पत्रकारों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग : प्रवासियों को एक बार घर जाने का मौका दे केन्द्र सरकार, गृह मंत्री श्री शाह से की मांग, अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से हुई चर्चा - मुख्यमंत्री
जयपुर, 20 अप्रेल। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने
केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह से फोन पर बात कर प्रस्ताव दिया है कि लॉकडाउन
के चलते राजस्थान में अटके प्रवासियों और विभिन्न प्रदेशों में रह रहे
राजस्थानियों को एक बार अपने घर जाने का मौका दिया जाए। गृह मंत्री ने इस पर
मंत्रालय के अधिकारियों से बात कर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है। साथ
ही, विभिन्न राज्यों के
मुख्यमंत्रियों से वार्तालाप कर कोटा में कोचिंग के लिए रह रहे छात्रों को गृह
राज्य पहुंचाने के योजना पर काम किया जा रहा है। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, आसाम और गुजरात के मुख्यमंत्रियों ने इस
पर सहमति दे दी है। जल्द ही इन राज्यों के छात्र अपने घर के लिए रवाना होंगे।
श्री गहलोत ने सोमवार को मुख्यमंत्री
निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीडिया प्रतिनिधियों के साथ वार्ता के
दौरान कहा कि पूरे देश में लोग फंसे हुए हैं और उनकी घर जाने की मांग पर
संवेदशीलता के साथ निर्णय करने की जरूरत है। केन्द्र सरकार से इस विषय पर कई बार
चर्चा की गई है और अब सोमवार को केन्द्रीय गृह मंत्री से भी फोन पर गंभीर विमर्श
हुआ है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के प्रवासी अपने गृह राज्य से गहरा लगाव रखते
हैं और सुख-दुख में हमेशा आते-जाते रहते हैं। इसीलिए देशभर में जो प्रवासी
राजस्थानी हैं, राज्य
सरकार उन्हें भी एक बार अपने गांव आने का अवसर देने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने
कहा कि राजस्थान के विभिन्न जिलों से आकर कोटा में कोचिंग कर रहे 4,000 बच्चों को भी जल्द ही उनके जिलों में
भेजा जाएगा।
केन्द्र सरकार गेहूं के भण्डारों से
अधिक अनाज आवंटित करे
मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा
कि लॉकडाउन की अवधि में राशन
सामग्री की मांग अधिक बढ़ गई है, क्योंकि
बड़ी संख्या में परिवार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से वितरित होने वाले
गेहूं की मांग कर रहे हैं। राज्य सरकार ने केन्द्र से राशन का अधिक गेहूं जारी
करने का प्रस्ताव दिया है, ताकि
इस संकट काल में कोई भी व्यक्ति भूख से पीड़ित ना रहे। उन्होंने कहा कि भारतीय
खाद्य निगम (एफसीआई) के भण्डार गेहूं से भरे पड़े हैं और नई फसल भी आने वाली है।
ऎसे में, मुझे
उम्मीद है कि केन्द्र सरकार इस मांग पर भी जल्द ही सकारात्मक निर्णय लेकर राज्यों
को राशन के लिए अधिक गेहूं जारी करेगी।
श्री गहलोत ने एक प्रश्न के उत्तर में
कहा कि प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद 16 अप्रैल से शुरू हो चुकी है। इस बार
राज्य सरकार ने एफसीआई के खरीद केन्द्रों की संख्या 204 से बढ़ाकर 300 की है, जिनके माध्यम से भारत सरकार 17 लाख टन गेहूं खरीदेगी। राजस्थान सरकार
विशेष प्रयास कर रही है कि मण्डियों में किसानों को उनकी फसल का पूरा दाम मिले और
एमएसपी से नीचे खरीद नहीं हो।
रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट पर आईसीएमआर करेगी
निर्णय
मुख्यमंत्री ने कहा कि रैपिड एंटीबॉडी
टेस्ट इंडियन कॉउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के दिशा-निर्देशों के तहत ही
किए जा रहे हैं। इसके लिए टेस्ट किट की खरीद भी आईसीएमआर की स्वीकृति के बाद ही की
गई है। अब इस टेस्ट किट की गुणवत्ता के विषय में एसएमएस अस्पताल तथा स्वास्थ्य
विज्ञान विश्वविद्यालय में शोध किया जा रहा है। आईसीएमआर को भी इसके बारे में पत्र
लिखा गया है। वहां से जो भी दिशा निर्देश मिलेंगे उसके अनुसार इन टेस्ट किट का
इस्तेमाल किया जाएगा।
बेसहारा व्यक्ति हमारा ʻटारगेट ग्रुपʼ, वंचितों की हर संभव सहायता करेंगे
श्री गहलोत ने एक सवाल के जवाब में कहा
कि जब तक अर्थव्यवस्था की गाड़ी पटरी पर नहीं आएगी तब तक राजस्थान सरकार वंचितों की
हर संभव सहायता करेगी। बेसहारा और किसी भी सामाजिक सुरक्षा योजना से वंचित व्यक्ति
हमारा ‘टारगेट
ग्रुप‘ है
और इनकी मदद करना हमारा संकल्प है। उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग की समस्याएं अलग
हैं, निम्न मध्यम वर्ग की
समस्याएं अलग हैं। राज्य सरकार सभी वर्गों की बेहतरी के प्रयास कर रही है, लेकिन अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में
केन्द्र सरकार की भूमिका बड़ी है। विभिन्न राज्यों ने केन्द्र सरकार को मदद के लिए
कई पत्र लिखे हैं और राहत पैकेज की मांग की है। मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार इस
पर काम कर रही होगी और जल्द ही राज्यों को आर्थिक सहायता के लिए घोषणा की जाएगी।
स्वास्थ्य क्षेत्र में आधारभूत ढांचे के
विस्तार पर पूरा फोकस
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी
से लड़ने के लिए राज्य सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में आधारभूत ढांचे के विस्तार पर
पूरा फोकस कर रही है। हमने पूर्व में भी निशुल्क दवा योजना, निशुल्क जांच और निरोगी राजस्थान जैसे
अभियानों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता बढ़ाने पर काम किया
है। अब कोरोना संकट के चुनौतीपूर्ण दौर में भी हर जिले में विशेष जांच प्रयोगशाला
और आईसीयू बेड की सुविधाएं बढ़ाने पर काम किया जा रहा है। इसके लिए स्थानीय विधायक
कोष की क्षेत्रीय विकास निधि का भी उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह
संकट कब तक खत्म होगा, इसका
कोई अंदाजा इस समय नहीं लगाया जा सकता, लेकिन इससे जूझने के लिए पूरे देश, दुनिया और प्रदेश में आपसी सहयोग की एक
भावना विकसित हुई है।
दूरदर्शन पर स्कूली पाठ्यक्रम के
कार्यक्रम प्रसारण की मांग
श्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान ने
दूरदर्शन के माध्यम से राज्य में स्कूली बच्चों के पाठ्यक्रम से जुड़े कार्यक्रमों
का प्रसारण करने की मांग की है। दूरदर्शन के नेटवर्क की दूरदराज तक पहुंच होने के
कारण लॉकडाउन की स्थिति में विद्यार्थियों के लिए उपयोगी कार्यक्रमों का प्रसारण
एक अभिनव पहल होगी। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों को जून माह तक अभिभावकों से फीस
वसूली स्थगित करने का निर्णय किया गया है और इस अवधि में विद्यार्थियों को स्कूल
से नहीं निकालने के लिए निर्देशित किया है। फीस माफ करने के विषय में अभी कोई
प्रस्ताव नहीं है। आगे की योजना पर फिर विचार करेंगे, क्योंकि सरकार को यह भी सुनिश्चित करना
है कि फीस की कमी के चलते निजी स्कूलों के बंद होने की नौबत नहीं आए।
मुख्यमंत्री ने एक अन्य सवाल के जवाब
में कहा कि राज्य सरकार ने स्कूलों में रखी पोषाहार की सामग्री को लॉकडाउन के
दौरान वंचितों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए इस्तेमाल करने के आदेश जिला कलक्टर को
जारी कर दिए थे। कुछ जिलों में इस पोषाहार को उपयोग में भी ले लिया गया है।
वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
तथा सूचना एवं जनसम्पर्क मंत्री डॉ रघु शर्मा, मुख्य
सचिव श्री डी.बी. गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री रोहित
कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त श्री महेन्द्र
सोनी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस वार्ता का संचालन किया।
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