जांच क्षमता बढ़कर हुई 16,250......माह के अंत तक पा लेंगे 25000 का लक्ष्य - चिकित्सा मंत्री
जयपुर, 25 मई।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में जांच क्षमता बढ़कर 16,250 हो गई है। इस माह के अंत तक राज्य 25 हजार जांचें प्रतिदिन करने की क्षमता
विकसित कर लेगा। राज्य में अब तक 3.27
लाख से ज्यादा लोगों
के सैंपल लेकर जांच की जा चुकी हैं।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में
कोरोना मरीजों का रिकवरी रेशो अन्य राज्यों की तुलना में काफी बेहतर है। राज्य में
रिकवरी रेशो लगभग 57
प्रतिशत है और यह 60 प्रतिशत तक रहा है। उन्होंने बताया कि
सोमवार दोपहर 2 बजे तक की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में
7173 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए, इनमें से 3860 लोग पॉजिटिव से नेगेटिव हो चुके हैं और 3424 लोग तो अस्पतालों से डिस्चार्ज भी किए
जा चुके हैं। वर्तमान में कोरोना के 3150 एक्टिव
केसेज हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा दिए
गए स्लोगन ‘राजस्थान सतर्क है’ पर राज्य सरकार संवेदनशील तरीके से काम
कर रही है। राज्य में हालात पूरी तरह नियंत्रण में हैं। प्रदेश सरकार द्वारा
ज्यादा सैंपलिंग, क्वारेंटाइन, आइसोलशन, तुरंत
उपचार जैसी सुविधाओं के कारण ही संक्रमण पर काबू पाया जा रहा है।
बाहर से आने वाले व्यक्ति का पीसीआर
टेस्ट जरूरी
उन्होंने कहा कि प्रदेश के बाहर से आने
वाले हर व्यक्ति के लिए 14
दिनों के होम या
इंस्टीट्यूशनल क्वारेंटाइन अनिवार्य किया हुआ है, ताकि
बाहर से आने वाले व्यक्ति संक्रमण ना फैला सके। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति बिजनेस
के सिलसिले में या छोटे-मोटे काम के लिए राज्य में आ रहे हैं वे भी आरटी-पीसीआर
टेस्ट कराकर आएं या फिर यहां टेस्ट के नेगेटिव आने के बाद ही लोगों के बीच में
जाएं।
35 हजार से ज्यादा लोग हैं संस्थागत
क्वारेंटाइन में
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में
कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बाहर से आए करीब 7.25 लाख प्रवासी राजस्थानी और कामगारों को
होम क्वारेंटाइन में रखा जा रहा है। ग्राम स्तर पर बनी कमेटियों के सदस्य उन पर
निगरानी रखते हैं। यही नहीं 10
हजार से ज्यादा
संस्थागत क्वारेंटाइन सेंटर्स में उन लोगों को रखा जा रहा है, जिनके घरों में अलग
रहने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है या फिर वे खांसी-जुकाम-बुखार से पीड़ित हैं। ऐसे करीब
35 हजार से ज्यादा लोग हैं। उनके बेहतर खान-पान
व अन्य व्यवस्था सरकार अपने खर्चे पर कर रही है।
प्रदेश में कोरोना की मृत्युदर 2.36 फीसद
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि जब प्रदेश
में 2 मार्च को पहला पॉजिटिव केस आया था, तब हमें सैंपल जांचने के लिए पुणे लैब
भेजना पड़ता था। वहीं आज प्रदेश भर में 16250 जांचें
प्रतिदिन की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इस माह के अंत तक यह संख्या भी 25000 के पार पहुंच जाएगी। उन्होंने बताया कि
मुख्यमंत्री के निर्देश हैं कि हर जिले में जांच की सुविधाएं विकसित की जाएं।
विभाग द्वारा इस पर भी काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मृत्युदर भी
राष्ट्रीय दर के मुकाबले काफी कम है जो कि महज 2.36 प्रतिशत
है।
सरकार ने किया हर पहलू पर काम
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