दक्षिण भारत से 550 प्रवासी श्रमिकों को लेकर विशेष रेलगाड़ी पहुंची जालोर
मारवाड़ पहुंचाने पर प्रवासी श्रमिकों के
चेहरे पर नजर आई खुशी
निःशुल्क यात्रा एवं बेहतर व्यवस्था के
लिए राज्य सरकार की सराहना की
जयपुर 16 मई।
दक्षिण भारत के मैंगलोर से राजस्थान के प्रवासी श्रमिकों को लेकर विशेष रेलगाड़ी
शनिवार को प्रातः 8
बजे जालोर पहुंची
जिसमें जालोर, सिरोही, पाली
एवं बाड़मेर सहित आस-पास के जिलों के 550 प्रवासी
श्रमिक जालोर रेलवे स्टेशन पर उतरे। जबकि शेष
श्रमिकों को लेकर रेलगाड़ी जोधपुर के लिए रवाना हुई। मारवाड़ की धरती पर पैर रखते ही
प्रवासियों के चेहरे पर घर पहुंचने की खुशी एवं प्रसन्नता नजर आई।
विश्वव्यापी कोरोना महामारी के कारण लॉक
डाउन में फंसे दक्षिण भारत से जालोर पहुंचे प्रवासी श्रमिकों ने जन्म भूमि वापसी
पर राजस्थान सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा की गई निःशुल्क व्यवस्था पर धन्यवाद
ज्ञापित कर आभार व्यक्त किया।
जिला कलक्टर जालोर श्री हिमांशु गुप्ता
के निर्देशानुसार मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अशोक कुमार तथा उपखंड अधिकारी एवं
इन्सीडेन्ट कमांडर श्री चंपालाल नागर के मार्गदर्शन में सोशल डिस्टेंसिंग एवं
एडवाईजरी का पालन करते हुए श्रमिकों को रेलवे स्टेशन से रोडवेज की बसों द्वारा शाह
पूंजाजी गेनाजी स्टेडियम ले जाया गया।
शाह पूंजाजी गेनाजी स्टेडियम में
सर्वप्रथम प्रवासी श्रमिकों को सोडियम हाइड्रोक्लोरोक्वीन स्प्रे से सेनेटाइज करने
के पश्चात् स्क्रीनिंग एवं स्वास्थ्य परीक्षण कर विभिन्न काउंटरों पर श्रमिकों का
पंजीयन करने के बाद जिला प्रशासन द्वारा उनको अल्पाहार, भोजन व पानी की बोतलें देकर विभिन्न
रूटवार रोडवेज बसों के माध्यम से गंतव्य स्थानों के लिए रवाना किया।
जालोर के रेलवे स्टेशन पर प्रवासियों के
लॉक डाउन पश्चात् घर वापसी को लेकर विशेष उत्साह एवं प्रसन्नता नजर आई। जुंजाणी
भीनमाल निवासी 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला समदा देवी व्हील
चेयर पर मैंगलोर में मोबाईल व्यवसायी अपने पुत्र रामाराम के साथ मारवाड़ पहुंची तो
उसकी आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। पुत्र के साथ देशावर से मारवाड़ पहुंची समदा
देवी ने अपनी मातृभाषा मारवाड़ी में कहा कि ‘‘ओपणी
जणम भूमि जेड़ो मन देशावर में कोनी लागे’’।
मूडी निवासी वृद्ध भोपालसिंह ने राजस्थान सरकार द्वारा निःशुल्क प्रवासी श्रमिकों
को लाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए जिला प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं की
तारीफ की।
इसी तरह सांथू निवासी मंगलाराम ने अपनी
पत्नी एवं बच्चों के साथ जालोर पहुंचने पर खुश होकर बताया कि लॉक डाउन के बाद
परेशानी के बीच अपनों के बीच पहुंचकर सुकून का एहसास हो रहा है। गोल उम्मेदाबाद
निवासी भाई-बहिन रमेश एवं हिना ने बताया कि कष्ट के दिनों के मध्य अपने घर-परिवार
के बीच पहुंचने पर राहत महसूस हो रही है।
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