कोविड-19 के उपचार के लिए धन की कमी नहीं - उच्च शिक्षा राज्य मंत्री
जयपुर, 26 मई।
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि बीकानेर संभाग के सबसे बड़े
अस्पताल पीबीएम में कोरोना वायरस संक्रमण (कोविड-19) से
पीड़ित रोगियों का बेहतर उपचार करने के साथ उनके रखने और खान-पान का पूरा ख्याल रखा
जाए। भोजन पौष्टिक और स्वादिष्ट होना चाहिए। संबंधित नोडल अधिकारी इस संबंध में पूरी
निगरानी रखे।
श्री भाटी ने मंगलवार को पीबीएम अस्पताल
अधीक्षक के कक्ष में आयोजित बैठक में कोरोना वायरस संक्रमण के संबंध में अस्पताल में
की गई व्यवस्थाओं और उपचार का फीड बैक लिया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा
कि संभाग के सबसे बड़े इस हॉस्पिटल की राज्य में चिकित्सा के क्षेत्र में अच्छी पहचान
है। उसकी यह पहचान बनाएं रखने के लिए इस महामारी में चिकित्सीय स्टॉफ को सावधानी पूर्वक
सर्वेश्रेष्ठ परिणाम देना है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा के संसाधन सुलभ कराने के लिए
धन की कमी आड़े नहीं आने दी जायेगी। कोरोना उपचार के लिए वे अपने विधायक निधि से पीबीएम
अस्पताल को राशि स्वीकृत करवाएंगे। इसके अस्पताल प्रशासन प्रस्ताव बनाकर, शीघ्र भिजवाएं।
उन्होंने ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना की
रोकथाम और बचाव के लिए हर पहलू पर बेहतरीन तरीके से आगे बढ़ रही है। इस लिए उपचार के
साथ-साथ संस्थागत क्वारेंटाइन सेन्टर व अस्पताल में भर्ती कोरोना रोगियों के लिए बेहतर
व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए।
उन्होंने सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य
डॉ.एस.एस. राठौड़ को निर्देश दिए कि कोविड-19 के
अलावा अन्य बीमारियों का उपचार प्रारंभ किया जाए। उन्होंने अस्पताल में आउटडोर में
चिकित्सकों की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली और निर्देश दिए आउटडोर में सीनियर चिकित्सक
आवश्यक रूप से मौजूद रहकर,
कोरोना के अलावा अन्य
रोगियों का भी उपचार करें। इसके लिए मेडिसिन आउटडोर में अलग से देखने की व्यवस्था की
जाए।
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने कोरोना मरीजों
की रिकवरी रेशो की भी समीक्षा की और पूछा कि पीबीएम में कोरोना पॉजिटिव रोगी की जांच
की क्या व्यवस्था है और प्रतिदिन कितनी जांचे हो रही है ? इस पर प्राचार्य ने बताया कि आज तक के सभी
सैम्पल की जांच की जा चुकी है। कोई भी जांच शेष नहीं है। उन्होंने ने बताया कि मेडिकल
कॉलेज में कोविड-19
की कुल 22 हजार जांच हो चुकी है। वर्तमान में एक हजार
सैम्पल की जांच की सुविधा है,
जिसे बढ़ाने के लिए जांच
मशीन मिली है, उससे भी शीघ्र जांच शुरू कर दी जायेगी। प्राचार्य
ने बताया कि पीबीएम में 37
रोगी कोरोना पॉजिटिव रोगी
भर्ती है। इसमें एक रोगी नागौर का है। इनमें से 36 रोगियों
की स्थिति सही है और एक रोगी वेंटिलेटर पर है। साथ ही यहां कोरोना मरीजों का रिकवरी
रेशो 95.4 प्रतिशत है।
श्री भाटी ने कहा कि कोरोना रोगियों का मनोबल
बढ़ाया जाए। चिकित्सक उनकी कॉन्सिलिंग कर, उनकी
मानसिक स्थिति को मजबूती प्रदान करे। उन्होंने पीबीएम अस्पताल में आवश्यक ऑपरेशन शुरू
करने के निर्देश दिए और कहा कि गंभीर रोगियों की चिकित्सा के पुख्ता प्रबन्ध हो।
बैठक में अतिरिक्त प्राचार्य एवं मेडिसिन
विभागाध्यक्ष डॉ. एल.ए.गौरी ने बताया कि कोरोना रोग के अलावा मौसमी रोगों के उपचार
के लिए मेडिसिन आपातकालीन के पास सीजनल वार्ड तैयार किया गया है। इसमें 30 बैड है। लू-तापघात के रोगियाें के लिए अस्पताल
में आवश्यक सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। अधीक्षक डॉ.मोहम्मद सलीम ने बताया कि कोरोना
रोग के उपचार के लिए डॉ.सुरेन्द्र वर्मा को नोडल अधिकारी तथा आवास व भोजन का नोडल अधिकारी
डॉ.जितेन्द्र आचार्य को बनाया गया है। उन्होंने अस्पताल में आवश्यक दवाएं और स्टॉफ
की भी जानकारी दी। उन्होंने ने बताया कि कोरोना के भर्ती रोगियों में से अब तक पांच
लोगों की मृत्यु हुई है। इस अस्पताल में बीकानेर सहित चूरू, श्रीगंगानगर, नागौर, सीकर, हनुमानगढ़ के कोरोना रोगियों को भर्ती कर, उपचार किया जा रहा है। अब चूरू से रोगी यहां
आने बंद हो गए हैं। श्रीगंगानगर में 30 मई
तक कोरोना की जांच की सुविधा प्रारंभ हो जायेगी।
सेन्ट्रल किचन का किया अवलोकन
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री अस्पलात में भर्ती
सामान्य और कोनोरा पॉजिटिव रोगियों को दिए जा रहे भोजन की क्वालिटी की जांच के लिए
केन्द्रीय किचन पहुंचे और भोजन बनाने, उसकी
पैकिंग और वितरण प्रणाली का अवलोकन किया। आज दोपहर के भोजन में दी जा रही दाल और रोटी
को उन्होंने बारीकी से देखा और भोजन की गुणवत्ता पर संतोष व्यक्त किया।
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