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कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्रों में एनएफएसए के लाभार्थियों को गेहूं के स्थान पर आटा भी वितरण होगा - खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री


जयपुर, 17 अप्रेल। प्रदेश के कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में एनएफएसए (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना) के लाभार्थियों को गेहूं के स्थान पर आटा भी वितरित किया जायेगा। लाभार्थियों को कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में फ्लोर मीलों से आटा तैयार कर गेहूं के स्थान पर आटे का वितरण अथवा उनकी पात्रतानुसार गेहूं देते हुए क्षेत्र में अतिरिक्त चल आटा चक्कियों (मोबाईल फ्लोर मिल्स) की व्यवस्था कर कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र के निवासियों को पास जारी करते हुए बारी-बारी से आटा पिसाई के लिए अनुमति दिये जाने का विकल्प रहेगा। इस दौरान र्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में सोशल डिस्टेंसिंग के मापदण्डों की पालना किया जाना जरूरी होगा।

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री रमेश चन्द मीना ने बताया कि कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र के लाभार्थियों को दिये जाने वाला गेहूं का उठाव भारतीय खाद्य निगम से सीधा आटा मिलों को किया जायेगा। प्रदेश में मई माह से गेहूं के लिए यह व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने बताया कि आटा मिलों द्वारा गेहूं की पिसाई कर प्रति किग्रा अधिकतम 100 ग्राम अर्थात 10 प्रतिशत छीजत काटते हुए दिये जाने वाले गेहूं की मात्रा के बदले आटा उपलब्ध करवाया जायेगा। 

10, 20, 25 एवं 50 किग्रा की पैकिंग तैयार की जायेगी

खाद्य मंत्री ने बताया कि आटा मिलों द्वारा 10, 20, 25 एवं 50 किग्रा की पैकिंग तैयार की जायेगी। लाभार्थियों को उनकी पात्रता के अनुसार देय गेहूं की मात्रा में से आनुपातिक छीजत कम करते हुए निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार आटे का वितरण किया जायेगा। उन्होंने बताया कि किसी भी लाभार्थी द्वारा आटे के स्थान पर गेहूं की मांग की जाये तो उसे गेहूं ही उपलब्ध करवाया जायेगा। 

आटे का वितरण करने से पहले पॉस मशीन में होगा इन्द्राज

श्री मीना ने बताया कि आटा मिलों से उचित मूल्य की दुकानों पर आटा पहुंचाने के बाद लाभार्थियों को वितरण करने से पहले पॉस मशीन में इन्द्राज किया जायेगा। उन्होंने बताया कि गेहूं के बदले छीजत के बाद बनने वाले आटे की मात्रा के आधार पर गेहूं की पिसाई, पैकिंग एवं समस्त परिवहन लोडिंग अनलोडिंग व्यय का वहन तरल कोष से किया जायेगा। 

र्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों से बाहर की आटा मिलों एवं चक्कियां खुली रहेंगी

खाद्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश के जो क्षेत्र कर्फ्यूग्रस्त नहीं है वहां की आटा मिलों एवं आटा चक्कियों को खुला रखने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों के अलावा अन्य जरूरत मंद परिवारों को निःशुल्क ड्राई राशन सामग्री में गेहूं आदि के रूप में वितरित किया जाना है ऐसे प्रकरणों में दानदाताओं को ड्राई राशन में गेहूं अनाज के स्थान पर आटा देने हेतु प्रोत्साहित किया जावे।

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