वीडियो कॉन्फ्रेंस से पेयजल आपूर्ति की समीक्षा : गर्मियों के मौसम में कोई प्यासा नहीं रहे: मुख्यमंत्री
जयपुर,
7 मई। मुख्यमंत्री श्री
अशोक गहलोत ने गर्मी के मौसम में प्रदेष में पेयजल आपूर्ति सुचारू रूप से करने और हैण्डपंप
एवं नलकूपों की मरम्मत के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। श्री गहलोत ने
48 घंटे से अधिक समय के अंतराल से पेयजल आपूर्ति वाले क्षेत्रों में यह अंतराल कम करने
के लिए कार्य योजना बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि लोगों को पीने का पानी कम से कम
48 घंटे में एक बार मिले,
यह सुनिश्चित किया जाए।
श्री गहलोत गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कान्फ्रेंसिंग
के माध्यम से प्रदेष में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने
कहा कि गर्मी के मौसम में पानी की जरूरत बढ़ जायेगी ऐसे में निर्बाध पेयजल आपूर्ति राज्य
सरकार की प्राथमिकता में है और हमारा पूरा प्रयास रहेगा कि इन गर्मियों में कोई प्यासा
नहीं रहे।
टैंकरों से पेयजल आपूर्ति की तैयारी रखी
जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गुणवत्ता पूर्ण पेयजल आपूर्ति
सुनिश्चित की जाए और जरूरत पड़ने पर टैंकरों से पेयजल आपूर्ति की तैयारी रखी जाए। हैडपंप
एवं ट्यूबवैल की जहां जरूरत हो वहां स्वीकृति जारी की जाए और मरम्मत के कार्य समय पर
पूरे कर लिए जाएं। जल संरक्षण के साथ जल संचय पर भी जोर दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान काफी संख्या में श्रमिक
बेरोजगार हुए हैं। ऐसे में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, जल संसाधन एवं ऊर्जा विभाग के तहत चल रही
परियोजनाओं में इन्हें नरेगा के तहत काम दिये जाने की संभावनाएं तलाशी जाएं।
विभाग के स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा बैठक
हो
श्री गहलोत ने कहा कि पेयजल आपूर्ति सुचारू बनाये रखने के लिए जिला
कलक्टर एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के प्रमुख सचिव के स्तर पर साप्ताहिक एवं
राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मासिक समीक्षा बैठक करने के निर्देष दिए।
उन्होंने पेयजल से संबंधित शिकायतों का समय पर निस्तारण करने को कहा। उन्होंने हाल
ही में आये आंधी-तूफान से जिन बिजली आपूर्ति लाइनों को नुकसान पहुंचा है उनकी मरम्मत
कर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। साथ ही आवश्यकतानुसार जगह चिन्हित
कर आरओ प्लांटस लगाने के भी निर्देष दिए।
50-50 लाख की आकस्मिक स्वीकृति के लिए कलक्टर्स
अधिकृत
वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी मंत्री
डॉ. बी.डी. कल्ला ने कहा कि राज्य सरकार ने फरवरी माह में ही 65 करोड़ रूपये का कन्टीजेंसी
प्लान मंजूर कर सभी जिला कलक्टर्स को 50-50 लाख रूपये की आकस्मिक स्वीकृति के लिए अधिकृत
कर दिया है। चार अभावग्रस्त जिलों जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर एवं हनुमानगढ़ में एसडीआरएफ के तहत
पेयजल परिवहन के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं। साथ ही जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत
योजनाओं को भी समय पर पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रमुख सचिव,
जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी
श्री राजेश यादव ने गर्मियों में सुचारू पेयजल आपूर्ति के लिए तैयार कार्ययोजना तथा
शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जल वितरण की स्थिति के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया।
उन्होंने बताया कि नये नलकूप लगाने,
क्षतिग्रस्त पाइपलाइन
एवं खराब पंपसेट बदलने के कार्य जिला कलक्टर की अनुशंषा पर किए जा रहे हैं। उन्होंने
बताया कि वर्तमान में 27 शहरों में प्रतिदिन 1962 टैंकर ट्रिप जबकि 757 गांवों एवं
ढ़ाणियों में 640 टैंकर ट्रिप प्रतिदिन पेयजल परिवहन किया जा रहा है, जिसे आवश्यकता अनुसार बढ़ाया जा सकेगा। अप्रेल
माह में 16,610 हैडपंपों की मरम्मत करवाई गई है। फ्लोराइड प्रभावित गांव एवं ढ़ाणियों
में कुल 2229 सौर ऊर्जा आधारित डी-फलोरीडेशन सयंत्र स्थापित किये गए हैं। उन्होंने
बताया कि जयपुर शहर में पृथ्वीराज नगर योजना के लिए मार्च माह में 295.50 करोड़ रूपये
की स्वीकृति जारी कर दी गई है। इस योजना से 2 लाख से ज्यादा की आबादी लाभान्वित होगी।
पंजाब ने करवाया सरहिंद फीडर का जीर्णोद्धार
प्रमुख शासन सचिव, जल
संसाधन श्री नवीन महाजन ने बताया कि पंजाब के साथ हुई बैठक के दौरान जिन प्रमुख बिदुंओं
पर चर्चा हुई थी, उनमें से कुछ पर पंजाब सरकार का सकारात्मक रूख रहा है। पंजाब ने 70
साल में पहली बार सरहिंद फीडर के 20 किलोमीटर के क्षेत्र की नहरों का जीर्णोद्धार कार्य
पूरा किया है। इस फीडर पर राजस्थान क्षेत्र में भी जीर्णोद्धार का कार्य शुरू किया
गया था लेकिन लॉकडाउन की वजह से काम नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि पंजाब से आने वाले
प्रदूषित पानी को रोकने के लिए वहां की सरकार ने कार्य योजना बनाकर उस पर काम शुरू
कर दिया है, इससे श्रीगंगानगर में नहरों में गंदा पानी
आने की समस्या का समाधान भी हो सकेगा।
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