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8 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को मनरेगा के तहत मिला रोजगार - पायलट



- प्रतिदिन बनाये जा रहे हैं 5 हजार प्रवासी श्रमिकों के जॉब कार्ड

- भीषण गर्मी में मनरेगा कार्य समय घटाने के लिए केन्द्र को लिखा पत्र

जयपुर, 30 मई। उप मुख्यमंत्री श्री सचिन पायलट ने कहा कि देश के अन्य राज्यों से रोजगार के अभाव में प्रदेश में लौटे श्रमिकों तथा स्थानीय स्तर पर रोजगार से वंचित श्रमिकों के लिए मनरेगा योजना वरदान साबित हो रही है।

उन्होंने बताया कि 30 मई को वर्ष 2019-20 में प्रदेश में जहां 33.02 लाख श्रमिक नियोजित थे वहीं इस वर्ष 42.80 लाख श्रमिक नियोजित हुए हैं। इस प्रकार मनरेगा योजना के तहत इस वर्ष लगभग दस लाख अधिक श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण लागू लॉकडाउन से जहां रोजगार के लगभग अन्य सभी अवसर बंद हो गये है, ऎसे समय में मनरेगा योजना ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब एवं पिछड़े लोगों के लिए संजीवनी साबित हुई है। मनरेगा योजना में रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए विभिन्न राज्यों से लौटे 1.77 लाख प्रवासी श्रमिकों के जॉब कार्ड भी जारी किये जा चुके हैं।

श्री पायलट ने कहा कि प्रदेशभर में भीषण गर्मी का दौर चल रहा है तथा मौसम विभाग द्वारा भी 27 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। इस भीषण गर्मी में मनरेगा श्रमिकों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार से मांग की गई है कि मनरेगा के तहत श्रमिकों के लिए निर्धारित कार्य समय एवं टास्क में कमी की जाये जिससे श्रमिक लगभग प्रातः 11 बजे तक कार्य पूर्ण कर घर लौट सके।

उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत निर्धारित कार्य समय से पूर्व यदि कोई श्रमिक या श्रमिक समूह निर्धारित टास्क पूर्ण कर लेता है तो वह कार्य की माप मस्टरोल में अंकित करवाकर कार्यस्थल छोड़ सकता है। श्री पायलट ने किसी भी श्रमिक को टास्क पूर्ण करने के बाद अनावश्यक रूप से कार्यस्थल पर नहीं रोकने के निर्देश दिये। साथ ही भीषण गर्मी को देखते हुए मनरेगा कार्यस्थल पर आवश्यक सुविधाएं जैसे स्वच्छ पेयजल, छाया, मेडिकल किट, ओआरएस घोल, बच्चों के लिए पालने आदि की व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराने के भी निर्देश दिये है।

उन्होंने कहा कि इन विशेष प्रयासों से भीषण गर्मी के दौरान मनरेगा श्रमिकों का तापघात एवं लू से बचाव हो सकेगा तथा उन्हें गर्मी में राहत मिल सकेगी।

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