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टैक्सटाइल इण्डस्ट्री ने करीब सात करोड़ दिए, औद्योगिक प्रतिष्ठान सीएसआर गतिविधियों में रीलिफ फण्ड, चिकित्सा सुविधाओं, मास्क-सेनेटाइजर वितरण जैसी गतिविधियों को प्राथमिकता दे - उद्योग मंत्री


जयपुर, 2 अप्रेल। उद्योग मंत्री श्री परसादी लाल मीणा ने कहा है कि प्रदेश के औद्योगिक प्रतिष्ठान व्यापक सामाजिक हित में भागीदारी निभाते हुए कोरोना वायरस के कारण लॉक डाउन की संकट की इस घड़ी में प्रदेश में सीएसआर गतिविधियों में प्रोएक्टिव भूमिका निभाएं। उन्होंने राजस्थान की टैक्सटाइल इण्डस्ट्री द्वारा सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और डीएम कोष में करीब सात करो़ड रुपये उपलब्ध कराने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अन्य प्रतिष्ठानों को आगे आने का आग्रह किया है। उन्होंने फील्ड अधिकारियों को भी अनुज्ञेय श्रेणी की इकाइयों व संस्थाओं के प्राप्त आवेदनों पर भी त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।

उद्योग मंत्री ने बताया कि कोरोना लॉक डॉउन के दौरान केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी को ध्यान में रखते हुए विभाग अनुज्ञेय श्रेणी की इकाइयों के संचालन के प्रति गंभीर है। अधिकारियों से चर्चा कर प्रक्रिया को सरल व पारदर्शी बनाया है। उन्होंने बताया कि विभाग के एसीएस डॉ.सुबोध अग्रवाल, आयुक्त उद्योग श्री मुक्तानन्द अग्रवाल और रीको एमडी श्री आशुतोष पेडनेकर निरंतर समन्वय बनाते हुए हैं उद्योगों व कार्मिकों के संबंध में तेजी से निर्णय ले रहे हैं। आज पहली आवश्यकता कोरोना वायरस के चलते केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी, निर्देशों और स्वास्थ्य मानकों की पालना सुनिश्चित करना है।

श्री मीणा ने कहा कि औद्योगिक प्रतिष्ठान अपनी सीएसआर गतिविधियों में आंशिक बदलाव लाते हुए कोरोना वायरस से जूझ रहे नागरिकों के हित में आगे आएं और मुख्यमंत्री रीलिफ फण्ड, क्षेत्र के चिकित्सालयों में चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार, मास्क-सेनेटाइजरों के वितरण, जरुरतमंद लोगों के लिए भोजन पैकेट और इसी तरह की गतिविधियों को पहली वरियता दें।

एसीएस उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य में सीएसआर गतिविधियों के तहत अभी टैक्सटाइल सेक्टर आगे आया है। उन्होंने बताया कि राजस्थान स्पिनिंग व विविंग मिल्स एलएनजी ग्रुप ने पांच करोड़ 50 लाख रुपये में से डेढ़ करोड़ रुपये राजस्थान सीएम फण्ड व भीलवाड़ा और अजमेर डीएम रीलिफ फण्ड में देने के साथ ही दो करोड़ रुपये पीएम केयर्स फण्ड, डेढ़ करोड़ रुपये मध्यप्रदेश सीएम रीलिफ फण्ड, 50 लाख रुपये हिमाचल प्रदेश सीएम रीलिफ फण्ड में उपलब्ध कराए है। इसके अलावा संगम ग्रुप ने 25 लाख रुपयेकंचन इण्डिया लिमिटेड ने 25 लाख रुपये, महादेव कॉटन मिल्स ने 25 लाख रुपये, नितिन स्पिनर्स ने 31 लाख रुपये में 11 लाख रुपये पीएम रीलिफ फण्ड,11 लाख रुपये, सीएम रीलिफ फण्ड, भीलवाडा डीएम 5 लाख व चित्तोडगढ़ डीएम 3 लाख रुपये, जानकी कोर्प ने 11 लाख रुपये और सुधीवा स्पिनर्स ने संस्थान व कार्मिकों के सहयोग से 3 लाख 50 हजार रुपये मुख्यमंत्री रीलिफ फण्ड व उम्मेद मिल ने पीएम केयर्स फण्ड में 11 लाख रुपये उपलब्ध कराए हैं। निःशुल्क फूड पैकेट वितरण के लिए राजस्थान स्पिनिंग व विविंग मिल्स एलएनजी ग्रुप ने 10 लाख रुपये, नितिन स्पिनर्स ने 5 लाख रुपये, सुधीवा स्पिनर्स ने 4 लाख रुपये, लगनम लि. ढ़ाई लाख रुपये और एमआर वीविंग ने डेढ़ लाख रुपये कुल 23 लाख रुपये उपलब्ध कराए हैं। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाइयों को इस संकट की घड़ी में आगे आने की आवश्यकता है।

उद्योग आयुक्त श्री मुक्तानन्द अग्रवाल ने बताया कि अनुज्ञेय श्रेणी की इकाइयों को अनुमति प्रदान करने में तेजी आई है। एक अप्रेल तक राज्य में जिला उद्योग केन्द्रों व रीको ने 46 इकाइयों को संचालन की अनुमति जारी कर दी है। 271 इकाइयों ने संपर्क किया हैं वहीं जिले, अंतर्राज्‍यीय व राज्य के बाहर के वाहनों के लिए 53 पास जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि कार्मिकों व श्रमिकों के पास के लिए 125 इकाइयों ने संपर्क साधा है और विभाग व रीको ने श्रमिकों व कार्मिकों के 402 पास जारी किए हैं।

आयुक्त श्री अग्रवाल ने बताया कि जिला उद्योग केन्द्रों के महाप्रबंधकों व रीको के अधिकारियों को प्राप्त प्रस्तावों पर त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि प्राप्त आवेदनों का अधिकतम 6 घंटों में निष्पादन करे और किसी भी स्तर पर देरी हो तो उच्चाधिकारियों से संपर्क कर तत्काल समाधान कराया जाए। 

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