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31 मार्च तक औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण नहीं होगा - प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड चेयरमैन


जयपुर, 20 मार्च। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन श्री पवन कुमार गोयल ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए 31 मार्च तक राज्य में किसी भी औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण नहीं होगा।

श्री गोयल शुक्रवार को यहां झालाना सांस्थानिक क्षेत्र स्थित बोर्ड कार्यालय में आयोजित वीडियो कान्फ्रेंस में क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्व में इस समय कोरोना वायरस का खौफ है तथा इस बीमारी से दिन प्रतिदिन मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना वायरस थर्ड फेस में पहुंच चुका है जिससे इस फेज में मरीजों की संख्या त्वरित गति से बढ़ सकती है। 

उन्होंने कहा कि इसको रोकने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार लगातार मॉनिटरिंग कर रही है तथा राज्य सरकार ने प्रदेश में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए कई फैसले लिए हैं। 

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए 31 मार्च तक मंडल के मुख्यालय तथा अन्य क्षेत्रीय कार्यालय में किसी भी आगंतुक को आने की इजाजत नही होगी। उन्होंने कहा कि कार्यालय के प्रवेश द्वार पर हैंड सैनिटाइजर का लगाया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि एंट्री गेट पर ही स्क्रीनिंग की व्यवस्था की जाए तथा मेडिकल किट लगाई जाए। उन्होंने कहा कि मंडल की पूरी बिल्डिंग को सेनीटाइज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय कार्यालय भी अपनी बिल्डिंग सैनिटाइज करवाएं तथा इसमें किसी भी प्रकार के बजट के अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है। 

श्री गोयल ने कहा कि 31 मार्च तक मंडल के कर्मचारी रोस्टर प्रणाली के आधार पर आएंगे। उन्होंने कहा कि मंडल में सहायक निदेशक एवं उससे ऊपर के सभी अधिकारी नियमित आएंगे साथ ही सहायक पर्यावरण अधिकारी, वैज्ञानिक अधिकारी तथा एएओ भी प्रतिदिन आएंगे। उन्होंने कहा कि इसके नीचे के सभी व्यक्तियों पर 50 प्रतिशत का रोस्टर लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत को रोस्टर के हिसाब से बुलवाना ग्रुप इंचार्ज सुनिश्चित करेंगे।

उन्होंने कहा कि फार्मेसी से संबंधित मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के सीओ को तत्काल प्रभाव से निस्तारित किया जाएगा साथ ही फार्मेसी के नए सीटीई तथा नए सीटीओ के केसेज को तत्काल प्रभाव से सोमवार तक निस्तारित किया जाएगा।उन्होंने कहा कि अगर फार्मा में इसमें से संबंधित कोई इंस्पेक्शन या निरीक्षण बाकी है तो उसमें शर्तें डालकर 3 महीने की प्रोविजनल अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सीपीसी की अलग से गाइडलाइंस जारी की जा चुकी है तथा यह विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

बोर्ड की सदस्य सचिव श्रीमती शैलजा देवल ने कहा कि कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए हम सभी को एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभानी होगी तथा यह हम सभी का प्रयास होना चाहिए कि मिनिमम इंटरेक्शन करें जिससे कि यह संक्रमण नहीं फैलें।

श्री गोयल ने बैठक में बोर्ड के कार्यों की भी समीक्षा करते हुए कहा कि एप्लीकेशन के निस्तारण से संबंधित सभी प्रकरणों का तय समय में निस्तारण सुनिश्चित करें। अधिकारी इसमें बेवजह देरी नहीं करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि पूर्ण विचार-विमर्श के पश्चात् ही क्लोजर डायरेक्शन जारी करें और उसके बाद पालना सुनिश्चित कराएं। उन्होंने इसके लिए क्षेत्रीय अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की।

बोर्ड चेयरमैन ने सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज प्रकरणों की समीक्षा करते हुए तीन महीने से पुराने सभी प्रकरणों को त्वरित निस्तारण करने के निर्देश दिए। उन्होंने निरीक्षण के लम्बित प्रकरणों एवं कारण बताओ नोटिस सहित विभिन्न प्रकरणों की बिन्दुवार समीक्षा कर अधिकारियों को निर्देशित किया।  

 वीडियो कॉन्फ्रेंस में मुख्य पर्यावरण अभियंता श्री वी.के सिंघल सहित मुख्यालय में पदस्थापित उच्च अधिकारी उपस्थित थे।
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