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प्रदेश भर में लिए 98 हजार सैंपल, 6.5 हजार से ज्यादा जांच प्रतिदिन करने की क्षमता की विकसित - चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री


जयपुर, 29 अप्रेल। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा सैंपल लेते हुए उनकी जांच करवाकर ही हम कोरोना को मात देने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब तक प्रदेश में लगभग 98 हजार से ज्यादा सैंपल लिए जा चुके हैं और 6.5 हजार से ज्यादा जांचों की क्षमता विकसित की जा चुकी है। देश भर में इतने व्यापक स्तर पर सैंपल लेने वाला और जांच करने वाला राजस्थान अग्रणी प्रदेश है।

डॉ. शर्मा ने बताया कि जांच की क्षमता में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है। प्रदेश भर में 13 आरटी-पीसीआर की मशीनों के जरिए व्यापक स्तर पर जांचें की जा रही हैं। डूंगरपुर में 3, उदयपुर में 4, बीकानेर और बाड़मेर 1-1 और भरतपुर व कोटा 2-2 मशीनें भेजी गई हैं। इनमें डूंगरपुर की 3 और उदयपुर की 2 और बीकोनर की 1 मशीन के जरिए जांच का कार्य किया जा रहा है। यही वजह है कि जांचों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।

10 हजार जांचों का लक्ष्य जल्द होगा पूरा

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि आईसीएमआर ने भीलवाड़ा को अनुमति दे दी और वहां जांच का कार्य शुरू हो गया है। आरयूएचएस में 250 जांच प्रतिदिन होना शुरू हो गया और वहां इसका दायरा बढ़ाकर 1000 प्रतिदिन जांच की जाएंगी। जयपुर और जोधपुर के लिए कोबोस-8800 के ऑर्डर किए जा चुके हैं, इनके आने के बाद जांचों का दायरा 3-4 हजार प्रतिदिन और भी बढ़ जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में  व्यापक स्तर पर जांच का दायरा बढ़ाया गया है ।

781 लोग हुए पॉजीटिव से नेगेटिव

उन्होंने बताया कि बुधवार को दोपहर 2 बजे तक प्रदेश में कोरोना पॉजीटिव्स की तादात 2393 रही। इसमें से 781 कोरोना प्रभावित पॉजीटिव से नेगेटिव में तब्दील हो चुके हैं एवं 584 को डिस्चार्ज कर दिया गया है। प्रदेश भर में लगभग 98 हजार लोगों का सैंपल लिया जा चुका है, जिनमें से 90108 की जांचें नेगेटिव रही हैं और 5289 की रिपोर्ट आना बाकी है।

मैनपावर की कमी नहीं आने दी जाएगी

डॉ. शर्मा ने बताया कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए किसी भी स्तर पर मैन पावर की कमी नहीं आने दी जाएगी। 12 हजार नसिर्ंगकर्मियों की भर्ती का मामला न्यायिक प्रक्रिया में होने से अटका हुआ था। मुख्यमंत्री ने भर्ती प्रक्रिया की राह आसान करते हुए न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े अभ्यर्थियों को छोड़कर अन्य सभी को नियुक्ति देने के निर्देश दिए। ऎसे लगभग 9 हजार एएनएम और जीएनएम को नियुक्ति भी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि इससे पहले 735 चिकित्सकों को नियुक्ति दी जा चुकी है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर 2000 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।

सीबीनाट मशीनों से जांच में आएगी तेजी

उन्होंने बताया कि कोविड-19 की जांच के लिए टीबी के इलाज काम आने वाली सीबीनाट मशीनों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। इसमें आरटीपीसीआई पद्धति से जांच की जाएगी। टीबी के मरीजों को एक महीने की दवा अग्रिम देने की व्यवस्था  की है। यही नहीं जो टीबी कार्यक्रम में पंजीकृत नहीं हैं, उनकी दवाओं का इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सीबीनाट मशीनों से जांचों को गति मिलेगी।

राजस्थान कई मामलों में अव्वल

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों और मॉनिटरिंग के चलते राजस्थान जांच सुविधाओं विकसित करने, सैंपल ज्यादा लेने, पॉजीटिव से नेगेटिव करने, संक्रमण की गति को नीचे लाने सहित कई विषयों में अव्वल रहा है। उन्होंने बताया कि जिस तरह स्वास्थ्यकर्मी, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस, प्रशासन के अधिकारियों ने जिस जज्बे से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी है, उसी का परिणाम है कि कोरोना का संक्रमण कम होने लगा है।

चिकित्सा व्यवस्थाओं को किया जा रहा है मजबूत

उन्होंने कहा कि यही नहीं मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर जांच की सुविधाओं को बढ़ाकर वहां के चिकित्सकीय आधारभूत ढांचे को विकसित करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी कलेक्टर्स को चिकित्सा संस्थानों में जरूरी आधारभूत सुविधाएं विकसित करने का खाका तैयार कर भेजने के निर्देश दिए हुए हैं। ताकि भविष्य में आने वाली किसी भी बीमारी का सामना राजस्थान आसानी से कर सके।

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