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गौण मंडी जीएसएस एवं केवीएसएस क्षेत्र में आने वाले व्यापारियों को खरीद के लिए जोडें - प्रमुख शासन सचिव , सहकारिता



जयपुर, 8 मई। प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता श्री नरेश पाल गंगवार ने कहा कि गौण मंडी घोषित जीएसएस एवं केवीएसएस के क्षेत्र में आने वाले छोटे व्यापारियों को लाइसेंस देकर किसानों की उपज को गौण मंडी के माध्यम से खरीद को बढ़ावा देने की कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि गौण मंडी बनी जीएसएस व केवीएसएस तथा समर्थन मूल्य पर स्थापित खरीद केन्द्रों में जो अक्रियाशील है, उन्हें एक सप्ताह के भीतर सक्रिय कर किसानों से खरीद सुनिश्चित करे।

श्री गंगवार शुक्रवार को पंत कृषि भवन में किसानों से उपज खरीद के संबंध में आयोजित वीडियों कान्फ्रेंसिग के माध्यम से व्यवस्थापकों, उप रजिस्ट्रार, अतिरिक्त रजिस्ट्रार खण्डीय एवं राजफैड के क्षेत्रीय अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 28 हजार 292 किसानों से एमएसपी पर 89 हजार 464 मीट्रिक टन जिन्स की खरीद हो चुकी है। 118 करोड़ रूपये का भुगतान कर दिया गया है। खरीद में लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्‍त नहीं की जाएगी।

उन्होंने कहा कि जीएसएस व केवीएसएस गौण मंडी में उपभोक्ता भण्डारों को भी लाईसेंस देकर किसानों से सीधी खरीद हेतु अधिकृत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अच्छे कार्य करने वाली जीएसएस एवं केवीएसएस गौण मंडियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने समर्थन मूल्य पर सभी केन्द्रों को सक्रिय करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि बारिश से पूर्व खरीद हो जाए यह सुनिश्चित किया जाए।

प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि कुछ सप्ताह बाद खरीद केन्द्रों पर तुलाई क्षमता को तिगुना किया जएगा। जिसमें प्रतिदिन अधिकतम 180 किसानों से खरीद संभव हो सकेगी। उन्होंने कहा कि प्रारंभ में यह क्षमता 60 थी जिसे 7 मई को बढ़ा कर 120 तक कर दिया है। उन्होंने कहा कि केद्रीय सहकारी बैंकों द्वारा अल्पकालीन फसली ऋण वितरण की प्रक्रिया संतोषजनक है और अब तक 3 लाख 21 हजार से अधिक किसानों को 1 हजार 68 करोड़ रूपये का फसली ऋण वितरित हो चुका है।

श्री गंगवार ने कहा कि अक्रियाशील जीएसएस, केवीएसएस गौण मंडियों, समर्थन मूल्य पर खरीद केन्द्रों एवं फसली ऋण वितरण में कम परिणाम देने वाले आठ जिलों के संबंधित अधिकारियों को कारण बताओं नोटिस जारी किया जाएगा। साथ ही सात दिन में प्रगति नहीं होने पर 17 सीसीए जैसी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि मुख्यालय पर नहीं रहने वाले अधिकारियों के खिलाफ निलम्‍बन की कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत अक्रियाशील खरीद केन्द्रों एवं गौण मंडियों को सक्रिय करने के लिए गंभीर है।

इससे पहले राजफैड की प्रबंध निदेशक, श्रीमती सुषमा अरोड़ा, मार्केटिंग बोर्ड के प्रबंध निदेशक श्री ताराचंद मीणा एवं अतिरिक्त रजिस्ट्रार-प्रथम श्रीमती रश्मि गुप्ता ने खरीद के संबंधित बिन्दुओं पर संभागवार अधिकारियों से समीक्षा की। वीडियो कान्फ्रेंसिग के दौरान व्यवस्थापकों को तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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