थकने का वक्त नहीं है, सभी लोग मिलकर व्यवस्थाओं को सुचारू बनाए रखने में अपना सहयोग जारी रखें।

टिड्डी नियंत्रण के लिए उठा रहे जरूरी कदम

श्री गहलोत ने कहा कि प्रदेश के कई जिलों में अभी टिड्डियों का प्रकोप है और किसानों को इससे होने वाले नुकसान को देखते हुए सरकार टिड्डी नियंत्रण के लिए आवश्यक कदम उठा रही है। पेयजल व्यवस्था सुचारू बनाए रखने के लिए राज्य सरकार ने कन्टीजेंसी प्लान के तहत 65 करोड़ रूपये दिए हैं। इसमें हर जिले को 50-50 लाख रूपये आवंटित किए गए है। इसके अलावा हर विधानसभा क्षेत्र में विधायकों की अनुशंषा पर पेयजल से सम्बन्धित कार्य तत्काल प्रभाव से हो सकें, इसके लिए 25 लाख रूपये प्रति विधानसभा क्षेत्र के लिए आवंटित किए गए हैं।

मास्क का उपयोग, सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी

श्री गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में हमें काफी हद तक कामयाबी मिली है। हम आगे भी सुरक्षित रहें इसके लिए मास्क पहनें, सोशल डिस्टेसिंग का पालन करेें एवं बार-बार हाथ धोने का महत्व समझें। सतर्कता बरतेंगे तो हम कोरोना के खिलाफ लड़ाई आसानी से जीत पाएंगे।

मनरेगा में रोजगार देने में राजस्थान नम्बर वन

वीसी के दौरान उप मुख्यमंत्री श्री सचिन पायलट ने कहा कि मनरेगा के माध्यम से रोजगार देने में राजस्थान देश में पहले स्थान पर है। आज राजस्थान में करीब 42 लाख 80 हजार लोग मनरेगा में नियोजित हैं, जो अब तक की सर्वाधिक संख्या है। बाहर से आए प्रवासियों को भी जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा में नियोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत 83 प्रतिशत काम व्यक्तिगत की श्रेणी में किए जा रहे हैं। साथ ही नियोजित श्रमिकों को समय पर भुगतान किया जा रहा है।

कन्टींजेंसी प्लान के बजट का किया सदुपयोग

जलदाय मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि प्रदेश में गर्मी के मौसम में पेयजल आपूर्ति में किसी तरह की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल से अभी तक 38 हजार हैडपम्पों की मरम्मत की गई है और 3 हजार 417 नए स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पानी की समस्याओं का त्वरित निस्तारण करने के लिए कन्टीजेंसी प्लान में उपलब्ध बजट का सदुपयोग किया जा रहा है।

कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने कहा कि कृषि विभाग किसानों के सहयोग से टिड्डी नियंत्रण की दिशा में प्रभावी कदम उठा रहा है। कृषि राज्य मंत्री श्री भजनलाल जाटव ने कहा कि बाजरा एवं मक्का के बीज किसानों को समय पर उपलब्ध होने से उन्हें बुवाई में राहत मिलेगी।

2 हजार डॉक्टरों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में अभी कोरोना टेस्टिंग की क्षमता 17 हजार 650 प्रतिदिन तक पहुंच गई है और आने वाले दिनों में यह 25 हजार प्रति दिन हो जाएगी। उन्होंने कहा कि 2 हजार डॉक्टरों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। चिकित्सा राज्य मंत्री श्री सुभाष गर्ग ने कहा कि कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण के साथ ही राज्य सरकार ने पानी, बिजली, रोजगार और कृषि सहित अन्य क्षेत्रों में शानदार प्रबन्धन किया है।

सरपंचों ने की राज्य सरकार के प्रबन्धन की सराहना

कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री से बूंदी जिले की नेगढ़ पंचायत के सरपंच श्री नरेन्द्र सिंह सोलंकी, भरतपुर की इकरान पंचायत के सरपंच श्री नेम सिंह, उदयपुर की सापेटिया पंचायत के सरपंच श्री भंवर पुष्करणा, जालोर की बीबलसर पंचायत के सरपंच श्री राजेन्द्र कुमार, जयपुर की गाड़ोता पंचायत के सरपंच श्री शिवजीराम, बांसवाड़ा की बागीदौरा की सरपंच श्रीमती रूकमणी आर्य, डूंगरपुर की पालवड़ा ग्राम पंचायत के सरपंच श्री रमेशचंद डामोर, श्रीगंगानगर की फरसेवाला के सरपंच श्री बलराम सियाग, जैसलमेर की अमरसागर ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती पूनम देवी परिहार, पाली की निमाज ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती दिव्या कुमारी, नागौर की शिव पंचायत के सरपंच श्री लालाराम अणदा, प्रतापगढ़ के नौगांवा के सरपंच श्री रामलाल मीणा, सिरोही के उन्दरा के सरपंच श्री महेन्द्र कुमार तथा अलवर के राईखेड़ा के सरपंच श्री विक्रम सिंह ने संवाद किया।

इन जनप्रतिनिधियों ने कोरोना संक्रमण को रोकने एवं लॉकडाउन के दौरान मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार के प्रबन्धन की सराहना की। उन्होंने कहा कि कोरोना की जांच, उपचार एवं क्वारंटाइन सहित सभी व्यवस्थाएं प्रशासन के सहयोग से सुचारू रूप से चल रही हैं। संकट की इस घड़ी में असहाय, निराश्रितों एवं जरूरतमंदों को राज्य सरकार ने सूखे राशन किट, भोजन के पैकेट एवं आर्थिक सहायता देकर संबल प्रदान किया है। साथ ही लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन का अग्रिम भुगतान कर राहत दी है। मनरेगा में बड़ी संख्या में श्रमिकों का नियोजन करना भी सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

ग्राम पंचायत स्तर पर 11 हजार 341 प्रतिभागियों से संवाद

मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता ने कहा कि कोविड-19 से प्रभावी रूप से निपटने के लिए जिला स्तर से ग्राम पंचायत स्तर तक संवाद स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि आज हुई ग्राम पंचायत स्तर की वीडियो कॉन्फ्रेंस में 11 हजार 341 प्रतिभागियों से मुख्यमंत्री का सीधा संवाद हुआ है। इस वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मिले जमीनी फीडबैक एवं सुझावों से हमें कोरोना के खिलाफ बेहतर रणनीति तैयार करने में मदद मिलेगी।

वीसी में अति. मुख्य सचिव चिकित्सा श्री रोहित कुमार सिंह ने कोरोना की स्थिति, अति. मुख्य सचिव पीडब्ल्यूडी श्रीमती वीनू गुप्ता ने क्वारंटाइन, अति.मुख्य सचिव ग्रामीण विकास श्री राजेश्वर सिंह ने मनरेगा, प्रमुख शासन सचिव श्री नरेशपाल गंगवार ने टिड्डी नियंत्रण तथा प्रमुख शासन सचिव पीएचईडी श्री राजेश यादव ने पेयजल आपूर्ति पर प्रस्तुतीकरण दिया।

इस अवसर पर राज्य मंत्रिमण्डल के सदस्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग श्री सुबोध अग्रवाल, प्रमुख शासन सचिव श्री अभय कुमार, सभी जिला कलेक्टर, उपखण्ड एवं पंचायत समिति स्तर के अधिकारी उपस्थित थे।

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