गृह विभाग द्वारा कोविड-19 से सम्बद्ध मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के सम्बन्ध में परिपत्र जारी
जयपुर, 20 मई। राज्य सरकार के गृह विभाग ने कोविड-19 अवधि के दौरान पुलिस द्वारा गिरफ्तार
व्यक्तियों के संबंध में पुलिस द्वारा अपनायी जाने वाली मानक संचालन प्रक्रिया (Standard Operating Procedure) के सम्बन्ध में एक परिपत्र जारी किया
है।
माननीय उच्च न्यायालय, जयपुर
में विचाराधीन डी.बी. सिविल रिट पिटिशन (पीआईएल) 5618/2020 शॉमोटो
बनाम राजस्थान राज्य में पारित आदेश दिनांक 17.05.2020 की
अनुपालना में अपराधिक प्रकरणों में पुलिस द्वारा गिरफ्तार व्यक्तियों के संबध में
कोविड-19 अवधि के दौरान पुलिस द्वारा गिरफ्तार
व्यक्तियों के संबंध में पुलिस द्वारा अपनायी जाने वाली मानक संचालन प्रक्रिया (Standard Operating Procedure) निम्नानुसार है :-
1. व्यक्ति/अभियुक्त
को गिरफ्तार किये जाने के समय कैप एवं मास्क पहनाया जायेगा।
2. पुलिस
अधिकारी द्वारा किसी व्यक्ति/अभियुक्त को गिरफ्तार किये जाने के समय एवं गिरफ्तार
किये गये व्यक्ति/अभियुक्त की तलाशी के समय मास्क व दस्तानों का प्रयोग किया
जायेगा। कार्यवाही पश्चात् दस्तानें धोये जायेंगे।
3. पुलिस
स्टेशन के लॉकअप को 1
प्रतिशत सोडियम
हाईपोक्लोराईड सौल्यूसन से पूर्णतः सैनेटाईज किया जायेगा एवं सामाजिक दूरी आदि की
पूर्ण अनुपालना सुनिश्चित की जाये।
4. जब
लॉकअप में बन्द व्यक्ति/अभियुक्त को लॉकअप से मुक्त किये जाने के पश्चात् प्रत्येक
बार लॉकअप को पुनः सैनेटाईज किया जायेगा एवं उपयोग किये गये कम्बल आदि को धुलाई
आदि के लिए भेजा जायेगा एवं नये आने वाले व्यक्ति/अभियुक्त को पृथक से कम्बल/अन्य
वस्तुऐ दी जायेगी।
5. गिरफ्तार
किये गये व्यक्ति/अभियुक्त को यथाशीघ्र विडियो कॉन्फ्रेसिंग/व्यक्तिगत रूप से
मजिस्ट्रेट/न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाकर न्यायिक अभिरक्षा के लिए आदेश
प्राप्त किये जायेगे।
6. अभियुक्त
को मजिस्ट्रेट/न्यायालय के आदेश प्राप्त होने पर जिला अस्पताल में जेल वार्ड/आईसोलेशन
वार्ड में कोविड-19
(आर.टी.-पी.सी.आर) जांच
हेतु दाखिल किया जायेगा। आर.टी.-पी.सी.आर जांच मुख्य चिकित्सा अधिकारी/प्रमुख
चिकित्सा अधिकारी द्वारा नियुक्त मेडिकल टीम द्वारा की जायेगी।
7. जिला
अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में भर्ती रहने के दौरान जांच रिपोर्ट आने तक उक्त
अभियुक्त की निगरानी रखने हेतु पुलिस गार्ड जिला पुलिस द्वारा उपलब्ध करायी
जायेगी।
8. पॉजिटिव
आने पर मेडिकल विभाग के कोविड-19
प्रोटोकॉल के अनुसार
कार्यवाही की जावेगी।
9. जांच
में नेगेटिव आने पर अभियुक्त को जिला या केन्द्रीय करागृह में भेजा जायेगा, जहां
उसे जेल में पृथक से बनाये गये आईसोलेशन वार्ड में 21 दिन
तक रखा जायेगा। उसकी नियमित मेडिकल जांच कराई जायेगी।
10. जेल
के आईसोलेशन वार्ड में 3
सप्ताह रखने के
उपरांत पुनः जांच करायी जायेगी। जांच में नेगेटिव आने पर एवं न्यायालय द्वारा
जमानत प्रदान किये जाने पर ऐसे अभियुक्त को 14 दिन
होम क्वारिनटीन किया जायेगा। न्यायालय द्वारा जमानत अस्वीकार किये जाने पर ऐसे
अभियुक्त को कारागार के सामान्य वार्ड में स्थानान्तरित किया जायेगा।
11. न्यायालय
द्वारा उक्त व्यक्ति/अभियुक्त को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया जाता है और पुलिस
को ऐसे व्यक्ति/अभियुक्त की आवश्यकता अग्रिम अन्वेषण हेतु है तो उसे न्यायालय की
आज्ञा से पुलिस अभिरक्षा में भेजा जा सकेगा। केवल अति आवश्यक परिस्थितियों में
कोविड अवधि में पुलिस रिमाण्ड लिया जायें। वापस कारागार भेजने पर पुनः वही
प्रक्रिया अपनाई जायेगी जो प्रथम प्रवेश के लिये निर्धारित की गई है।
12. जेल
अधिकारी/कर्मचारी जो आईसोलेशन वार्ड के बंदियों के सीधे सम्पर्क में आते है, ऐसे अधिकारी/कर्मचारियों एवं उनके
परिजनों में इस वायरस का संक्रमण नहीं हो, बाबत्
विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। जेल अधिकारियों व इनके परिवार जनों की कोरोना
वायरस के संक्रमण से सुरक्षा हेतु नियमित रूप से कोरोना रेण्डम टेस्ट करवाया
जावें।
13. चिकित्सा
अधिकारी जिला जेलों में आईसोलेशन वार्ड में निरूद्ध बंदियों का नियमित चेक-अप
करेंगे। बंदियों के संदर्भ में जेल अधिकारियों द्वारा आईसोलेशन वार्ड में स्वच्छता
एवं सैनेटाईजेशन के रखरखाव हेतु जो भी आवश्यक कदम उठाना आवश्यक है, के बारे में
जेल अधिकारियों को सुझाव देगें।
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