राशन वितरण आसान एवं पारदर्शी बनाने के लिए उठाए कई कदम, मई माह से आधार कार्ड के माध्यम से वितरित होगा गेहूं, 288 से अधिक राशन दुकानों के लाइसेंस निलम्बित
जयपुर, 21 अप्रेल। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ राशन
वितरण व्यवस्था को और अधिक प्रभावी एवं सुदृढ़ बनाने के लिए प्रदेश में मई माह से
राशन कार्ड नम्बर के स्थान पर आधार कार्ड नम्बर दर्ज कर ओटीपी के माध्यम से ही
गेहूं वितरण किया जाएगा। ऎसा करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन
सचिव श्री सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान आमजन को राशन सामग्री का
वितरण आसान एवं पारदर्शी तरीके से करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा
योजना के तहत पोस मशीन से राशन वितरण बायोमैट्रिक सत्यापन के स्थान पर ओटीपी से
किया जा रहा है। फिलहाल ओटीपी नहीं आने पर राशन कार्ड नम्बर रजिस्टर में दर्ज कर
राशन वितरण किया जा रहा है।
लाभार्थी को राशन सामग्री प्राप्त करने के
लिए आधार कार्ड साथ में लाना अनिवार्य होगा। उचित मूल्य दुकानदार की ओर से आधार
कार्ड नम्बर पोस मशीन में दर्ज कर ओटीपी के माध्यम से लाभार्थी को खाद्यान्न वितरण
किया जाएगा। डोर-टू-डोर डिलीवरी की भी व्यवस्था की गई है।
श्री महाजन ने बताया कि कोरोना संक्रमण
की रोकथाम के संबंध में जारी एडवाइजरी का पालन नहीं करने और निरीक्षण के दौरान
अनियमितता मिलने पर अब तक 94 एफआईआर
दर्ज कराने के साथ ही 288 से
अधिक राशन दुकानों के लाइसेंस निलम्बित कर दिए हैं। साथ ही अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी)
से ज्यादा कीमत पर सामान बेचने पर कड़ी कार्रवाई की गई है।
शिकायत रोकथाम के लिए प्रभावी मॉनिटरिंग
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति सचिव ने बताया
कि बायोमैट्रिक व्यवस्था बन्द करने के पश्चात शिकायतों की रोकथाम के लिए प्रतिदिन
जिला रसद अधिकारियों एवं राशन डीलर्स से विभिन्न बिन्दुओं पर सूचना ली जा रही है।
प्रत्येक प्रवर्तन निरीक्षक, प्रवर्तन
अधिकारी, जिला
रसद अधिकारी तथा खाद्य विभाग (मुख्यालय) के अधिकारी सभी राशन डीलर्स के वाट्सएप
ग्रुप से जुड़े हुए हैं। एक अलग से वाट्सएप ग्रुप बनाया गया है जिस पर निरीक्षणों
की फोटो भेजी जा रही है, ताकि
शिकायत आने पर उसका तुरन्त निस्तारण हो सके।
श्री महाजन ने बताया कि लॉकडाउन के
दौरान समय पर राशन आपूर्ति सुनिश्चित हो तथा नवीन व्यवस्था का किसी भी स्तर पर
दुरूपयोग न हो इसकी नियमित मॉनिटरिंग उच्च स्तर पर की जा रही है। राशन वितरण की
प्रक्रिया में तमाम शिथिलीकरण एवं सरलीकरण के बावजूद राशन डीलरों की ओर से इसका
दुरूपयोग करने की शिकायतें अपेक्षाकृत कम हैं। डोर-टू-डोर राशन उपलब्ध कराने में
भी राशन डीलरों ने बढ़-चढ़कर सहयोग किया है।
एमआरपी से ज्यादा कीमत लेने पर साढ़े
बारह लाख का जुर्माना वसूला
श्री महाजन ने बताया कि राज्य सरकार आमजन
को सही दर पर सामान उपलब्ध करवाने के लिए पूरे प्रयास कर रही है। मास्क, हैंड सेनेटाइजर, किराना सामान की अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी)
से ज्यादा कीमत वसूलने वाले प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है।
उन्होंने बताया कि विभागीय टीम ने एक हजार 137 मेडिकल स्टोर्स एवं एक हजार 719 किराना दुकानों सहित 2 हजार 965 प्रतिष्ठानों पर कार्यवाही कर 316
केस दर्ज किए हैं।
इनमें से 301 केस
कंपाउंड कर 12 लाख
58 हजार 500 रुपए का जुर्माना वसूला है।
43 हजार मास्क जब्त
श्री महाजन ने बताया कि बगैर एमआरपी लिखे मास्क
बेचने पर कार्यवाही कर 43 हजार 442 मास्क
जब्त किए गए। उन्होंने बताया कि भीलवाड़ा में सबसे ज्यादा 23 हजार 600 मास्क
जब्त किए गए। इसी प्रकार जयपुर में 15 हजार
342 एवं अजमेर में 4 हजार
500 मास्क जब्त किए गए।
Good
ReplyDeleteस
ReplyDeleteजिनके आर्थिक हालात खराब है किन्तु खराब व्यवस्था के चलते खाद्य सुरक्षा में जुड़ने से वंचित रहे उनतक लाभ कैसे पहुंचाया जाय यह सुनिश्चित करने की शक्त आवश्यकता है।
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