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राज्य सरकार के प्रयासों से बाड़मेर से बिहार के 1200 श्रमिकों को मुफ्त में घर पहुंचाया



- राज्य सरकार ने 600 श्रमिकों का 4 लाख रुपए से अधिक किराया रेलवे को जमा कराया

- शेष 600 श्रमिकों का किराया विभिन्न कंपनियों एवं ठेकेदारों ने सीधा रेलवे के खाते में जमा कराया

जयपुर, 14 मई। बाड़मेर से बिहार भेजे गए 1200 श्रमिकों में से किसी भी श्रमिक को खुद की जेब से कोई किराया नहीं देना पड़ा। उन्हें राज्य सरकार के प्रयासों से मुफ्त में बिहार पहुंचाया गया। जिला कलक्टर के माध्यम से 600 श्रमिकों का 4 लाख रुपए से अधिक किराया रेलवे को जमा कराया गया। शेष 600 श्रमिकों का किराया विभिन्न कंपनियों एवं ठेकेदारों ने सीधा रेलवे के खाते में जमा कराया।

बाड़मेर जिला कलक्टर श्री विश्राम मीणा ने बताया कि केन्द्र सरकार के 3 मई एवं राज्य सरकार के 5 मई के जारी निर्देशानुसार जो श्रमिक अपने कार्यालयों, फेक्ट्री, औद्योगिक प्रतिष्ठानों से लॉक डाउन से पूर्व रवाना हो गये थे, परन्तु ना तो वह अपने घर जा पाये और न ही वापिस अपने कार्यालय एवं औद्योगिक प्रतिष्ठान में आ पाए। ऎसे श्रमिकों को चिह्वित कर उन्हें विभिन्न परिवहन साधनों के माध्यम से अन्य राज्यों में भिजवाया गया। इसी चरण में बिहार के ऎसे श्रमिकों का सर्वे एवं चिह्वीकरण सभी उपखण्ड अधिकारियों के माध्यम से करवाया गया, जिसमें बाड़मेर जिले में लगभग 1675 श्रमिक पाए गए। इनमें से 600 श्रमिक केन्द्र एवं राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार फंसे हुए की श्रेणी में पाए गए। शेष 1075 श्रमिक जिले में तेल खनन की मुख्य कंपनी वेदान्ता केयर्न ऎनर्जी इण्डिया लिमिटेड की ओर से अन्य कम्पनियों के माध्यम से करवाए जा रहे कार्य में मिले। इन कम्पनियों में मुख्यतः एलएनटी, यूनिक एन्टर प्राइजेज, ओसवाल इन्फ्रास्ट्रक्चर, जेएसडब्ल्यू, सीपी, ऎरोलटेक इन्फ्रा कम्पनी आदि सम्मिलित है। इसी प्रकार गुड़ामालानी क्षेत्र में नियोस्ट्रेक्टो, चटर्जी इंजीनियरिंग, नेप्च्यून पॉवर, रोशन ट्रेडर्स आदि कंपनियों की ओर से केयर्न वेदान्ता का कार्य निस्पादित किया जा रहा है।

श्री मीणा ने बताया कि बाड़मेर जिले में फंसे लगभग 1675 श्रमिकों को रेल के माध्यम से बिहार भेजने के लिए परिवहन आयुक्त को प्रस्ताव भेजा गया। उनके प्रयासों से इसकी स्वीकृति मिली और 10 मई को बाड़मेर से मोतिहारी के लिए 1200 यात्रियों की ट्रेन से रवानगी की गई। इस ट्रेन में सवार 600 श्रमिकों का 675 रुपए प्रति श्रमिक के हिसाब से 4 लाख 5 हजार रुपए रेलवे के खाते में जिला प्रशासन ने आपदा एवं सहायता विभाग से प्राप्त अन्टाइड फण्ड से जमा करवाए। इसी प्रकार बाड़मेर उपखण्ड के 316 एवं गुड़ामालानी उपखण्ड के 284 श्रमिकों का किराया विभिन्न कम्पनियों एवं ठेकेदारों की ओर से सीधे ही रेलवे के खाते में जमा करवाया गया। उल्लेखनीय है कि किसी भी श्रमिक की ओर से कोई किराया जमा नहीं करवाया गया तथा उपखण्ड अधिकारियों से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर किसी ठेकेदार ने भी श्रमिकों से कोई राशि वसूल नहीं की गई है।

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