जयपुर, 20 मार्च। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 27 अप्रैल, 2005 से 31 दिसम्बर, 2019 तक
कृषि प्रसंस्करण के लिए राज्य के बाहर से आयात की गई चीनी एवं कृषि जिन्सों के लिए
बकाया मंडी शुल्क माफी योजना को मंजूरी दी है। योजना के तहत चीनी एवं कृषि जिन्सों
के अनुज्ञाधारियों को बकाया मूल मंडी शुल्क की 50 प्रतिशत
राशि और बकाया मंडी शुल्क पर लगाई गई समस्त ब्याज एवं शास्ति राशि माफ की जा सकेगी।
यह
योजना 31 मार्च, 2020 तक
प्रभावी रहेगी और इसके लिए मंडी समिति से अनुज्ञा पत्र प्राप्त कृषि प्रसंस्करण
इकाइयां ही पात्र होंगी। योजना के प्रावधानों के अनुसार छूट प्राप्तकर्ता को
भविष्य में लगातार मंडी शुल्क देने एवं यदि किसी न्यायालय में उसके द्वारा वाद
लंबित है तो उसे वापस लेने का शपथ पत्र देना होगा।
योजना
के तहत छूट प्राप्तकर्ता को छूट के लिए आवेदन के साथ आयात की गई कृषि जिन्सों के
बिलों एवं अन्य दस्तावेज की प्रति भी संलग्न करनी होगी। माफी योग्य बकाया मंडी
शुल्क पर दी गई छूट भविष्य में उदाहरण के लिए उपयोग नहीं ली जा सकेगी। वर्ष 2005 से अब तक जमा कराए गए मंडी शुल्क में से
कोई राशि वापस नहीं की जाएगी।
उल्लेखनीय
है कि विभिन्न व्यापार संघ एवं प्रसंस्करण इकाई संचालकों ने मूल मंडी शुल्क में
छूट देने के लिए आग्रह किया था। मुख्यमंत्री ने अब मूल मंडी शुल्क में छूट देते
हुए ’बकाया मंडी शुल्क माफी योजना’ के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस निर्णय
से व्यापारियों एवं प्रसंस्करण इकाई संचालकों को राहत मिलेगी।
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