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राजस्थान सतर्क है : प्रदेश के हॉट-स्पॉट जिलों पर विभाग सतर्क, संक्रमण को कम करने के युद्धस्तर पर हो रहे हैं प्रयास - चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री


जयपुर, 28 अप्रेल। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के संक्रमण में गिरावट देखी जा रही है लेकिन अभी भी 7 जिले हॉट-स्पॉट बने हुए हैं। विभाग इन जिलों के प्रति सजग और सतर्क है। यहां जांच और सैंपलिंग की गति बढ़ा दी गई है।

डॉ. शर्मा ने बताया कि सभी हॉट-स्पॉट जिलों में स्थानीय आवश्यकता के अनुसार योजना बनाकर काम किया जा रहा है। चिकित्सा, प्रशासन, पुलिस व अन्य विभागों के सहयोग से कोरोना के संक्रमण को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं। कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में कटेंनमेंट प्लान के तहत 1, 3 और 5 किलोमीटर के दायरे में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। लॉकडाउन या कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों से बेवजह बाहर निकलने वालों के साथ सख्ती भी बरती जा रही है।

छः हजार से ज्यादा जांचें हो सकती हैं प्रतिदिन

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में जितनी ज्यादा जांचें होंगी उतनी जल्दी कोरोना संक्रमण का पता चलता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आदिनांक तक 6 हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जा सकते हैं। हमें विश्वास है कि आने वाले एक सप्ताह में प्रदेश 10 हजार टेस्ट करने की क्षमता हासिल कर लेगा। उन्होंने कहा कि 14 अप्रेल के बाद प्रदेश में संक्रमण को रोकने में सरकार और विभाग सफल हो सके हैं। उन्होंने कहा कि यदि संक्रमण की गति वही रहती तो यह संख्या 4500 से भी ज्यादा होती। उन्होंने कहा विभाग संक्रमण को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।

एक तिहाई मरीज हुए पॉजीटिव से नेगेटिव

डॉ. शर्मा ने बताया कि यह स्वास्थ्यकर्मियों के जज्बे और राज्य सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि प्रदेश के एक तिहाई कोरोना पीड़ित पॉजीटिव से नेगेटिव की श्रेणी में आ गए हैं। आंकड़ों के अनुसार देखें तो प्रदेश में मंगलवार 2 बजे तक 2335 कोरोना पॉजीटिव चिन्हित किए गए हैं। इनमें से 768 लोग पॉजीटिव से नेगेटिव भी हो गए हैं। इनमें से 584 लोगों को डिस्चार्ज भी कर दिया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के आमजन के लिए यह सबसे बड़ी राहत की खबर है कि लोग उपचार के बाद तेजी से ठीक भी हो रहे हैं।

92 हजार से ज्यादा सैंपल लिए जा चुके

डॉ. शर्मा ने बताया कि जयपुर के रामगंज क्षेत्र में निरंतर सैंपलिंग की जा रही है। सैंपल्स की पेंडेंसी को लगातार दूर किया जा रहा है। प्रदेश में जैसे-जैसे जांच की क्षमता बढ़ेगी, लंबित सैंपल्स की पेंडेसी भी दूर हो जाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य में लगभग 93 हजार सैंपल आज तक लिए जा चुके हैं। इतनी भारी संख्या में सैंपल लेने का काम प्रदेश में कोई और राज्य अभी तक नहीं कर सका है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन जांच की क्षमता बढ़ाना और सैंपल्स लेने की संख्या में बढ़ोतरी विभाग के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है। इससे कोरोना की लड़ाई में खासी मदद मिल रही है।

केंद्र के समक्ष रखी जांच किट व वेंटिलेटर्स की मांग

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अलग-अलग अस्पतालों में 1096 लोग आइसोलेशन में भर्ती हैं जबकि सामान्य अस्पतालों में 5098 लोग भर्ती हैं। ज्यादातर लोग सामान्य वार्ड में ही भर्ती हैं। केवल 2-3 केसेज हैं जो वेंटीलेटर पर हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने केंद्रीय चिकित्सा मंत्री से 1500 वेंटिलेटर्स की मांग जरूर की है। इसके अलावा आरएनए एक्स्ट्रेक्शन और पीसीआर किट की भी मांग की है। केंद्रीय चिकित्सा मंत्री ने हमें आश्वस्त किया है कि मांग के अनुसार वे हमें सभी उपकरण उपलब्ध कराएंगे।

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