कोरोना पॉजीटिव मरीजों की सेवा में लगे चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ को संक्रमण से बचाने के लिए सरकार गंभीर - चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री
जयपुर, 31 मार्च। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि कोरोना पॉजीटिव मरीजों की सेवा में लगे चिकित्सक और
नर्सिंग स्टॉफ को संक्रमण से मुक्त रखने के प्रति सरकार
गंभीर है। कोरोना से बचाव के लिए हाइड्रोसीक्लोरोक्वीन
सहित अन्य
दवा
पर्याप्त मात्रा में अधिग्रहित कर ली गई है।
डॉ. शर्मा ने कहा कि मेडिकल
स्टाफ को संक्रमण से बचाने के लिए विशेषज्ञों से प्राप्त सुझावों पर कार्यवाही की जा
रही है। उन्होंने कहा कि सरकार चिकित्सकों, मेडिकल स्टाफ, नर्सिंगकर्मियों, ड्राइवरों को कोरोना से संक्रमण मुक्त रखने
का हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं, ताकि वे बेफिक्र होकर
कोरोना प्रभावित मरीजों की सेवा कर सके।
राज्य में कोरोना पॉजीटिव
की संख्या 93 पहुंची, 14 हुए पॉजीटिव से नेगेटिव
चिकित्सा मंत्री ने बताया
कि दोपहर 3
बजे
तक राजस्थान में 24
नए
पॉजीटिव केस सामने आए हैं। राज्य में कुल पॉजीटिव की संख्या 93 हो गई है। उन्होंने कहा
कि 14
पॉजीटिव
मरीजों को हम पॉजीटिव से नेगेटिव में बदलने में कामयाब रहे हैं। उसमें से 4 की छुट्टी दे दी है जबकि
10
चिकित्सकों
की निगरानी में रहेंगे। उन्होंने बताया कि 31 मार्च को जयपुर से 9, जोधपुर, झुंझुनूं, डूंगरपुर, अजमेर, अलवर से 1-1, जैसलमेर से 3 व जोधपुर से 7 (इक्वेक्यूएट यात्री) पॉजीटिव
पाए गए हैं।
95 हजार क्वारेंटाइन बैड
चिन्हित
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा 1 लाख क्वारेंटाइन बैड बनाने
के निर्देश प्राप्त हुए थे। आदिनांक तक 95 हजार क्वारेंटाइन बैड
चिन्हित कर लिए गए हैं। इसके अलावा आइसोलेशन के 16000 बैड पूरे प्रदेश में उपलब्ध
हैं। उन्होंने बताया कि चिकित्सा विभाग की 27 हजार से ज्यादा टीमें
पिछले दिनों से एक्टिव सर्विलांस का काम कर रही हैं। टीमों ने प्रदेश भर में 86 लाख परिवारों के 3 करोड़ 60 लाख, 39 हजार 865 लोगों की स्क्रीनिंग कर
ली गई है। पैसिव सर्विलांस यानी ओपीडी में 30 लाख रोगियों की आदिनांक
तक स्क्रीनिंग की जा चुकी है।
कम्यूनिटी स्प्रेड से
बचाने के लिए स्क्रीनिंग में गति लाई जाएगी
डॉ. रघु शर्मा ने बताया
कि पड़ोसी राज्यों और देशों से भारी संख्या में अपने-अपने गांवों और शहरों में में आए
हैं,
जो
कि हमारे लिए सबसे बड़ी चिंता की बात है। ऎसे में एक्टिव सर्विलांस और स्क्रीनिंग का
काम तेज गति से करने का लक्ष्य दो-तीन दिन में करने का रखा है। उन्होंने कहा कि हालांकि
आने वाले सभी लोगों की स्क्रीनिंग का काम विभाग की टीमों ने किया है लेकिन जो लोग नए
आ रहे हैं उनकी स्क्रीनिंग, लक्षण मिलने पर सैंपलिंग और समयबद्ध तरीके
से उनकी जांच हो जाए तो ताकि राज्य को कम्यूनिटी स्प्रेडिंग के खतरे से बचा पाएं।
चिकित्सा सामग्री के लिए
धन की कोई कमी नहीं
डॉ. शर्मा ने कहा कि विभाग
के पास पर्याप्त मात्रा में वेंटीलेटर्स हैं। आरएमएससीएल को मांग के अनुसार वेंटिलेटर्स
खरीदने के आदेश दे दिए हैं। किसी भी तरह की खरीद के लिए धन की कोई कमी नहीं है। पीपीई
किट,
एन-95 मास्क, हैंड सेनेटाइजर और ट्रिपल
लेयर मास्क की कोई कमी नहीं है।
भीलवाड़ा में एक-एक व्यक्ति
की कर चुके कई बार स्क्रीनिंग
उन्होंने कहा कि चिकित्सक
कोराना से लड़ने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। भीलवाड़ा में प्रशासन और चिकित्सकों के
प्रयासों से कोरोना महामारी बनने से रूका है। वहां जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग
की रैपिड रेस्पोन्स टीमें, चिकित्सा विभाग के दल बेहतरीन काम कर रहे
हैं। भीलवाड़ा के ग्रामीण क्षेत्रों में 2000 और शहरी क्षेत्रों में
332
लोगों
की टीम शहर में जाकर लोगों को 2-2, 3-3 बार स्क्रीन कर चुकी है। उन्होंने बताया
कि एक्टिव सर्विलांस टीम द्वारा 28 लाख लोगों की अब तक स्क्रीनिंग की जा चुकी
है। तभी स्थिति थोड़ी नियंत्रित होती दिख रही है।
1600 से ज्यादा लोगों की हुई
ट्रेसिंग
डॉ. शर्मा ने कहा कि जहां
पॉजीटिव केस सामने आए हैं, वहां कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग का काम गंभीर हो
गया है। उनके सम्पर्को को तलाशने का काम जारी है। अभी तक 93 पॉजीटिव लोगों के संपर्क
में आए 1698
लोगों
को कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के दायरे में लाया गया है, लेकिन अब यह संख्या और
बढ़ सकती है क्योंकि जितने नए लोगों के संपर्क में मरीज आए होंगे उनकी भी ट्रेसिंग करवाई
जाएगी।
कोरोना जांच की प्रदेश
में कमी नहीं
डॉ. शर्मा ने कहा कि राज्य में जांच की सुविधा पर्याप्त
मात्रा में मौजूद है। एसएमएस अस्पताल में वर्तमान
में 300
से 400 जांचें
प्रतिदिन हो रही है। यहां 1300
से 1500 जांचे
की जा सकती है। साथ ही महात्मा गांधी अस्पताल की लैब में भी 500 से 1000 लोगों
की जांच की सुविधा मिल सकती है। इसके लिए आईसीएमआर को लिखा जा चुका है। उन्होंने कहा
कम्यूनिटी स्प्रेड राज्य में फैले नहीं इसके लिए सरकार चिंतित है और इसके लिए समयबद्ध
तरीके से काम भी कर रही है।
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