चिकित्सा विभाग ने प्रतिदिन 5 हजार से ज्यादा टेस्टिंग करने की क्षमता की विकसित - चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री
जयपुर, 26 अप्रेल। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री
डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि प्रदेश में प्रतिदिन 4-5 हजार सैंपल लिए जा रहे हैं। यही नहीं
सरकार के अथक प्रयासों से जांच की सुविधाओं में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। चिकित्सा
विभाग द्वारा 5256 टेस्ट
प्रतिदिन किए जा सकते हैं।
श्री शर्मा ने कहा कि भीलवाड़ा में
आईसीएमआर द्वारा टेस्ट की अनुमति मिल चुकी है। जयपुर के आरयूएचएस (राजस्थान स्वास्थ्य
विज्ञान विश्वविद्यालय) में भी आईसीएमआर ने प्रतिदिन 250 टेस्ट करने की अनुमति दे दी है। इसे आगे
1000 टेस्ट तक बढ़ाया
जाएगा। जयपुर और जोधपुर में टेस्ट की तादात बढ़ाने के कोबास-8800 मशीन खरीदने का ऑर्डर दिया जा चुका है।
इन मशीनों के आने के बाद प्रतिदिन 3 से 4 हजार
जांचें अतिरिक्त की जा सकेंगी। कोरोना को रोकने के लिए प्रदेश के अन्य हिस्सों में
भी जांच बढ़ाने की सुविधाओं में विस्तार किया जा रहा है।
संक्रमण पर रोक नहीं होती तो आंकड़ा 3400
के पार होता
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु
शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार के योजनाबद्ध प्रयासों के चलते प्रदेश में 14
अप्रेल के बाद कोरोना
के संक्रमण दर में भारी गिरावट आई है। यदि संक्रमण की गति पहले जितनी रहती तो
संक्रमितों की तादात 3400 से
ज्यादा होती। उन्होंने बताया कि 14 अप्रेल के बाद संक्रमण पर पूरी तरह काबू कर लिया गया है।
उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले तक 8 दिनों में प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या दोगुनी हो
रही थी लेकिन उस पर भी हमने लगाम लगाई है। अब 12 दिनों में यह संक्रमण दोगुना हो रहा है।
देश में कुछेक राज्य ही ऎसे होंगे जो कोरोना पर इतना नियंत्रण कर पाए होंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में टेस्टिंग और सैंपलिंग में कोई कमी नहीं की गई है।
प्रदेश में 6.60 लाख लोग हैं होम क्वारेंटाइन में
डॉ. शर्मा ने बताया कि वर्तमान मे राज्य
भर में 1143 कोरोना
संक्रमित अस्पतालों में भर्ती हैं, इनमें से कुछ लोग ही आईसीयू में है। उन्होंने बताया कि प्रदेश
में 6.60 लाख
लोग होम क्वारेंटाइन में रहे हैं, जबकि 32-33 हजार
लोग संस्थानिक क्वारेंटाइन में रह रहे हैं।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि रविवार 2
बजे तक कोरोना
पॉजीटिव की संख्या 2152 तक
पहुंची। इनमें से 518 लोग
पॉजीटिव से नगेटिव हो चुके हैं और 244 को तो डिस्चार्ज भी किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि देश
में सर्वाधिक लगभग 83 हजार
जांचें केवल राजस्थान में ही हुई हैं और इसी से वास्तविकता का भी पता चल रहा है।
प्रवासी राजस्थानी और प्रवासी श्रमिकों
की घर वापसी के लिए बनाया जा रहा है विशेष मैकेनिज्म
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण बड़ी
संख्या में प्रवासी राजस्थानी और प्रवासी श्रमिक राजस्थान सहित अन्य राज्यों में
अटके हुए हैं। सरकार उनकी घर वापसी के लिए विशेष मैकेनिज्म विकसित कर रही है ताकि
बिना सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन और परेशानी के उन्हें राजस्थान लाया जा सके।
डॉ. शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वयं इस पर
चिंतित हैं और अधिकारियों के साथ मंत्रणा कर उन्हें सकुशल घर वापस लाने की योजना
बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी मदद के लिए अन्य राज्यों में भी विज्ञापन जारी
किए गए हैं। आने वाले सभी प्रवासियों की सघन जांचें की जाएंगी और जरूरत पड़ने पर
उन्हें आइसोलेशन, होम क्वारेंटाइन या इंस्टीट्यूशनल क्वारेंटाइन में भी
रखा जा सकता है।
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