कोविड-19 का संक्रमण रोकने के लिए रूथलेस कन्टेनमेंट पर हो फोकस, ज्यादा से ज्यादा टीमें तैयार कर हर घर का करें सर्वे- मुख्यमंत्री
जयपुर, 12 अप्रेल।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोविड-19 के
संक्रमण को रोकने के लिए रूथलेस कन्टेनमेंट पर फोकस रखा जाए और जो इलाके हॉट-स्पॉट
के रूप में चिन्हि्त किए गए है,
वहां कर्फ्यू और आसपास के इलाकों में लॉकडाउन की
सख्ती से पालना कराई जाये। उन्होंने भीलवाड़ा मॉडल को फॉलो करते हुए ज्यादा से
ज्यादा टीमें तैयार कर हर घर का सर्वे करने के निर्देश दिये ताकि सही समय पर
कोरोना संक्रमित लोगों का पता चल सके और संक्रमण दूसरों में फैलने से रोका जा सके।
श्री गहलोत ने रविवार को मुख्यमंत्री
निवास से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से विभिन्न जिलों के कलक्टर्स एवं कोरोना
संक्रमण रोकने में जुटे वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कोरोना
प्रभावित जिलों में प्रतिदिन किये जा रहे टेस्ट एवं उपलब्ध टेस्टिंग किट के बारे
में जानकारी ली।
क्वारंटाइन सेंटर पर लोगों की सही
देखभाल हो
मुख्यमंत्री ने अधिक से अधिक संख्या में
क्वारंटाइन सेंटर्स तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि अस्पतालों में
लोगों को क्वारंटाइन करने से बचें क्योंकि वहां पॉजिटिव पाए गये मरीजों के इलाज के
लिये जगह रखना जरूरी है। साथ ही उन्होंने क्वारंटाइन सेंटर पर रखे जा रहे लोगों की
सही देखभाल करने और उन्हें समय पर खाना उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होने कहा
कि क्वारंटाइन में रखे गये लोगों की देखरेख करना राज्य सरकार का दायित्व है।
अलग-अलग टीमें बनाकर उन्हें टास्क
सौंपें
श्री गहलोत ने कलक्टर्स से कहा कि जिलों
में अलग-अलग टीमें बनाकर उन्हें टास्क सौंप दिया जाये। जिला रसद अधिकारी की देखरेख
में एक टीम खाने-पीने की व्यवस्थाओं को देखे तो चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में
टीम विभिन्न क्षेत्रों में स्क्रीनिंग पर ध्यान दे। स्क्रीनिंग के दौरान लक्षण
दिखाई देने पर व्यक्ति का टेस्ट कराया जाए। उन्होंने कहा कि रैपिड टेस्ट किट जल्दी
आने वाले हैं, इसके बाद प्रदेश में टेस्टिंग कैपिसिटी
बढ़ जाएगी और ज्यादा से ज्यादा लोगों को कवर किया जा सकेगा।
लॉकडाउन एवं कर्फ्यू का सख्ती से पालन हो
मुख्यमंत्री ने संक्रमण से सर्वाधिक
प्रभावित जिलों में विशेष एहतियात बरतने और वहां लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने
के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा में 25 कोरोना
पॉजिटिव लोगों के ठीक होने के बाद अभी भी एहतियात के तौर पर 6000 लोग होम क्वारंटाइन में रखे गये हैं।
हर घर का सर्वे सुनिश्चित करें
श्री गहलोत ने कहा कि अन्य जिलों में भी
जहां पॉजिटिव मरीज मिले हैं,
वहां के कलक्टर्स इस
महामारी को गंभीरता से लें और हर घर का सर्वे सुनिश्चित करें। पॉजिटिव मरीज के
रिश्तेदारों, करीबियों और उनके संपर्क में आये अन्य
लोगों को क्वारंटाइन किया जाये और जरूरत पड़ने पर आइसोलेशन में रखा जाए। उन्होंने
कहा कि कोई भी पॉजिटिव स्वास्थ्य विभाग की टीम की नजर से बचा ना रह जाए इसका ध्यान
रखें। पॉजिटिव पाए गए व्यक्ति के परिजनों को समझाए कि इस महामारी को रोकने का एक
उपाय आइसोलेशन में रहना है। उन्होंने सघन बसावट वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान
देने को कहा।
वीसी के दौरान मुख्य सचिव श्री डी.बी. गुप्ता
ने कहा कि जरूरतमंद लोगों को भोजन एवं राशन सामग्री वितरण के दौरान सोशल
डिस्टेसिंग को पूरी तरह से फॉलो किया जाये। राशन सामग्री वितरित करते हुए फोटो
खिंचवाने और पब्लिसिटी करने को रोका जाए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री राजीव
स्वरूप ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि लॉकडाउन के दौरान हर जरूरतमंद तक राशन
सामग्री पहुंचे। ऎसे में इस बात का ध्यान रखें कि राशन किट वास्तविक जरूरतमंद तक
पहुंचाया जाए। उन्होंने कलक्टर्स से क्वारंटाइन सेंटर्स पर रखे गये लोगों और वहां
उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जानकारी ली।
अभी तक 25 हजार से अधिक टेस्ट हुए
अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य श्री रोहित कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश में शनिवार शाम तक करीब 25000 टेस्ट किए गए हैं और कोरोना टेस्टिंग के
मामले में महाराष्ट्र के बाद राजस्थान दूसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे
टेस्ट बढे़गे पॉजिटिव मरीजों की संख्या भी बढ़ सकती है ऐसे में संभावित स्थिति के लिए पहले से ही
तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि टेस्टिंग किट, दवाईयों
एवं उपकरणों की कमी होने पर उसकी सूचना दी जाए। टर्शरी केयर फैसिलिटी गंभीर स्थिति
वाले मरीजों के लिए रिजर्व रखी जाए। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर डेडिकेटेड
कोविड हैल्थ सेंटर्स चिन्हि्त कर पॉजिटिव पाये गये लोगों का ईलाज वहीं करने की
तैयारियां रखी जाएं। जहां जांच सुविधा उपलब्ध नहीं है वहां से सैम्पल लेकर नजदीक
के सेंटर पर भेजे जाएं।
वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के दौरान भीलवाड़ा
कलक्टर ने बताया कि जिले में कम्यूनिटी स्प्रेड रोकने के लिए किये गये उपायों से
संक्रमण को फिलहाल काबू में कर लिया गया है। 25 पॉजिटिव
रोगियों के नेगिटिव होने के बाद अभी जिले में सिर्फ एक पॉजिटिव है। प्रत्येक
सीएचसी से 10-10 सैंपल और हर डिस्पेंसरी से भी इतने ही
सैंपल इकट्ठे किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सर्वे के दौरान जिन लोगों में
फ्लू के लक्षण मिले है उनके भी सैंपल लिये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 14-14 दिन के 4 फेज
बनाकर संक्रमण की स्थिति में सुधार की मॉनिटरिंग की जा रही है।
टोंक कलक्टर ने बताया कि वहां पॉजिटिव
पाए गए लोगों के परिवारवालों और उनके संपर्क में आये रिश्तेदारों को आईसोलेट और
क्वारंटाइन किया गया है। जोधपुर कलक्टर ने बताया कि जिले में 24-27 मार्च तक ग्रामीण क्षेत्रों में 7 लाख 97 हजार
एवं शहरी क्षेत्रों में
3.50 लाख लोगों का सर्वे
किया गया और टे्रवल हिस्ट्री वाले लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया। उन्होंने
बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वे के लिए बीएलओ की मदद भी ली गई। 4000 से अधिक लोगों को ग्राम पंचायत स्तर पर
क्वारंटाइन किया गया।
कोटा कलक्टर ने बताया कि कोटा शहर में 2 हॉट-स्पॉट है वहां महाकफ्र्यू लगाया गया
है। जो लोग पॉजिटिव मिले हैं उनके रिश्तेदारों एवं पड़ोसियों को क्वारंटाइन किया
गया। बीकानेर कलक्टर ने जानकारी दी कि वहां प्रतिदिन 100 से ज्यादा सैंपल लिये जा रहे है।
उन्होंने बताया कि कोविड-19
से जिस महिला नूरजहां
की मृत्यु हुई थी उसके घर में 24
लोग पॉजिटिव पाये गये
हैं, जिनका इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया
कि स्क्रीनिंग के दौरान जिनमें फ्लूू के लक्षण पाये जा रहे हैं उन लोगों का टेस्ट
किया जा रहा है।
झुंझुनूं कलक्टर ने बताया कि एक लाख 23 हजार से अधिक परिवारों का सर्वे किया
गया है। जिले में कुल 31
पॉजिटिव मिले थे
जिनमें से 11 लोग विदेश से लौटकर आए थे। वीसी में
जैसलमेर एवं बांसवाडा कलक्टर ने भी वहां संक्रमण रोकने के लिये किये जा रहे उपायों
के बारे में जानकारी दी।
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