कटाई के बाद खेतों में रखी फसलों के नुकसान के बीमा मुआवजे के लिए किसान को 72 घंटे में देनी होगी कम्पनी के टोल फ्री नम्बर पर सूचना
जयपुर,
27 मार्च। कटाई के बाद खेतों में सुखाने के लिए रखी फसल को बेमौसम
बरसात एवं ओलावृष्टि से हुए नुकसान के बीमा मुआवजे के लिए बीमित काश्तकार को आपदा
के 72 घंटे के भीतर सीधे बीमा कंपनी को टोल फ्री नंबर पर
सूचित करना होगा। साथ ही लिखित में अधिकतम 7 दिन में सूचना
देनी होगी। खड़ी फसल के खराब होने पर व्यक्तिगत आवेदन करने की जरूरत नहीं है।
कृषि विभाग
के आयुक्त डॉ. ओम प्रकाश ने बताया कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में हो रही बरसात
एवं ओलावृष्टि से रबी 2019-20 की अधिसूचित
फसलों में नुकसान हो रहा है। रबी 2019-20 प्रधानमंत्री फसल
बीमा योजना की गत 20 नवम्बर को जारी अधिसूचना के बिंदु
संख्या 11 (ख) पोस्ट हार्वेस्ट लोसेज में फसल कटाई के उपरांत
आगामी 14 दिनों तक खेत में सुखाने के लिए रखी अधिसूचित फसल
को चक्रवात, चक्रवाती एवं बेमौसम वर्षा तथा ओलावृष्टि की
स्थिति में फसल के नुकसान का आंकलन व्यक्तिगत बीमित फसली किसान के स्तर पर करने का
प्रावधान है। इन आपदाओं की हालत में बीमित फसली कृषक को आपदा के 72 घंटे के अंदर जिले के लिए अधिसूचित बीमा कम्पनी के टोल फ्री नम्बर पर तथा
लिखित में 7 दिन में अपने बैंक अथवा बीमा कम्पनी के एजेंट
अथवा कृषि विभाग के अधिकारियों को सूचित किया जाना जरूरी है। काश्तकार एग्रीकल्चर
इन्श्योरेंस कम्पनी ऑफ इंडिया लिमिटेड के 1800 116 515, एसबीआई
जनरल इन्श्योरेंस कम्पनी लिमिटेड के 1800 1232 310 एवं
एचडीएफसी एग्रो जनरल इन्श्योरेंस कम्पनी लिमिटेड के 1800 2660 700 टोल फ्री नम्बर पर सूचित कर सकते हैं।उन्होंने बताया कि खड़ी फसल बारिश या
ओलावृष्टि से खराब होती है तो व्यक्तिगत आवेदन करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने
बीमा कंपनियों के क्षेत्रीय प्रबंधकों को टोल फ्री नम्बर 24 घंटे
चालू रखवाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
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