वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग : पर्याप्त मात्रा में वेंटिलेटर एवं टेस्ट किट का इंतजाम रखें - मुख्यमंत्री
जयपुर, 28 मार्च। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोविड-19 (कोरोना) के व्यापक संक्रमण को रोकने के लिए आने वाले समय में करीब दस हजार वेंटिलेटर एवं अधिक से अधिक टेस्ट किट की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग पर्याप्त मात्रा में वेंटिलेटर एवं टेस्ट किट का इंतजाम करके रखें।
श्री गहलोत ने आईसीएमआर से रैपिड टेस्ट
किट को मंजूरी मिलते ही इनकी जल्दी खरीद करने के निर्देश दिए ताकि अधिक संख्या में
लोगों की स्क्रीनिंग की जा सके। उन्होंने कहा कि इस रैपिड टेस्ट किट की मदद से
भीलवाड़ा में मास स्क्रीनिंग कर वहां संभावित कम्यूनिटी स्प्रेड को सही समय पर रोका
जा सकता है। उन्होंने वेंटिलेटर की खरीद भी जल्द से जल्द करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों से कोरोना
संक्रमण रोकने के उपायों पर चर्चा कर रहे थे।
भीलवाड़ा में संभावित कम्यूनिटी
ट्रांसमिशन रोकने पर हो पूरा फोकस
श्री गहलोत ने भीलवाड़ा जिले को कोरोना
का एपीसेंटर बनने से रोकने के लिए हरसम्भव उपाय करने को कहा। उन्होंने जिले से
किसी के बाहर जाने को पूरी तरह से रोकने और संदिग्ध रोगियों को आइसोलेशन में रखने
के साथ ही व्यापक स्तर पर स्क्रीनिंग एवं जांच करने के निर्देश दिए।
बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखा जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि बुजुर्गो को संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा है ऐसे में उन पर विशेष ध्यान दिया जाये।
विश्वभर के आंकड़े बताते हैं कि कोविड-19 से
होने वाली मौतों में सर्वाधिक संख्या 79 वर्ष
से अधिक की उम्र वाले बुजुर्गों की है। ऐसे में
आमजन में जागरूकता पैदा की जाये कि बच्चों एवं बुजुर्गों को दूसरों से ज्यादा घुलने-मिलने नहीं
दें जिससे उनमें संक्रमण का खतरा पैदा नहीं हो।
हैल्थ केयर वर्कर्स हमारे अग्रिम योद्धा
श्री गहलोत ने कहा कि चिकित्सक, नर्सेज एवं अन्य हैल्थ केयर वर्कर्स
हमारे अग्रिम योद्धा हैं ऎसे में इस बात का पूरा ध्यान रखना होगा कि उन्हें
संक्रमित होने से बचाने की पूरी तैयारी रखी जाए। डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ एवं पैरा मेडिकल स्टाफ सहित अन्य
हैल्थकेयर वर्कर्स की नियमित अंतराल पर जांच की जाये ताकि किसी के संक्रमित होने
का पता सही समय पर चल सके। वीसी के दौरान मुख्यमंत्री ने पूरे प्रदेश के अस्पतालों, मेडिकल कॉलेज एवं निजी चिकित्सालयों में
कोरोना संक्रमण की संभावित स्थिति के लिए की गई तैयारियों के बारे में पूरी
जानकारी ली।
पॉजिटिव रोगियों के संपर्क में आने
वालों की स्क्रीनिंग
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु
शर्मा ने बताया किकेंद्र सरकार की गाइड लाइन को फॉलो करते हुए एवं विश्व स्वास्थ्य
संगठन से निरंतर संपर्क स्थापित कर कोरोना संक्रमण रोकने के सभी उपाय किये जा रहे
हैं। पॉजिटिव पाए गए रोगियों के संपर्क में आने वालों की स्क्रीनिंग की जा रही है।
भीलवाड़ा जिले पर रखी जा रही है पूरी नजर
मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता ने बताया
कि शुक्रवार देर रात केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से दिए गए निर्देशों में दूसरे
राज्यों से आये लोगों को उनके गंतव्य स्थल तक पहुंचाने के बस एवं अन्य साधनों का
समुचित इंतजाम करने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि जिन राज्यों से लोग राजस्थान
आ रहे हैं उन राज्यों के प्रशासन से संपर्क स्थापित किया जा रहा है। इसके अलावा भीलवाड़ा
जिले पर पूरी तरह नजर रखी जा रही है।
रोटेशन पर लगाए जा रहे हैं डॉक्टर, नर्सेज
अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य श्री रोहित कुमार सिंह ने विशेषज्ञों एवं चिकित्सकों के साथ हुई
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान
सामने आए बिंदुओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी
तक 54 पॉजिटिव रोगी मिले हैं। डॉक्टर, नर्सेज एवं अन्य हैल्थकेयर वर्कर्स को
हाईरिस्क जोन में रोटेशन पर लगाया जा रहा है ताकि जरूरत पड़ने पर एक्स्ट्रा वर्कफोर्स
उपलब्ध रहे। साथ ही नियमित रूप से उनकी जांच भी किये जाने की व्यवस्था जा रही है।
उन्होंने कहा कि रैपिड टेस्ट किट को अमेरिकी एजेन्सी एफडीए से मंजूरी मिल गई है और
आईसीएमआर से मंजूरी मिलते ही उसकी खरीद की जायेगी ताकि जांच सुविधा का दायरा बढ़ाया
जा सके।
अभी टेस्ट क्षमता प्रतिदिन 1300 से 1500 तक
चिकित्सा शिक्षा सचिव श्री वैभव गालरिया
ने बताया कि फिलहाल सवाई मानसिंह चिकित्सालय में 1300 से
1500 तक की प्रतिदिन जांच की कैपेसिटी है।
महात्मा गाँधी मेडिकल कॉलेज को आईसीएमआर से मंजूरी मिलने के बाद 500 जांच प्रतिदिन और की जा सकेंगी।
उन्होंने बताया की अभी जितने संदिग्ध रोगी मिल रहे हैं, उनकी जांच के लिए पर्याप्त मात्रा में
किट उपलब्ध हैं। आने वाले समय में 10
हजार किट्स की
आवश्यकता रहेगी।
रैपिड डायग्नोस्टिक स्क्रीनिंग टेस्ट
किट ज्यादा कारगर
आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के निदेशक डॉ. एस.डी.
गुप्ता ने बताया कि भीलवाड़ा कोरोना वायरस का हॉटस्पोट बन सकता है क्योंकि अभी तक 50 प्रतिशत केस अकेले भीलवाड़ा से मिले हैं।
उन्होंने कहा कि वहां सर्विलांस के साथ-साथ संक्रमण रोकने के पर्याप्त उपाय करने
की जरूरत है। उन्होंने एफडीए द्वारा अप्रूव किए गए रैपिड डायग्नोस्टिक स्क्रीनिंग
टेस्ट किट का इस्तेमाल कर भीलवाड़ा में व्यापक जांच किए जाने का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि इस किट की खासियत यह है कि उससे कोई भी मेडिकल प्रैक्टिशनर जांच
कर सकता है और रिजल्ट भी बहुत जल्दी पता चल जाता है। सिंगापुर, ताईवान एवं दक्षिण कोरिया जैसे देशों ने
व्यापक स्तर पर जांचें कर इस वायरस पर नियंत्रण किया था।
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