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एमएसएमई इकाइयों सहित 6 हजार औद्योगिक इकाइयों द्वारा काम पुनः शुरू करने की पहल, संक्रमित कार्मिक मिलने पर कार्यवाही की धारणा गलत- अतिरिक्त मुख्य सचिव, उद्योग


जयपुर, 25 अप्रेल। अतिरिक्त मुख्य सचिव, उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा है कि प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों में सामान्य और सहजता से उत्पादन कार्य आरंभ कराना हमारी प्राथमिकता है और इसी का परिणाम है कि प्रदेश में एमएसएमई इकाइयों सहित छह हजार से अधिक छोटी-बड़ी इकाइयों ने काम पुनः आरंभ करने की पहल की है।

उन्होंने उद्यमियों को विश्‍वास दिलाया कि किसी भी औद्योगिक इकाई में किसी भी श्रमिक या कार्मिक के संक्रमण ग्रसित पाए जाने पर इकाई व उस इकाई या प्रबंधन के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी।

अतिरिक्त मुख्य सचिव, उद्योग ने कहा कि उद्यमियों के हितों को ध्यान में रखते हुए ही राज्य सरकार ने 19 अप्रैल को जारी दिशा-निर्देशों में व्यवस्था को और अधिक सरल बनाया है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की भयावहता को देखते हुए कम से कम कार्मिकों / श्रमिकों से उत्पादन कार्य कराने के साथ ही परिसर में ही रहने की व्यवस्था करने, सोषल डिस्टेंस को मेंटेन करने, सेनेटाइजर, साबुन, परिसर को रोगाणु रहित करवाने के साथ ही निर्धारित सुरक्षा मानकों की पालना के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही केन्द्र व राज्य सरकार की एडवाइजरी की पालना के निर्देश दिए गए हैं।

अतिरिक्त मुख्य सचिव, उद्योग ने उद्यमियों को विश्‍वास दिलाया कि निर्धारित मानकों के अनुसार कार्य कर रही औद्योगिक इकाइयों में किसी भी श्रमिक में संक्रमण होने की स्थिति में उस इकाई पर कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय से भी स्पष्टीकरण आ गया है। उन्होंने कहा कि संबंधित इकाई प्रबंधन को किसी भी कार्मिक या श्रमिक के संक्रमण की संभावना लगने पर अस्पताल में दिखाने और प्रषासन को सूचित करने के निर्देष दिए गए हैं।

उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी इकाई द्वारा जानबूझ कर लापरवाही बरती जाती है या निर्देषों की अवहेलना की जाती है तो उसके लिए भी उद्योग / रीको व श्रम आयुक्त या श्रम निरीक्षक की दो सदस्यीय संयुक्त टीम द्वारा जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि सुरक्षा मानकों की पालना करना हमारा सबका दायित्व है।

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