मुख्यमंत्री ने पेश की मिसाल, कोरोना की जंग में सभी दलों को साथ लाए
प्रदेश के सांसदों-विधायकों के साथ वीडियो
कॉन्फ्रेंस में विधानसभा सत्र जैसा दिखा नजारा
जयपुर, 10 मई।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कोविड-19 की
जंग में सबको साथ लेकर चलने की मिसाल पेश की है। मानवता पर आए इस संकट का सामना करने
के लिए उन्होंने बिना किसी राजनीतिक भेदभाव सभी दलों, धर्मगुरू, उद्यमियों, भामाशाहों सहित हर वर्ग को साथ लिया है।
राजस्थान में जैसे ही इस महामारी ने कदम रखा था, मुख्यमंत्री
ने इसकी व्यापकता को देखते हुए हर वर्ग से संवाद करने की पहल की थी। अब लॉकडाउन के
कारण पैदा हुए हालातों,
आगे की रणनीति और इस चुनौती
से सफलतापूर्वक निपटने के लिए मुख्यमंत्री रविवार को प्रदेश के सभी सांसदों एवं विधायकों
को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक मंच पर लेकर आए और उनके सुझाव जाने ताकि इस जंग
को और बेहतर ढंग से लड़ा जा सके।
श्री गहलोत रविवार को जब प्रदेश के सभी पार्टियों
के सांसदों और विधायकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 महामारी पर चर्चा कर रहे थे, तो नजारा विधानसभा सत्र जैसा नजर आया। विधानसभा
अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी,
पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती
वसुन्धरा राजे, नेता प्रतिपक्ष श्री गुलाबचंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष श्री राजेन्द्र राठौड़ और
पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री पीपी चौधरी भी वीसी के माध्यम से इस चर्चा में शामिल हुए।
कांग्रेस और भाजपा विधायकों के साथ ही सीपीएम, बीटीपी, आरएलडी एवं निर्दलीय विधायक भी कोरोना महामारी
के खिलाफ मुख्यमंत्री के नेतृत्व में चल रही लड़ाई में एकजुट नजर आए। राज्य सरकार के
मंत्रियों ने भी विभिन्न जिलों के प्रभारी मंत्री एवं अपने क्षेत्र के विधायक के रूप
में फीडबैक और सुझाव दिए।
सभी के सहयोग से जीती जा सकती है यह लड़ाई
श्री गहलोत ने उदयपुर, जोधपुर, बीकानेर, कोटा एवं भरतपुर संभाग के विधायकों एवं सांसदों
से चर्चा कर लॉकडाउन के तीसरे चरण के बाद की रणनीति पर सुझाव आमंत्रित किए। उन्होंने
कहा कि हमारे देश और प्रदेश की संस्कृति रही है कि आपदा के समय हमने सारे मतभेद भुलाकर
पूरी एकजुटता के
साथ पीड़ित मानवता की सेवा
का काम किया है। कोरोना की लड़ाई भी ऐसी ही है, जिसे
सभी के सहयोग से जीता जा सकता है। राज्य सरकार संक्रमण रोकने के लिए हर संभव प्रयास
कर रही है और इसमें हर वर्ग का साथ भी मिल रहा है। उन्होंने आह्वान किया कि सभी दल
इसी तरह इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में साथ देते रहें।
हमारे मॉडल को पूरे देश ने सराहा, राजस्थान इस लड़ाई में मजबूत स्थिति में
मुख्यमंत्री ने बताया कि झुंझुनूं और भीलवाड़ा
में कोरोना केस मिलने के बाद सरकार ने रूथलेस कंटेनमेन्ट पर फोकस करते हुए घर-घर सर्वे
करवाया और इन जिलों की सीमाएं सील कर संक्रमण को नियंत्रित किया। भीलवाड़ा मॉडल की पूरे
देश में सराहना हुई। प्रदेश में हॉट स्पॉट वाले इलाकों में बड़े स्तर पर टेस्ट कराए
जा रहे हैं और प्रतिदिन टेस्ट क्षमता 11 हजार
770 तक पहुंच गई है। चिकित्सा सुविधाओं को लगातार
मजबूत किया जा रहा है। विधायक कोष की राशि अगले दो साल तक स्वास्थ सेवाओं को मजबूत
करने में ही उपयोग करने का फैसला किया है। राजस्थान में कोविड-19 से मृत्यु का प्रतिशत 2.9 है, जो
राष्ट्रीय औसत से कम है। मरीजों के ठीक होने का प्रतिशत भी 55.43 है, जबकि
राष्ट्रीय स्तर पर यह 29.97
प्रतिशत है। कोरोना संक्रमण
के खिलाफ लड़ाई में राजस्थान अभी मजबूत स्थिति में है।
ʻकोई भूखा नहीं सोएʼ के संकल्प को किया सफल
श्री गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान ʻकोई
भूखा नहीं सोएʼ
इस संकल्प के साथ सभी
जरूरतमंदों को राशन सामग्री एवं भोजन के पैकेट वितरित किए जा रहे हैं। सामाजिक सुरक्षा
पेंशन के तहत 78 लाख लाभार्थियों को दो माह की पेंशन के रूप
में 1400 करोड़ रूपये का अग्रिम भुगतान किया है। करीब
33 लाख असहाय एवं निराश्रितों, स्टेट बीपीएल एवं अन्य जरूरतमंदों को 2500-2500 रूपये की आर्थिक सहायता दी गई है। राष्ट्रीय
खाद्य सुरक्षा के लाभार्थियों को 2
माह तक 10 किलो गेहूं निशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा
है। इसके अलावा 54 लाख ऎसे लोग जो एनएफएसए में कवर नहीं होते
उन्हें राज्य सरकार एफसीआई से 21
रूपये प्रति किलो की दर
से गेहूं खरीद कर प्रति व्यक्ति 10
किलो गेहूं निशुल्क उपलब्ध
करवा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि कनेक्शनों के
मार्च, अप्रैल एवं मई के बिजली बिलों का भुगतान
स्थगित किया गया है,
इससे 13 लाख किसानों को राहत मिली है। साथ ही अन्य
श्रेणियों के बिजली बिलों एवं पानी के बिलों का भुगतान भी स्थगित किया गया है। लॉकडाउन
के तीसरे चरण में भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार उद्योग एवं फैक्टि्रयां पुनः प्रारम्भ
की गई है, इससे आर्थिक गतिविधियां फिर से शुरू हुई
हैं।
विधायक अपने क्षेत्र के फंसे हुए लोगों की
सूची कलेक्टर को उपलब्ध कराएं
श्री गहलोत ने कहा कि संकट की इस घड़ी में
फंसे हुए प्रवासियों एवं श्रमिकों को अपने गृह स्थान पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने
जो पहल की थी, उसके तहत करीब 19 लाख 20 हजार
लोगों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया है। इसमें से आने वालो की संख्या 12 लाख है। प्रवासी श्रमिकों के दर्द को समझते
हुए भारत सरकार की गाइडलाइन और अन्य राज्यों के साथ समन्वय स्थापित कर उन्हें लाने
के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने विधायकों से कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र के प्रवासी
जो भी सूचनाएं भेज रहे हैं,
उनसे सरकार को अवगत कराएं।
विशेष ट्रेनों के माध्यम से इन्हें लाने के लिए केन्द्र एवं सम्बन्धित राज्यों से समन्वय
हो गया है।
मुख्यमंत्री की पहल का नेता प्रतिपक्ष ने
किया स्वागत
नेता प्रतिपक्ष श्री गुलाबचंद कटारिया ने
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा सभी दलों को एक मंच पर आमंत्रित करने की पहल की
मुक्तकंठ से प्रशंसा की। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि
संकट की इस घड़ी में सभी को आरोप-प्रत्यारोप से परे होकर एकजुटता दिखनी चाहिए। तभी हम
सफलतापूर्वक इसका सामना कर पाएंगे। वीसी के दौरान कई विधायकों ने गौशालाओं को अनुदान
के फैसले का स्वागत किया।
अधिकतर सांसद-विधायकों ने प्रवासियों के
लिए किए प्रयासों को सराहा
अधिकतर सांसदों और विधायकों ने फंसे हुए
श्रमिकों एवं प्रवासियों को अपने गृह स्थान पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री की पहल का
स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इससे लम्बे समय से पीड़ा झेल रहे श्रमिकों को संबल मिला
है। उन्होंने इस आवागमन को अधिक सुगम बनाने के लिए अतिरिक्त ट्रेन एवं बसों की व्यवस्था
करने का सुझाव दिया। साथ ही पास प्रक्रिया को सरल करने, दूसरी जगह से आने वाले लोगों के लिए गांव
के स्कूल अथवा पंचायत भवन में संस्थागत क्वारंटाइन की व्यवस्था, मनरेगा की सूचियों में नए मजदूरों के नाम
जोड़ने सहित अन्य सुझाव दिए।
जनप्रतिनिधियों ने कृषि मण्डियों में फसल
खरीद की प्रक्रिया में सुधार करने,
खाद और बीज की उपलब्धता, गर्मी के मौसम में ग्रामीण क्षेत्रों में
पेयजल की आपूति एवं गौशालाओं में चारे-पानी की व्यवस्था सुदृढ़ करने की भी मांग की।
सांसदों और विधायकों की ओर से कृषि मण्डियों में खरीद पर किसान कल्याण शुल्क हटाने
की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह शुल्क किसान पर नहीं आढ़तियों पर लगाया गया है।
उन्होंने सभी को
आश्वस्त किया कि राज्य
सरकार यह भार किसी भी कीमत पर किसान पर नहीं पड़ने देगी।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा
ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान कोविड-19 महामारी
को लेकर राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि प्रदेश
में लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत किया जा रहा है।
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