मॉडिफाइड लॉकडाउन का मतलब बाहर निकलने की छूट नहीं, रमजान और अक्षय तृतीया पर लॉकडाउन की हो पूरी पालना, धर्मगुरू, जनप्रतिनिधि निभाएं जिम्मेदारी - मुख्यमंत्री
जयपुर, 19 अप्रेल। मुख्यमंत्री श्री
अशोक गहलोत ने कहा कि 20
अप्रेल से शुरू होने वाले मॉडिफाइड लॉकडाउन का यह कतई मतलब नहीं कि
लोग घरों से बाहर निकल सकते हैं। लोग किसी सूरत में अपना जीवन खतरे में न डालें। लॉकडाउन
की उसी तरह पालना करें, जैसे
वे अब तक करते रहे हैं। आवश्यक सेवाओं के अतिरिक्त कोई बाहर निकला तो कार्रवाई होगी।
उन्होंने कहा कि इसी महीने शुरू होने वाले रमजान एवं अक्षय तृतीया के अवसर पर लोग लॉकडाउन
की पूरी तरह पालना करें। उन्होंने धर्मगुरूओं, जनप्रतिनिधियों, एनजीओ आदि से अपील की है कि वे लॉकडाउन की
पालना करवाने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं।
श्री गहलोत रविवार को मुख्यमंत्री निवास
पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पत्रकारों के साथ वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा
कि प्रदेश में जब लॉकडाउन की शुरूआत की गई थी, तब राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों,
धर्मगुरूओं, एनजीओ सहित सभी वर्गों को साथ लिया गया था।
उन्हें हम फिर आग्रह करेंगे कि वे मॉडिफाइड लॉकडाउन को सफल बनाने में अपनी नैतिक जिम्मेदारी
निभाएं।
एक-तिहाई कार्मिकों को फिलहाल नहीं आना है
कार्यालय
मुख्यमंत्री ने बताया कि आवश्यक सेवाओं के
अतिरिक्त अन्य सरकारी कार्यालयों में 20
अप्रेल से 33
प्रतिशत कार्मिकों को रोटेशन के आधार पर बुलाने के निर्णय को फिलहाल
टाल दिया गया है। अभी केवल सचिव, विभागाध्यक्ष और उप सचिव स्तर के अधिकारी
एवं उनका निजी स्टाफ ही दफ्तर आएंगे। आगे इस संबंध में चरणबद्ध रूप से निर्णय लिया
जाएगा। उन्होंने कहा कि मॉडिफाइड लॉकडाउन में नगरपालिका के बाहर ग्रामीण क्षेत्रों
में उद्योग शुरू हो सकेंगें। शहरी क्षेत्रों में उन्हीं उद्योगों को सीमित छूट दी गई
है, जिनमें श्रमिकों को फैक्ट्री
में रखने की उचित व्यवस्था उपलब्ध है। आवश्यक सेवाओं के लिए पूर्व में जो पास जारी
किए गए हैं, वे
आगे भी मान्य होंगे। नए ई-पास ऑनलाइन बनाए जाएंगे।
राज्य के कैम्पों में अटके श्रमिक कार्यस्थल
पर जा सकेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने प्रदेश
के अंदर विभिन्न जिलों में कैम्पों में अटके श्रमिकों को राज्य में स्थित उनके कार्यस्थलों
पर पहुंचने की छूट दे दी है, लेकिन
इससे पूरी तरह समस्या हल नहीं होगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान की समस्या अन्य राज्यों
से भिन्न है। बड़ी संख्या में यहां के श्रमिक देश के लगभग सभी राज्यों में मौजूद हैं।
वे कोरोना महामारी के कारण तनाव में हैं और एक बार अपने-अपने घर जाना चाहते हैं। ऐसे
में भारत सरकार को राजस्थान की परिस्थिति को ध्यान में रखकर उन्हें अपने घर पहुंचाने
की छूट देनी चाहिए, ताकि
उनका कॉन्फिडेंस मजबूत हो सके और वे कुछ समय बाद फिर अपने-अपने काम पर लौट सकें। इसके
लिए हम भारत सरकार को पुनः पत्र लिखकर छूट देने का आग्रह करेंगे।
श्री गहलोत ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार
कोटा में पढ़ रहे कोचिंग स्टूडेंट्स को अपने राज्य में लेकर गई है। उन्होंने कहा कि
अन्य राज्य भी इस दिशा में पहल करें, ताकि बच्चों का तनाव दूर हो सके और संकट की इस घड़ी में वे परिवार
के साथ रह सकें।
प्रदेश को 18 हजार करोड़ की राजस्व हानि,
केंद्र दे विशेष पैकेज
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के कारण राज्य
की आय एवं राजस्व संग्रहण में 60
से 70
प्रतिशत तक की गिरावट आई है। आर्थिक मंदी और कोरोना के कारण राजस्थान
को इस वर्ष करीब 18
हजार करोड़ रूपए के राजस्व की हानि हुई है। मार्च के अंतिम सप्ताह
में ही करीब 3500
करोड़ रूपए के राजस्व का नुकसान हुआ है। इस स्थिति का सामना करने के
लिए केंद्र सरकार को विशेष पैकेज देना चाहिए।
श्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार के ऐसे
प्रयास हैं कि प्रदेश में एपीएल हो चुका कोई परिवार कोरोना के कारण बीपीएल में नहीं
आए। आर्थिक सलाहकार सेवानिवृत्त आईएएस श्री अरविंद मायाराम की अध्यक्षता में गठित कमेटी
इस संबंध में विशेषज्ञों से सलाह ले रही है। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर उचित निर्णय
लिए जाएंगे। केंद्र सरकार को इसके लिए पैकेज देना चाहिए ताकि किसी भी छोटे व्यापारी,
दुकानदार या अन्य व्यक्ति
की आर्थिक स्थिति नहीं बिगडे़। उन्होंने कहा कि राजस्थान में हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर
को मजबूत बनाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसमें धन की कमी नहीं आने दी जाएगी।
पेंडेंसी नहीं रहे, इसके लिए दिल्ली भिजवाए 4 हजार सैम्पल
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के टेस्ट की
पेंडेंसी नहीं रहे, इसके
लिए हमारी सरकार ने करीब चार हजार सैम्पल्स जांच के लिए दिल्ली भिजवाए हैं। राजस्थान
में कोरोना के सबसे ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं। इसी दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए
हमारी सरकार ने करीब चार हजार सैम्पल्स को जांच के लिए दिल्ली लैब में भेजा है। ऐसी
पहल करने वाला राजस्थान पहला राज्य है। इससे कोरोना की रिपोर्ट के लिए बैकलॉग एवं इंतजार
खत्म होगा।
मंडियों में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ होगी उपज खरीद
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित
करेगी कि मंडियों में कृषि जिंसों की खरीद में सोशल डिस्टेंसिंग प्रोटोकॉल की पालना
हो। साथ ही किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य भी मिले। श्री गहलोत ने कहा कि करीब
400 मंडियों
एवं गौण मंडियों, करीब
500 ग्राम
सेवा सहकारी समितियों एवं क्रय-विक्रय सहकारी समितियों तथा करीब 1500 कृषि प्रसंस्करण इकाइयों
के जरिए जिंसों की खरीद की व्यवस्था की गई है। किसानों से कृषि जिंसों की सीधी खरीद
के लिए कृषि प्रसंस्करण इकाइयों को भी लाइसेंस जारी किए गए हैं। कोटा संभाग में रबी
जिंसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद प्रारंभ हो गई है।
वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा
सूचना एवं जनसम्पर्क मंत्री डॉ रघु शर्मा, मुख्य
सचिव श्री डी.बी. गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री रोहित कुमार
सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त श्री महेन्द्र सोनी
ने वीडियो कॉन्फ्रेंस वार्ता का संचालन किया।
No comments