भारी कदमों से 800 किलोमीटर के सफर की तैयारी को आसान किया जिला प्रशासन ने
- मध्यप्रदेश के रायपुर का निवासी एक युगल
पैदल ही गांव को निकलने की तैयार था
- पत्नी 8 माह की गर्भवती और खराब आर्थिक हालात के
कारण लिया फैसला
- जिला कलक्टर डॉ.जोगाराम तक बात पहुंची
तो घर पर वाहन भेजकर बस में कराई विशेष व्यवस्था
जयपुर, 12 मई।
लम्बे लॉकडाउन के कारण मजदूरी मिलना बंद होने, खराब
आर्थिक हालत के कारण मजबूर एक युगल ने जयपुर से 800 किलोमीटर
दूर अपने घर के लिए पैदल ही निकलने का फैसला कर लिया जबकि महिला आठ माह से गर्भवती
है। मघ्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के नजदीक रायपुर के निवासी ये पति-पत्नी वहां बजरी
खनन पर रोक के कारण मजदूरी मिलना बंद होने पर सालभर पहले ही जयपुर आ गए थे और हाथोज
में आस-पास चल रहे निर्माण कार्यों में बेलदारी करते थे।
किसी माध्यम से उनकी स्थिति और उनके पैदल
ही मध्यप्रदेश निकलने के फैसले की जानकारी मिलते ही जिला कलक्टर डॉ. जोगाराम के निर्देश
पर एक अधिकारी को उनसे मिलने भेजा गया। हाथोज में पत्नी सुनीता को 2 किलोमीटर दूर चिकित्सालय दिखाकर लौट रहा
दीपक कहार वहीं एक पेट्रोल पम्प पर पत्नी के साथ छाया में बैठे मिला।
पता चला कि उसने सभी दरवाजे खटखटा लिए लेकिन
अभी घर जाने का नम्बर नहीं आ रहा है, वैसे
जिला प्रशासन की ओर से रोजाना खाने-पीने के सामान की कोई दिक्कत नहीं है, मकान मालिक ने भी दो महीने से किराया नहीं
मांगा है जिनकी खुद की पास के चिकित्सालय के सामने की दुकान दो माह से बंद है। लेकिन
बिजली-पानी के बिल के लिए उसे कहा है। इसके अलावा अगले महीने में गर्भवती पत्नी की
डिलीवरी का काम और खर्च भी उसे सामने नजर आ रहा है। ऎसे में ही उसने पैदल घर लौटने
का कड़ा फैसला लिया है।
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