मुख्यमंत्री के सार्थक प्रयास : अपने घर लौटने लगे कोटा में पढ़ रहे कोचिंग विद्यार्थी
जयपुर, 23 अप्रेल। लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों
में फंसे प्रवासी राजस्थानी कामगारों, मजदूरों, कोचिंग
विद्यार्थियों आदि की सकुशल घर वापसी के लिए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत लगातार
प्रयासरत हैं। प्रवासी राजस्थानी श्रमिकों, छोटे दुकानदारों आदि का राजस्थान से
गहरा भावनात्मक लगाव है और संकट के इस समय में वे घर लौटना चाहते हैं। कोटा में रह
रहे किशोर आयुवर्ग के कोचिंग विद्यार्थी भी लंबे समय से अपने घर से दूर हैं।
मुख्यमंत्री ने इन सभी की चिंता को आवाज दी और उन्हें घर जाने की छूट देने के
संबंध में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से वीडियो कांफ्रेसिंग के दौरान एवं
पत्र लिखकर भी अनुरोध कर चुके हैं।
श्री गहलोत के सार्थक प्रयासों का
परिणाम है कि कोटा में अटके कोचिंग विद्यार्थियों का अपने-अपने घर लौटना शुरू हो
गया है। इन बच्चों की सकुशल घर वापसी के लिए श्री गहलोत ने केंद्र सरकार एवं
संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा कर जरूरी कदम उठाए।
अब तक 5 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के
करीब 18 हजार
स्टूडेंट्स अपने-अपने घर पहुंच चुके हैं। इनमें उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड के
करीब 12 हजार
500, मध्यप्रदेश के 2800,
गुजरात के 350
तथा दादरा एवं नागर
हवेली के 50 बच्चे
अपने परिवार के पास पहुंच गए हैं। इसी प्रकार कोटा संभाग के अन्य जिलों के 2200
बच्चों को भी सकुशल
उनके घर पहुंचाया गया है।
कोटा से शुक्रवार को हरियाणा के 1000,
असम के 400 तथा राजस्थान के विभिन्न जिलों के 1500
बच्चे अपने-अपने घरों
के लिए रवाना होंगे। इसी तरह शनिवार को हिमाचल प्रदेश के 100, राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों के 500
बच्चे बसों के जरिए
तथा 300 बच्चे
अपने निजी साधनों से घर जाएंगे। कोटा जिला प्रशासन ने घर लौटने के इच्छुक राजस्थान
के अन्य जिलों के कोटा में पढ़ रहे कोचिंग विद्यार्थियों के लिए एक गूगल फॉर्म http://bit.ly/Raj_Students_Ghar_Waapsi जारी किया है। इस पर घर जाने के इच्छुक
कोटा में रह रहे कोचिंग छात्र को अपना मोबाइल नंबर, कोचिंग आईडी प्रूफ तथा जिस माध्यम से वह
घर जाना चाहता है दर्शाना होगा। साथ ही एक हैल्पलाइन नंबर 0744-2325342 भी शुरू की गई है। इस पर अपने घर जाने
के इच्छुक कोटा के कोचिंग छात्र सम्पर्क कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन की घोषणा के बाद से ही
कोटा में लगभग 40 हजार कोचिंग विद्यार्थी फंस गए थे। अभी भी बिहार के करीब
11 हजार, झारखण्ड
के 3 हजार, पश्चिम
बंगाल और छत्तीसगढ़ के 2500-2500
बच्चे, महाराष्ट्र
के 1800
एवं ओडिशा के करीब एक हजार बच्चे कोटा में मौजूद
हैं। जम्मू-कश्मीर से बच्चों की सकुशल वापसी के लिए वार्ता की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने अपील की है कि जिन राज्यों के बच्चे अभी कोटा में हैं, वे भी मानवीय आधार पर उन्हें अपने-अपने परिवार के पास ले
जाने के लिए राज्य सरकार का सहयोग करें।
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