लॉकडाउन में वरिष्ठ नागरिकों का सहारा बनेगी जिला प्रशासन की हैल्पलाइन ‘‘शेयरिंग केयरिंग’’- 7428518030
- जिला प्रशासन एवं जे.के.लक्ष्मीपत
यूनिवर्सिटी का संयुक्त प्रयास
जयपुर, 17 अप्रेल। जिला कलक्टर
डॉ.जोगाराम ने बताया कि जयपुर जिला प्रशासन ने जे.के.लक्ष्मीपत
विश्वविद्यालय,
अजमेर
रोड की फेकल्टी,
एडमिनिस्ट्रेशन और विद्यार्थियों के
सहयोग से वरिष्ठ नागरिकों के लिए शुक्रवार से समर्पित निःशुल्क हैल्पलाइन
सेवा ‘‘शेयरिंग केयरिंग’’ शुरू की है।
हैल्पलाइन नम्बर
‘7428518030’ पर
उपलब्ध यह सेवा लॉकडाउन और आने वाले कुछ माह में शहर के ऐसे वरिष्ठ
नागरिकों का सहारा बनेगी, जिन्हें इन दिनों
शारीरिक अक्षमताओं, संक्रमण के भय, सोशल आइसोलेशन के
कारण मनोवैज्ञानिक रूप से भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा
हो सकता है। बुजुर्गों के हित में कार्य करने वाली विभिन्न प्रोफेशनल
संस्थाओं का भी इसमें सहयोग लिया जा रहा है।
जिला कलक्टर ने बताया कि
प्रतिदिन सुबह 9
बजे
से शाम 7
बजे
तक फैकल्टी,
स्टाफ, सीनियर छात्र व
वॉलंटियर्स द्वारा संचालित की जाने वाली इस हैल्पलाइन पर न केवल बुजुर्गों की
काउन्सलिंग की जाएगी बल्कि उनकी दवा, चिकित्सा, किराना सम्बन्धी आवश्कताओं
को पूरा करवाने के लिए भी सेवा प्रदाताओं के साथ माध्यम के रूप में काम किया
जाएगा। यह हैल्पलाइन जिला प्रशासन एवं समाज की विभिन्न एजेंसियों, आवश्यक सुविधाएं देने
वाले व्यवसायिओं एवं स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं के
सहयोग से वरिष्ठ नागरिकों के जीवन में आई इस कठिनाई को कम करने में कारगर होगी।
जे.के.लक्ष्मीपत यूनिवर्सिटी, जयपुर के कुलपति डॉ. रोशन
लाल रैना ने बताया कि विश्वविद्यालय के एक शोध द्वारा
प्रमाणित हुआ है कि ‘‘इंटर जनरेशनल संवाद’’ यानी युवा पीढी से संवाद बुजुर्गों में
सोशल आइसोलेशन के दुष्प्रभावों से निपटने का प्रभावी तरीका है, इसलिए इस हैल्पलाइन
के जरिए वरिष्ठ नागरिकों का संवाद युवा जनरेशन से होगा।
यह सेवा निःशुल्क है। वे दवा आदि आवश्यक वस्तुओं का भुगतान सीधे इन सेवा
या वस्तुओं को पहुंचाने वाली एजेन्सी को कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि
हाल ही में कुछ राज्यों जैसे कि तेलंगाना और महाराष्ट्र ने भी अपने यहां
साझेदारी में ऐसी हेल्पलाइन लॉन्च की हैं।
श्री रैना ने बताया कि
हैल्पलाइन में भारत में बुजुर्गों के लिए काम करने वाली राष्ट्रव्यापी संस्था
‘‘समर्थ कम्यूनिटी’’ का भी सहयोग लिया गया
है जो कुल
110 शहरों
में जानकारी,
मार्गदर्शन
और कॉल पर बुजुर्गों की सेवा एवं सहयोग कर रही है। समर्थ वर्तमान में 100 से ज्यादा सहयोगियों
के माध्यम से लगभग 40 शहरों में दवाओं, प्रावधानों, स्वास्थ्य देखभाल, संकट के समाधान एवं आपातकालीन स्थितियों
में प्रतिक्रिया तंत्र स्थापित करते हुए बुजुर्गों की देखभाल कर रही है।
हैल्पलाइन द्वारा किए
जाने वाले प्रमुख कार्य
- आइसोलेशन के शिकार बुजुर्गों को धैर्यपूर्वक सुनना एवं वरिष्ठ
नागरिकों से सार्थक संवाद करना।
- आवश्यकता होने पर
विशेषज्ञों द्वारा परामर्श की व्यवस्था।
- किसी
दवाई,
रोजमर्रा
की जरूरी चीजों की आवश्यकता होने पर प्रशासन द्वारा स्थापित सहायता
केन्द्रों अथवा उनके निकटतम मेडिकल स्टोर, किराना स्टोर के माध्यम से पूर्ति
करवाना।
- बुजुर्गों के लिए रुचिकर एवं लाभदायक कार्यक्रमों का ऑनलाइन आयोजन
लॉकडाउन के दौरान
कैसे सुरक्षित रहे।
- ऑनलाइन
टूल्स का उपयोग करने, अलग रहकर भी सामूहिक गतिविधियां और
दोस्तों के साथ सम्पर्क।
- प्रशासन की घोषणाओ व
सूचनाओं से अवगत रहना आदि।
किस तरह कार्य करेगी
हैल्पलाइन ‘‘शेयरिंग केयरिंग’’
विश्वविद्यालय में इस हैल्पलाइन के
प्रभारी प्रोफेसर डॉ. उमेश गुप्ता ने बताया कि हैल्पलाइन में दो तरह
की टीमें संयुक्त रूप से कार्य करेंगी। पहली टीम ‘‘कॉल टीम’’ होगी जो दिए गए
हैल्पलाइन नम्बर पर कॉल प्राप्त करेगी, वरिष्ठ नागरिकों की जरूरत या
समस्या को समझेगी। उनके साथ संवाद एवं काउन्सलिंग करेगी एवं प्रमाणिक
स्रोतों से वांछित जानकारी प्रदान करेगी। और यदि उन्हें यदि किसी आवश्यक सेवा
जैसे दवाइयां,
भोजन, चिकित्सक परामर्श की
आवश्यकता या तत्काल सहायता चाहिए अधिकृत एजेन्सी
को सूचित करेगी।
दूसरी टीम ‘‘सेवा प्रदाता टीम’’ होगी जो आवश्यक
सेवाएं प्रदान करने के लिए अधिकृत सरकारी एवं
निजी एजेंसियों एवं संस्थानों (प्रशासन द्वारा स्थापित सहायता केंद्र, फार्मेसी, किराने की डिलीवरी, डॉक्टर, परामर्शदाता और ऑनलाइन परामर्श प्रदान
करने वाले मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ) के साथ ही ऑनलाइन एवं ऎप आधारित
सेवा प्रदाताओं एवं स्थानीय दुकानदारों के साथ समन्वय स्थापित करेगी। इसके
बाद वह सेवा या सामग्री निःशुल्क अथवा निर्धारित दरों पर (सःशुल्क
होने की स्थिति में) इन सेवा प्रदाताओं
द्वारा बुजुर्गों तक पहुंचा दी जाएगी। साथ
ही अधिकृत एजेन्सी के साथ फॉलोअप करना, वरिष्ठ नागरिक को जानकारी देने जैसे
कार्य करेगी।
वीडियो कान्फ्रेन्सिंग से हुई हैल्पलाइन की लांचिंग
No comments