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कोटपा कानून की सख्ती से पालना कर जयपुर शहर को अभियान मोड में ‘‘तम्बाकू मुक्त’’ करने के प्रयास किए जाएंगे

कोटपा कानून की सख्ती से पालना कर जयपुर शहर को  अभियान मोड में ‘‘तम्बाकू मुक्त’’ करने के प्रयास किए जाएंगे -31 मई, विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर जिला कलक्टर डॉ. जोगाराम ने की घोषणा-परिवहन आयुक्त श्री रवि जैन भी रहे उपस्थित, कहा भावी पीढ़ियों के लिए अच्छा कदम

- 31 मई, विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर जिला कलक्टर डॉ. जोगाराम ने की घोषणा

- परिवहन आयुक्त श्री रवि जैन भी रहे उपस्थित, कहा भावी पीढ़ियों के लिए अच्छा कदम

जयपुर, 31 मई। विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2020 के अवसर पर जिला कलक्टर डॉ. जोगाराम ने रविवार को घोषणा कि जयपुर शहर में कोटपा कानूनी की सख्ती से पालना करवाकर शहर को तम्बाकू मुक्त बनाने के प्रयास किए जाएंगे। परिवहन आयुक्त रवि जैन की उपस्थिति में जिला कलक्टे्रट कार्यालय में एक संक्षिप्त समारोह में जयपुर को तंबाकू मुक्त किए जाने की प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए डॉ. जोगाराम ने उम्मीद जताई कि जयपुर वासी कोटपा अनुपालना की गतिशीलता बनाए रखेंगे और जयपुर को स्वस्थ और तम्बाकू मुक्त बनाए रखने में सहयोग करते रहेंगे।

परिवहन आयुक्त श्री रवि जैन ने कहा कि कोविड संक्रमण के समय तंबाकू के उपयोग पर पाबंदी और भी जरूरी हो जाती है। सामान्य दिनों में भी सार्वजनिक स्थल पर तंबाकू का उपयोग दंडनीय अपराध है। उन्होंने शहर को तंबाकू मुक्त किये जाने के प्रयासों पर जिला प्रशासन एवम वाग्धारा की टीम को  बधाई देते हुए इस कदम को अगली पीढी के लिए सौगात के रूप में रेखांकित किया।

प्रशासन का आभार जताते हुए वाग्धारा संस्था के सचिव जयेश जोशी ने कहा वर्तमान और भावी पीढ़ियों को, तम्बाकू से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले  दुष्प्रभावों, सामाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक परिणामों से अवगत करा कर इस जहर से बचाने के लिए यह प्रयास एक सरहनीय कदम है।’’

वाग्धारा के एडवोकेसी टीम लीडर श्री सुदीप शर्मा ने बताया कि जयपुर को तम्बाकू मुक्त करने की दिशा में पिछले 2 साल से विभिन्न राजकीय संस्थानों, कॉलेज, स्कूल, सार्वजनिक स्थलो पर मुहीम चलाई गई। उन्होंने इस क्षेत्र में काम करने वालों को इसी भावना से प्रयास करते रहने का आग्रह किया।

वाग्धारा के एडवोकेसी मैनेजर श्री राजेश हिरन ने इस मौके पर कहा कि युवा पीढ़ी को तम्बाकू के दुश्प्रभाव से बचाने के लिए शहर को तम्बाकू मुक्त किया जाना जरूरी था। इस कदम से युवा पीढ़ी का स्वास्थ्य सूचकांक और बेहतर हो सकेगा। इस मौके पर संस्था को तम्बाकू निषेघ के क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर दक्षिण श्री शंकर लाल सैनी, इंडियन अस्थमा केयर सोसाइटी के सचिव श्री धर्मवीर कटेवा, राजस्थान समग्र सेवा संघ के अध्यक्ष श्री सवाई सिंह, वाग्धारा की एडवोकेसी मैनेजर श्रीमती वर्षा खानचंदानी भी उपस्थित थे।

कार्य स्थल, शिक्षण संस्थाओं में तम्बाकू का प्रयोग पूर्ण वर्जित

जयपुर शहर में अब सार्वजनिक स्थानों, कार्यस्थलों, शिक्षण संस्थाओं, उनके आस पास तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थाओं में तथा उनके आस-पास तम्बाकू का प्रयोग वर्जित होगा। यद्यपि राज्य में अभी कोरोना महामारी के चलते सार्वजनिक स्थानों ,सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में तम्बाकू खाने पर पाबंदी है परन्तु इस घोषणा के पश्चात शहर में अब कोटपा का और अधिक प्रभावी प्रवर्तन तथा अनुपालना सुनिश्चित हो सकेगी।

अक्टूबर से जिला प्रशासन द्वारा कोटपा अनुपालन के विशेष प्रयास

वाग्धारा संस्था के सहयोग से जिले में गत अक्टूबर में जयपुर को तम्बाकू मुक्त करने की कार्ययोजना बनाने हेतु जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में सभी संबन्धित विभागों से विस्तृत चर्चा की गई थी।  इसके पश्चात जयपुर के सरकारी विभागों ने अपने-अपने कार्यस्थलों तथा कार्यालयों और उनके आस-पास तम्बाकू नियंत्रण कानूनों की अनुपालना सुनिश्चित कर उन्हें कोटपा अनुपालित घोषित किया था। इस प्रक्रिया में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रथम व द्वितीय द्वारा सक्रिय भूमिका निभा कर पूर्ण  सहयोग दिया गया।

तम्बाकू के कारण प्रदेश में 70 हजार से अधिक मौतें

वाग्धारा संस्थान के अनुसार तंबाकू से राजस्थान में सालाना 70000 से अधिक लोगों की मृत्यु हो जाती है और  राज्य सरकार को प्राप्त राजस्व के बदले करीब 5 गुना ज्यादा खर्च तंबाकू जनित बीमारियों के इलाज पर करना पड़ता है। तंबाकू खाने के बाद इधर-उधर थूकने से अस्वास्थ्यकारक प्रवृत्तियाँ उत्पन्न होती हैं तथा  वातावरण भी दूषित होता है। तम्बाकू जनित बीमारियों के मरीजों पर राज्य के सरकारी अस्पतालों के 30 प्रतिशत संसाधन खर्च होते हैं।

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