प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग : ʻकाम के बदले अनाज’ की तर्ज पर नई योजना लाये केन्द्र सरकार, लॉकडाउन पर फैसला राज्यों की परिस्थितियों को देखते हुए लिया जाए - मुख्यमंत्री
जयपुर, 11 अप्रेल।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया है
कि कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए घोषित
लॉकडाउन के कारण कचरा बीनने वाले,
रेहड़ी/रिक्शा चलाने
वाले, घुमंतू एवं अन्य असहाय लोगों के जीविकोपार्जन
पर खतरा मंडरा रहा है। ऎसे में भारत सरकार को ʻकाम के बदले अनाज’ योजना, जो
कि वर्ष 2002 में अकाल-सूखे के समय तत्कालीन
प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय लाई गई थी और बहुत लोकप्रिय एवं सफल
साबित हुई थी, उसी की तर्ज पर एक योजना पुनः नये रूप में
लाने पर विचार करना चाहिए। ऐसी योजना
के संचालन के लिए अनाज भारत सरकार के पास बहुतायात में उपलब्ध है।
श्री गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास
से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के साथ राज्यों के मुख्यमंत्रियों की वीडियो
कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने
सामाजिक सुरक्षा पेंशन के दायरे में नहीं आने वाले जरूरतमंद वर्गों के 31 लाख से अधिक परिवारों को 2500 हजार रूपये की अनुग्रह राशि उपलब्ध कराई
है। केन्द्र सरकार की ओर से भी इस श्रेणी लोगों के लिए अनुग्रह राशि की योजना लाई
जानी चाहिए, ताकि उन्हें आर्थिक रूप से संबल मिल
सके।
उद्योगों को मिले प्रोत्साहन पैकेज
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2008 की आर्थिक मंदी के दौरान तत्कालिन वित्त
मंत्री श्री प्रणव मुखर्जी ने एक बड़ा प्रोत्साहन पैकेज घोषित किया था। उसी तर्ज पर
एक बड़ा पैकेज उद्योगों के लिए दिया जाए, जिससे
आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जा सके।
केन्द्रीय जीएसटी में रियायत देने पर
विचार करे केन्द्र
उन्होंने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि
कोविड-19 के संक्रमण के बाद लॉकडाउन से प्रभावित
राजस्थान के होटल एवं पर्यटन व्यवसाय को राहत देने के लिए हमारी सरकार ने स्टेट
जीएसटी का अगले 3 माह तक पुनर्भरण करने का निर्णय लिया
है। ऎसे में, भारत सरकार को भी इस चुनौती पूर्ण समय
में उद्योगों की गिरती हुई स्थिति को संभालने के लिए केन्द्रीय जीएसटी में रियायत
देने पर विचार करना चाहिए।
महामारी रोकने के लिए सभी संभव उपाय किए
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत
कराया कि राजस्थान सरकार ने कोविड-19
महामारी को रोकने के
लिए सभी संभव उपाय किए हैं। भीलवाड़ा में संक्रमण पर सफलतापूर्वक काबू पाने के बाद
प्रदेश के अन्य जगहों पर संक्रमण फैलने से रोकने के लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं।
रैपिड टेस्ट किट उपलब्ध होते ही व्यापक स्तर पर टेस्ट शुरू किए जाएंगे, ताकि संक्रमित रोगियों का समय पर पता
लगाकर उन्हें क्वारंटाइन किया जा सके और संक्रमण दूसरे लोगों में फैलने से रोका जा
सके।
श्री गहलोत ने राज्य सरकार द्वारा सभी
जरूरतमंद वर्गों को राहत पहुंचाने के लिए किए गए उपायों से प्रधानमंत्री को अवगत
कराया और कहा कि कोरोना जैसी आपदा का सामना करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से
राज्यों को पर्याप्त सहयोग मिलना बेहद जरूरी है। उन्होंने लॉकडाउन के संबंध में
फैसला राज्यों की परिस्थितियों को देखते हुए उन्हें विश्वास में लेकर सामूहिक तौर
पर करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में केन्द्र सरकार द्वारा लिए गए
फैसले को राज्य सरकार लागू करेगी।
हमारा संकल्प कोई भूखा नहीं सोए
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा संकल्प है
कि लॉक डाउन के कारण प्रदेश में एक भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए तथा लोगों की
परचेजिंग पावर बनी रहे। हमने हर वर्ग को अपने फैसलों से राहत पहुंचाई है। 78 लाख लाभार्थियों को सामाजिक सुरक्षा के
तहत मिलने वाली पेंशन का फरवरी एवं मार्च माह का भुगतान कर दिया गया है। राज्य
सरकार इस पर 1500 करोड़ रूपए वहन कर रही है। उन्होंने कहा
कि राज्य सरकार ने हर जरूरतमंद तक खाना एवं राशन सामग्री पहुंचाने के पर्याप्त
इंतजाम किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रबी सीजन की
फसलें बिक्री के लिए बाजार में आने को तैयार है। पीएम आशा योजना में फसल की कुल
पैदावार का 25 प्रतिशत हिस्सा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर
खरीदा जाता है, जो अपर्याप्त है। इस कठिन समय में
किसानों को राहत देते हुए इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत
तक किया जाना चाहिए। साथ ही एफसीआई एवं नैफेड द्वारा समर्थन मूल्य पर चरणबद्ध रूप
से खरीद शुरू की जानी चाहिए।
उधार लेने की क्षमता की सीमा 5 प्रतिशत तक हो
श्री गहलोत ने प्रदेश के लिए उधार लेने
की क्षमता एवं एफआरबीएम एक्ट में उल्लेखित राजकोषीय घाटे की सीमा जीडीपी के 5 प्रतिशत तक बढ़ाने की अनुमति प्रदान करने
की मांग रखी। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में वेज एण्ड
मीन्स एडवान्स में 30
प्रतिशत की सीमा बढ़ाई
है लेकिन विशेष संकटकाल को देखते हुए राज्य सरकारों को ब्याज रहित वेज एण्ड मीन्स
एडवान्स की सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए ताकि वे कोविड-19 महामारी से ज्यादा प्रभावी तरीके से
निपट सकें।
6 माह
का ब्याज मुक्त मोरेटोरियम मिले
साथ ही उन्होंने मांग रखी कि भारतीय
रिजर्व बैंक एवं केन्द्र के अधीन अन्य वित्तीय संस्थानों के बकाया ऋण की आगामी
किश्तों के भुगतान का पुनर्निधारण करते हुए ब्याज मुक्त आधार पर 6 माह का मोरेटोरियम उपलब्ध कराया जाए।
इसमें राज्य सरकारों के बोर्ड,
कॉर्पोरेशन एवं
कंपनियां भी शामिल की जाएं।
राज्यों को शीघ्र मिले एक लाख करोड़ रूपए
की अनुदान राशि
वैश्विक महामारी कोविड-19 से निपटने के लिए राज्य सरकारों को एक
लाख करोड़ रूपए की अनुदान राशि शीघ्र उपलब्ध करवाई जाए। इस अनुदान राशि की पहली
किश्त का भुगतान जनसंख्या के आधार पर एवं तत्पश्चात अन्य किश्तों का भुगतान जीएसटी
कांउसिल या इन्टर स्टेट कांउसिल द्वारा निर्धारित फॉर्मूले के आधार पर किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्यों को वित्तीय
पैकेज के निर्धारण के लिए केन्द्रीय वित्त मंत्रालय और आरबीआई के अधिकारियों से
चर्चा के लिए राजस्थान की ओर से शीर्ष अधिकारियों का एक दल भेजा जा सकता है।
श्री गहलोत ने कहा कि सरकार के आदेशों
पर उद्योगों एवं व्यावसायिक संस्थानों में मार्च माह का वेतन अपने कार्मिकों एवं
मजदूरों को पूरा दिया है,
लेकिन भविष्य में भी
उन्हें यह वेतन मिलता रहे यह सुनिश्चित किया जाना जरूरी है क्योंकि लॉकडाउन के
दौरान उनके पास अपनी रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने के लिए दूसरा कोई आय का साधन
नहीं है।
निर्यात को बढ़ावा देने के उपाय अभी से
हों
मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि लॉकडाउन
खुलने के बाद वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में रिकवरी होगी ऎसे में भारत के लिए
निर्यात के नये अवसरों की संभावना को देखते हुए हमें अभी से ही निर्यात को बढावा
देने के लिए एक्जीम बैंक के माध्यम से ब्याज सब्सिडी एवं अन्य इन्सेंटिव देने पर
विचार करना चाहिए।
ʻकोविड-19 राहत कोष’ में दी गई सहयोग राशि सीएसआर गतिविधि मानी जाए
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री
नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया कि राजस्थान मुख्यमंत्री सहायता कोष ʻकोविड-19 राहत
कोष’ में राजस्थान राज्य में संचालित
कंपनियों द्वारा आर्थिक मदद दिए जाने को पीएम केयर्स फण्ड की तर्ज पर सीएसआर के
तहत पात्र गतिविधि मान्य करने के लिए संबंधित मंत्रालय को आवश्यक आदेश जारी करने
के निर्देश दिए जाएं। इस राशि से राज्य सरकार को इस महामारी को रोकने के लिए और
अधिक प्रभावी कदम उठाने में मदद मिल सकेगी।
श्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान इस
महामारी को लेकर पूरी तरह सतर्क और सजग है। हम इस चुनौती का सामना करने में किसी
तरह की कमी नहीं आने देंगे।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य
सचिव श्री डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक श्री भूपेन्द्र सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा श्री रोहित कुमार सिंह
सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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